स्पिरुलिना की खेती कैसे करें | Spirulina Farming in Hindi | स्पिरुलिना के फायदे


स्पिरुलिना की खेती (Spirulina Farming in Hindi)

स्पिरुलिना की खेती कर एक विशेष प्रकार का बैक्टीरिया उत्पन्न किया जाता है| जिसे साइनोबैक्टीरियम नाम से जानते है| यह सामान्य तौर पर नीले-हरे शैवाल के जैसा होता है| इसे ताजे और खारे पानी में उगाया जाता है| यह पौधे की तरह ही प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के द्वारा सूर्य से ऊर्जा उत्पन्न करता है| यह नदियों और क्षारीय तालाबों के गर्म पानी में बढ़ता है| इसमें प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण घटक है| इसे मानव और पशु उपभोग में प्रोटीन की मात्रा को पूरा करने के लिए विशेष रूप से उगाया जाता है| स्पिरुलिना में प्रोटीन की 40 से 80% तक प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है, तथा इसकी विकास दर भी अधिक होती है|

स्पिरुलिना की खेती में बहुत ही कम भूमि और पानी की जरूरत होती है| इसमें औषधीय गुण अधिक मात्रा में पाए जाते है, जिस वजह से इसे व्यापारिक उद्देश्य से भी उगाया जाता है| क्योकि यह कमाई का भी एक बहुत अच्छा जरिया है| बाज़ारो में स्पिरुलिना की कीमत भी काफी अच्छी होती है| स्पिरुलिना से गोलियों को तैयार कर बेचने का कार्य देश के बड़े – बड़े व्यापारियों द्वारा किया जाता है| यदि आप भी स्पिरुलिना की खेती कर ज्यादा कमाई करने के मन बना रहे है, तो इस लेख में आपको स्पिरुलिना की खेती कैसे करें (Spirulina Farming in Hindi) और स्पिरुलिना के फायदे के बारे में बताया जा रहा है|

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स्पिरुलिना के फायदे (Spirulina Benefits)

  • ब्लड शुगर को नियंत्रण के लिए :- स्पिरुलिना हमारे शरीर में मौजूद ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है, जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए अधिक लाभकारी माना जाता है| स्पिरुलिना ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने और सूजन की समस्या को कम करने में भी सहायता प्रदान करता है| जिस वजह से स्पिरुलिना को समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छा स्त्रोत कहा जाता है|
  • वजन घटाए में लाभकारी :- जो लोग अपना वजन कम करना चाहते है, उन्हें स्पिरुलिना का सेवन करना चाहिए| इसमें फैटी एसिड, बीटा कैरोटीन और क्लोरोफिल के अलावा अन्य कई पोषक तत्व भी पाए जाते है| जो शरीर में मौजूद चर्बी को कम करने में सहायता प्रदान करती है| स्पिरुलिना खाकर व्रत रखने से अधिक समय तक भूख नहीं महसूस होती है|
  • त्वचा संबंधित उपचार में :- इसमें आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ई, विटामिन ए और विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्व मौजूद होते है, जो त्वचा को चमकदार बनाये रखते है| यह त्वचा के रंग को निखरता है, जिससे आप लंबे समय तक जवान बने रहते है| स्पिरुलिना आँखों के नीचे पड़े डार्क सर्कल्स को भी दूर करता है|
  • कैंसर की रोकथाम :- यह कैंसर जैसी गंभीर समस्या से भी बचाता है| यह शरीर में एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट एजेंट के रूप में कार्य करते है| स्पिरुलिना में पोषक तत्व की भरपूर मात्रा पायी जाती है, जो शरीर में उपस्थित हानिकारक फ्री रेडिकल्स को नष्ट कर देता है|
  • लिवर को भी स्वस्थ बनाए :- इसमें प्रोटीन और फाइबर भी अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो लिवर को स्वस्थ कर मजबूती प्रदान करता है| यह लिवर को सिरोसिस व् पिहेपेटाइटिस रोग के खतरे से दूर रखता है|
  • हृदय स्वस्थ में लाभकारी :- स्पिरुलिना शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का कार्य करता है| जिससे रक्त – दाब नियंत्रित रहता है, और दिल भी स्वस्थ बना रहता है| यदि आप स्पिरुलिना का सेवन विशेष रूप से करते है, तो आपके हार्ट का ब्लड फ्लो अच्छा बना रहता, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां भी बहुत कम होती है|
  • इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए :- हमारे शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए इम्युनिटी विशेष रूप से कार्य करती है| स्पिरुलिना का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, और कोशिकाओं का भी अधिक मात्रा में उत्पादन होता है|
  • तनाव को दूर करने में :- स्पिरुलिना का सेवन मानसिक तनाव को दूर करने में भी सहायता प्रदान करता है| इसमें फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 की भरपूर मात्रा पायी जाती है| जो दिमाग को ऊर्जा प्रदान करता है, और नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण कर डिप्रेशन जैसी बीमारियों के खतरे को कम करता है|
  • आंखों की समस्याओ में लाभकारी :- इसमें विटामिन ए की पर्याप्त मात्रा पायी जाती है, जो आँखों से जुड़ी बीमारियों को दूर करता है| स्पिरुलिना जेराट्रिक मोतियाबिंद, रेटिनाइटिस, नेफ्रैटिक रेटिनल के इलाज में भी मदद करता है| यह आँखों की रौशनी को बढ़ाने और आंख की मांसपेशियां को मजबूती प्रदान करता है|
  • गर्भावस्था में भी सहायक :- इसमें आयरन और फाइबर अधिक मात्रा में उपस्थित होता है| जो गर्भवती महिलाओ में आयरन की कमी को दूर करता है| इसके अलावा शरीर में रक्त की कमी भी दूर होती है| यह एनीमिया और कब्ज की समस्या को दूर करने में भी सहायता प्रदान करता है|

