गोबर गैस बनाने की विधि | गोबर गैस के बारे में जानकारी [गोबर गैस प्लांट लागत, सब्सिडी व चित्र]


गोबर गैस बनाने की विधि से सम्बंधित जानकारी

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुओ को विशेष स्थान प्राप्त होता है। इन्ही पशुओं से हमें बड़ी मात्रा गोबर मिल जाता है | जिसका इस्तेमाल खाद के रूप में सकते है | किसानो को ईंधन और उवर्रक की कमी के चलते कई तरह की समस्याए उठानी पड़ती है, क्योकि उनके पास लकड़ी और गोबर के अतिरिक्त कोई और साधन उपलब्ध नहीं है | ऐसे में यदि किसान गोबर को खाद के रूप में उपयोग करता है, तो भूमि की उवर्रकता कम होने लगती है, और फसल को संतुलित पोषक पदार्थ नहीं मिल पाते है, और अगर अधिक मात्रा में रासायनिक उवर्रक का उपयोग करेंगे तो पर्यावरण प्रदूषित होने लगेगा, तथा उपयोग में लागत भी अधिक आएगी| ऐसे में गोबर का दोहरा उपयोग करके इन समस्याओ का समाधान पा सकते है | आज के वैज्ञानिक युग में गोबर का उपयोग कर बायोगैस संयंत्र, खाद, ईंधन व रोशनी प्राप्त कर सकते है | अगर आप गोबर का उपयोग सिर्फ कंडे बनाकर जलाने में करते है, तो आपको सिर्फ राख मिलेगी, और आप खाद से वंचित रह जाएंगे |

गोबर में ऊर्जा की मात्रा काफी अधिक होती है, आप गोबर को गोबर गैस प्लांट से किण्वन करके निकाल ले, इससे आपको भारी मात्रा में ऊर्जा मिल जाएगी | इस ऊर्जा का इस्तेमाल आप प्रकाश, ईंधन और कम हॉर्स पावर वाले डीज़ल इंजन को चलने के लिए कर सकते है | इसके साथ ही गैस प्लांट से निकलने वाले गोबर का उपयोग खाद की तरह कर सकते है | इससे किसान ईंधन और खाद दोनों की बचत कर सकेंगे | यहाँ पर आपको गोबर गैस बनाने की विधि और गोबर गैस के बारे में जानकारी [गोबर गैस प्लांट लागत, सब्सिडी व चित्र] जैसी सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है |

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गोबर गैस के बारे में जानकारी (Gobar Gas Information)

इसे बायोगैस जीवाश्म ईंधन या मृत जैवसामग्री द्वारा बनाया जाता है | बायोगैस के प्लांट को अधिक पसंद किया जाता है | क्योकि इसमें मौजूद कम मात्रा में कार्बन वातावरण को हानि नहीं पहुंचाता है | गोबर गैस के प्लांट को कई तरह से तैयार कर डिज़ाइन कर सकते है | इसे गोबर और पानी के घोल से चलाते है | प्लांट में गोबर को डालने के लिए 1 फुट चौड़ा और 4 फुट ऊँचा आर.सी.पी पाइप लगा होता है, तथा गोबर को निकालने के लिए चौड़े पाइप को लगाते है | इस पाइप से गोबर गैस का दबाव पड़ने से बाहर आ जाता है | गैस को एकत्रित करने के लिए गैस निकासी के स्थान पर प्लास्टिक पाइप का इस्तेमाल किया जाता है | इस प्लांट में गोबर को सूखने के लिए बहुत कम समय लगता है, जिस वजह से इसे जमा करने के लिए किसी गडढे की जरूरत नहीं होती है |

गोबर गैस प्लांट बनाने में लागत (Gobar Gas Plant Build Cost)

कृषि विभाग के ADO डॉ. विजय कुमार के अनुसार 3 से 4 पशु होने पर 2 क्यूब मीटर वाला सबसे छोटे प्लांट का निर्माण कर सकते है | इस प्लांट में प्रतिदिन 50 KG गोबर की आवश्यकता होती है | इससे इतनी गैस प्राप्त हो जाती है, कि परिवार के 4 से 6 सदस्यों का खाना बनाया जा सकता है | इस छोटे प्लांट के निर्माण में तक़रीबन 19 हज़ार रूपए का खर्च आ जाता है | वही अगर आप बड़े आकार वाला प्लांट बनाते है, तो गैस की मात्रा भी बढ़ती जाती है | 3 क्यूब मीटर प्लांट में 23 हज़ार की लागत आती है, जिसमे 5 से 6 पशु और रोजाना 75 KG गोबर की जरूरत होती है | 4 क्यूब वाले प्लांट में 7-9 पशु और रोजाना 100 KG गोबर तथा लागत 29 हज़ार रूपए आती है | 6 क्यूब मीटर आकार वाले प्लांट में 10-12 पशु रोजाना तक़रीबन 125 KG गोबर और लागत 32 हज़ार रूपए लगती है |

