तेजपत्ता की खेती कैसे करे | Bay Leaf Farming in Hindi | तेजपत्ता का भाव


तेजपत्ता की खेती (Bay Leaf Farming) से सम्बंधित जानकारी

तेज पत्ता की खेती मसाला फसल के लिए की जाती है | इसका पत्ता शुष्क और सुगन्धित होता है, जिसे  अधिकतर खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए इस्तेमाल में लाते है | इसके अलावा इसे बीमारियों के उपचार के लिए औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, किन्तु इस चीज की जानकारी बहुत ही कम लोगो को होती है | पूरे विश्व में तेज पत्ता की खेती रूस, फ्रांस, इटली, भारत,बेल्जियम, उत्तर अमेरिका और मध्य अमेरिका में की जाती है | भारत में तेज पत्ता का उत्पादन वर्षो के किया जा रहा है | भारत के केरल, कर्नाटक, बिहार राज्यों समेत पूर्वी उत्तर भारत के पहाड़ी इलाको में भी तेजपत्ता की खेती आम तौर पर की जाती है |

यह औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है, जिसकी पत्तियों का इस्तेमाल दालचीनी के साथ करके आसानी से वजन घटा सकते है | तेज पत्ता की खेती के लिए राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड द्वारा किसानो को 30 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान दिया जा रहा है | किसान भाई तेज पत्ता की खेती से कर अधिक मुनाफा भी कमा रहे है | यदि आप भी तेज पत्ता की खेती करना चाहते है, तो इस लेख में आपको तेजपत्ता की खेती कैसे करे (Bay Leaf Farming in Hindi) तथा तेजपत्ता का भाव की जानकारी दे रहे है |

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तेज पत्ता क्या है (Bay Leaf Introduction)

तेज पत्ता एक सदाहरित वृक्ष है, जिसकी ऊंचाई 7.5 मीटर तक पाई जाती है | इसके तनो पर आने वाली छाल गहरे भूरे रंग की थोड़ी खुरदरी, कृष्णाभ, स्वाद में फीकी, दालचीनी की तुलना में कम सुगन्धित तथा बाहरी भाग हल्का गुलाबी होता है | जिसके ऊपर लाल सफ़ेद रंग की धारिया बनी हुई होती है | इसके पत्तो की बनावट बिल्कुल सरल, 10 से 12.5 CM लम्बा, विपरीत एकांतर, विविध चौड़ाई, नोकदार, चमकीला, अंडाकार और 3 शिराओ से युक्त सुगन्धित व् स्वाद में तीखापन होता है | इसके वृक्ष पर आने फूल हल्के पीले, तथा नए पत्ते गुलाबी रंग के होते है | इसके फलो का आकार मांसल, लाल रंग का, अंडाकार और 13 MM लंबा होता है |

तेज पत्ता के पोषक तत्व (Bay Leaf Nutrients)

तेज पत्ता में कई पोषक तत्व मौजूद होते है| इसमें मिलने वाले पोषक तत्व इस प्रकार है:- 100 GM तेज पत्ता में 5.44 GM पानी, प्रोटीन 7.61 GM, फैट 8.36 GM, 74.97 GM कार्बोहाइड्रेट, 313 कैलोरी, 43 MG आयरन, 834 MG कैल्शियम, 46.5 ML विटामिन सी, 26.3 फाइबर की मात्रा पाई जाती है |

तेज पत्ता के उपयोग (Bay Leaf Uses)