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स्पिरुलिना फार्मिंग के लिए उपयुक्त जलवायु, तापमान (Spirulina Farming Suitable Climate, Temperature)

यदि आप स्पिरुलिना का उत्पादन बड़े पैमाने पर करना चाहते है, तो उसके लिए आपको उपयुक्त जलवायु वाले क्षेत्रों की जरूरत होती है| इसके लिए उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय स्थानों की जरूरत होती है| इसके अलावा इसे पूरे ही वर्ष धूप चाहिए होती है| जलवायु के अनुसार स्पिरुलिना की विकास दर बढ़ती है, और उत्पादन भी अच्छा प्राप्त होता है| उच्च प्रोटीन वाले स्पिरुलिना का उत्पादन 22 से 38 डिग्री के मध्य अच्छे से होता है|

ब्लीचिंग ऑफ़ कल्चर्स तब देखने को मिलता है, जब तापमान 35 डिग्री से ऊपर हो, तथा 20 डिग्री से कम तापमान पर यह जीवित नहीं रह पाता है|

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स्पाइरुलीना को उगाने की विधि (Spirulina Growing)

स्पिरुलिना की खेती करने के लिए आपको बहुत कम जगह की जरूरत होती है| इसके लिए आप एक टैंक तैयार कर सकते है, या फिर एक गड्डा बनाकर उसमे प्लास्टिक को बिछा कर सकते है| इस तैयार गड्डे में पहले पानी डाला जाता है, डाले गए पानी का P.H. लेवल 9 से 11 के मध्य होना चाहिए| इसके बाद एक कपड़े में मदर स्पाइरुलीना को लेकर उसका छिड़काव खेती वाले पूरे क्षेत्र में करे| तैयार की गयी नालियों में इस बात का विशेष ध्यान रखे कि नाली की लम्बाई उसकी चौड़ाई से दोगुनी रखे|

इसके बाद नाली में भरे पानी को हाथ से या किसी और चीज से हिलाते रहे| इससे स्पाइरुलीना का फैलाव पूरे पानी हो जाता है, और यह तैयार भी जल्दी हो जाता है| सभी जीवो में प्रकाश का संश्लेषण बहुत महत्वपूर्ण होता है| इसके लिए जल का स्तर नियमित होना चाहिए| क्योकि अधिक गहरे जल स्तर में सूर्य का प्रकाश ठीक से प्रवेश नहीं कर पाता है, और शैवाल का विकास भी प्रभावित होता है| 20 CM के स्तर तो आदर्श जल स्तर कहा गया है| कल्चर मीडियम का रासायनिक निर्माण इस प्रकार है:-

रासायनिक घटक एकाग्रता की मात्रा ग्राम प्रति लीटर में :-

  • पोटेशियम नाइट्रेट (KNO3) 2.0 GM
  • यूरिया (CO(NH2)2) 0.015 GM
  • पोटेशियम सल्फेट (K2SO4) 1.0 GM
  • सोडियम क्लोराइड (NaCl) 1.0 GM
  • अमोनियम फॉस्फेट ((NH4)3PO4) 0.2 GM
  • सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) 8.0 GM
  • अमोनियम साइनेट (CH4N2O) 0.009 GM
  • आयरन सल्फेट हेप्टाहाइड्रेट (FeSO4.6H2O) 0.005 GM
  • कैल्शियम क्लोराइड डाइहाइड्रेट (CaCl2.2H2O) 0.1 GM
  • हाइड्रस मैग्नीशियम सल्फेट (MgSO4.6H2O) 0.16 GM

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स्पाइरुलिना का उत्‍पादन (Spirulina Production)       