गोबर गैस प्लांट का निर्माण करने में लगने वाली सामग्री (Gobar Gas Plant Build Materials)

  • ईंट (brick)
  • सीमेंट (Cement)
  • बजरी (Gravel)
  • रेत (Sand)
  • पाइप (Pipe)
  • काला पेंट (Black Paint)
  • गैस पाइप और बर्नर (Gas Pipe and Burner)

गोबर गैस प्लांट के 5 सेक्शन (Gobar Gas Plant 5 Sections)

  • इनलेट टैंक (Inlet Tank)
  • डाइजेस्टर वेसेल (Digester Vessel)
  • डोम (Dome)
  • आउटलेट चैंबर (Outlet Chamber)
  • कम्पोस्ट पिट्स (Compost Pits)

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गोबर गैस से बिजली बनाने की विधि (Cow Dung Gas Make Electricity From )

इसके लिए सबसे पहले आपको गैस प्लांट में गोबर, पानी और गोमूत्र डालकर मिलाना होता है | यह मिश्रण तैयार होने पर फीड स्टॉक डाइजेस्टर वेसल में चला जाता है | इस डाइजेस्टर विधि से उत्पन्न मीथेन गैस गुंबद में जमा हो जाती है | इस गैस की निकासी के लिए गुंबद में पाइप लगा होता है | इसके बाद डाइजेस्टर का घोल मैनहोल से होकर चैंबर में जमा होने लगता है, और तेज बहाव के कारण कम्पोस्ट पिट्स में जा पहुँचता है | जिसे निकालकर खेत में खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है |

गोबर गैस के प्रमुख फ़ायदे (Gobar Gas Major Benefits)

  • खाना पकाने में :- लगभग सभी लोग खाना बनाने के लिए अपने घरो में LPG Gas सिलिंडर का उपयोग करते है | लेकिन लगातार बढ़ती महंगाई की वजह से गैस की कीमतों में बढ़ोतरी होती रहती है | ऐसे में आप गोबर गैस का उपयोग कर अपने पैसो की बचत कर सकते है | अगर आप खाना बनाने के लिए बायोगैस (Gobar Gas) का इस्तेमाल करने वाले है, तो उसके लिए आपको एक बर्नर खरीदना होता है |
  • घर की बिजली में :- साधारण बिजली की तरह ही हम अपने घर में बायोगैस का इस्तेमाल कर सकते है | इसके अतिरिक्त इस गैस को मेंटल लैंप्स में भी इस्तेमाल कर सकते है |
  • वाहन उपयोगी :- हम डीजल से चलने वाले वाहनों जैसे ट्रक और कार में भी बायोगैस का इस्तेमाल कर सकते है | इसके अलावा रिक्शा चलने के लिए भी गोबर गैस उपयोगी साबित हो सकती है |

गोबर गैस प्लांट सब्सिडी (Gobar Gas Plant Subsidy)

देश की सरकार गोबर गैस प्लांट को स्थापित करने के लिए सब्सिडी भी प्रदान कर रही है, तथा योजना के निष्पादन के लिए ग्राम पंचायतो द्वारा लाभार्थियों का चयन किया जाएगा | गैस प्लांट योजना में केवल उन लोगो को शामिल किया जाएगा, जो कुल लागत का 40% खर्च खुद वहन कर सकने में सक्षम होंगे | बाकी की बची शेष 60 प्रतिशत राशि को योजना द्वारा प्रदान किया जाएगा | देश के केंद्रीय रक्षा मंत्री ने जिस बेंती गांव को गोद लिया है, उसमे ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए गोबर गैस प्लांट को स्थापित करने की योजना आरम्भ कर दी गयी है | अभी तक जहा किसान गोबर को खुले में रख देते थे, जिसके बाद गोबर सूखकर बिखर जाता था |

इन सूखे गोबरो में कई प्रकार के कीड़े पड़ जाते थे, जिससे खेत में अनेक तरह की बीमारियाँ फैलने लगती थी, तथा फसल और खेत दोनों को नुकसान होता था | इस प्लांट को स्थापित करने में 22 हज़ार रूपए की लागत आ जाती है | इसमें राज्य सरकार द्वारा 9 हज़ार रूपए की सब्सिडी सामान्य जाति वाले लोगो को तथा 11 हज़ार रूपए की सब्सिडी अनुसूचित जाति वाले लाभार्थियों को प्रदान की जाएगी |

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