स्पाइरुलिना का उत्पादन आप सुविधाजनक आकार की सीमेंट या प्लास्टिक के टैंको को तैयार कर करते है| तैयार किये गए टैंक का आकार 10 x 5 x 1.5 फ़ीट होना चाहिए| इसके बाद इस टैंक में तक़रीबन 1000 लीटर पानी को भर दे| इस पानी की गहराई एक से दो फ़ीट तक ही हो| गर्म जलवायु शैवाल अच्छी तरह से विकास करता है| इसके लिए तापमान 25 से 38 डिग्री के मध्य हो| सर्दियों के मौसम में ठंडे पानी को हीटर लगाकर भी गर्म कर सकते है| स्‍पाइरूलि‍ना का उत्पादन मदरकल्‍चर या बीज के द्वारा किया जाता है| एक हज़ार लीटर पानी में तक़रीबन 1 किलोग्राम स्पार्लीलीन मदरकल्‍चर की जरूरत होती है|

इसके अलावा 5 ग्राम सोडियम क्लोराइड, 8 ग्राम सोडियम बायकार्बोनेट, 0.5 ग्राम पोटेशियम सल्फेट, 0.2 ग्राम यूरिया, 0.052 मिलीलीटर फॉस्फोरिक एसिड, 0.16 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट और 0.05 मि‍ली आयरन सल्फेट (प्रति लीटर पानी के हिसाब से) का मिश्रण तैयार कर टैंक में डाले| आप स्पाइरुलिना स्‍टार्टर कि‍ट को किसी भी ऑर्गेनिक स्टोर से खरीद सकते है| इस किट में मदरकल्चर उगाने वाला घोल होता है|

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स्पिरुलिना की खेती में लागत और लाभ (Spirulina Cultivation Cost and Benefits)

किसान भाई मिट्टी के गड्डो को प्लास्टिक शीट से ढककर कम निवेश में स्पिरुलिना का उत्पादन कर सकते है| किसान स्पिरुलिना को उगाने के लिए 10 x 20 फीट आकार वाले तालाब को तैयार करना होता है| इसी आकार वाले तक़रीबन 20 तालाब तैयार कर ले| एक तालाब का औसतन वेट कल्चर उत्पादन 2 KG प्रति दिन होता है| जिसमे 1KG गीले कल्चर से 100 GM सूखा पाउडर प्राप्त हो जाता है| इस तरह से आपके पास 20 टैंक है, जिससे आपको 4 से 5 KG सूखा स्पिरुलिना पाउडर का उत्पादन प्राप्त हो जाता है, तथा एक महीने में तक़रीबन 100 से 130 KG स्पिरुलिना की पैदावार मिल जाती है|

स्पिरुलिना पाउडर की बाज़ारी कीमत तक़रीबन 600 प्रति किलोग्राम तक होती है, जिससे आप प्रति माह 40 से 45 हज़ार रूपए तक की कमाई कर सकते है|

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स्पिरुलिना फार्मिंग ट्रेनिंग केंद्र (Spirulina Farming Training Center)

यदि आप स्पिरुलिना का उत्पादन करना चाहते है, तो उसके लिए आपको स्पिरुलिना फार्मिंग ट्रेनिंग करना जरूरी होता है| क्योकि इसमें गलती होने पर उपज ख़राब हो जाती है| जिस वजह से व्यावहारिक अनुभव होना जरूरी है|

प्रशिक्षण केंद्र की सूची:-

  • GM स्पिरुलिना, C/S नंबर 121/1, सेंट्रल एडमिन के सामने।
  • बिल्डिंग इंदिरा कॉलोनी, उरुनइस्लामपुर, महाराष्ट्र 415409, Phone NO. :- 075075 16006
  • चावड़ी स्पिरुलिना ट्रेनिंग, फ्लैट नंबर 301, प्रेरणा आर्केड बिल्डिंग, Opptarakpur Bas Stand, अहमदनगर
  • Mudes1 स्पिरुलिना, स्ट्रीट नंबर 1, येराबोडा, उप्परपल्ली, हैदराबाद, तेलंगाना Contact No. :- 500030, +91 092966 01789
  • नल्लयन सतत विकास अनुसंधान केंद्र, गांव नवलोर, जिला कांचीपुरम, तमिलनाडु Phone :- 044- 28193063 (कार्यालय), Mobile NO. : 98840-00413, 98840-00414
  • स्पिरुलिना एंटरप्रेन्योर रिसर्च सेंटर, डोन, जिला कुरनूल , आंध्र प्रदेश +91 9490884164
  • स्पाइरुलिना प्रोडक्शन, रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर, कोंडायमपट्टी गांव, मदुरै ब्लू ग्रीन शैवाल के संरक्षण और उपयोग के लिए केंद्र, सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग, भाकृअनुप- IARI, नई दिल्ली-110012

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