  • अनेक पोषक तत्वों से भरपूर तेज पत्ता का उपयोग कई रोगो के उपचार में दवा के तौर पर करते है |
  • त्वचा संबंधित रोग व बालो के स्वास्थ के लिए भी तेज पत्ता काफी फायदेमंद होता है |
  • तेज पत्ता में पाए जाने वाले तेल का इस्तेमाल इत्र, साबुन और कॉस्मेटिक उधोग में क्रीम को बनाने के लिए करते है |
  • इसमें एस्ट्रिंजेंट गुण पाया जाता है, जो त्वचा को गहराई से साफ कर निखारता है |
  • मुहासों से उत्पन्न सूजन को कम करने में भी तेज पत्ता कारगर पाया गया है |
  • इसमें एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते है, जो बालो की जड़ो को बैक्टीरियल संक्रमण और फंगल जैसी समस्या से दूर रखता है |
  • पारम्परिक रूप से तेज पत्ता के अर्क का इस्तेमाल किडनी और पेशाब में मौजूद पथरी के इलाज के लिए किया जाता है, जिस वजह से यह किडनी के लिए फायदेमंद है |
  • एक शोध के अनुसार तेज पत्ता से निकलने वाला अर्क कोलेस्ट्रॉल सीरम स्तर कम करने में लाभकारी साबित होता है, जिस वजह से हृदय का स्वास्थ भी ठीक बना रहता है |
  • इसके अलावा दंत रोग, कैंसर, मधुमेह जैसे अन्य बीमारियों के उपचार में भी तेज पत्ता का इस्तेमाल दवाई के रूप में करते है |
  • मक्खी और तिलचट्टों को खाने वाले चीज से दूर रखने के लिए भी तेज पत्ता का इस्तेमाल करते है |

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तेज पत्ता की खेती के लिए उपयुक्त भूमि (Bay Leaf Cultivation Land)

तेज पत्ता की खेती के लिए उपजाऊ भूमि उपयुक्त होती है | इसके अलावा कार्बनिक पदार्थो से युक्त भूमि में तेज पत्ता के वृक्ष तेजी से वृद्धि करते है | इसकी खेती में 6 से 8 पी. एच. मान वाली भूमि उपयुक्त होती है | तेज पत्ता के पौधों उष्ण और ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों में सफलता पूर्वक उगाए जा सकते है |

तेज पत्ता पौध रोपाई (Bay Leaf Transplanting)

तेज पत्ता की बुवाई बीज के रूप में न करके पौध तैयार कर की जाती है, क्योकि बीजो से फसल उगाना काफी मुश्किल होता है | बीज के रूप में बुवाई करना कठिन होता है, क्योकि आंशिक रूप से बीजो की अंकुरण दर, फली हटाए हुए ताजे बीज के अंकुरण दर और लंबी अंकुरण विधि आमतौर पर 40 प्रतिशत तक होती है | इसके अलावा सूखे हुए बीज की अंकुरण दर और भी घट जाती है | इसके बीजो को अंकुरित होने में 50 दिन या उससे अधिक समय लग सकता है |

बीज अंकुरण से पहले बीज के सड़ जाने का खतरा भी होता है | इन्ही समस्याओ को देखते हुए ही पौध द्वारा रोपाई करना सबसे श्रेष्ठ होता है | पौधों की रोपाई के लिए खेत में गड्डे तैयार किये जाते है, जिसमे पौध से पौध के मध्य 4 से 6 मीटर की दूरी रखी जाती है | इसकी खेती में पानी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए, तथा सर्दियों में गिरने वाले पाले से पौधों को बचाना होता है | इसके अलावा कीट रोगो से बचाव के लिए प्रति सप्ताह पौधों पर नीम के तेल का छिड़काव किया जाता है |

तेज पत्ता के पौधों की सिंचाई (Bay Leaf Plants Irrigation)

तेज पत्ता की फसल में बहुत ही कम सिंचाई की जरूरत होती है | गर्मियों के मौसम में इसके पौधों को सप्ताह में एक बार पानी देना होता है, तथा बारिश के मौसम में समय से बारिश न होने पर ही सिंचाई करे, अन्यथा न करे | सर्दियों के मौसम में जरूरत के अनुसार हल्की सिंचाई की जा सकती है, किन्तु ठंड में गिरने वाले पाले से पौधों को बचाने की आवश्यकता होती है |

तेज पत्ता के रोग (Bay Leaf Diseases)

  • तेज पत्ता के पौधों में बहुत ही कम कीट और रोग देखने को मिलते है, किन्तु कुछ साधारण कीट पतंगे है, जो तेज पत्ता की फसल में देखने को मिल सकते है | इसमें हार्ड शैलेड स्केल, एफिड्स और माईट्स कीट शामिल है |
  • इन कीटो के प्रकोप से पौधों को बचाने के लिए फसल पर नीम के तेल का छिड़काव करे, और पौधों के पास खरपतवार न उगने दे, खरपतवार दिखने पर फसल की गुड़ाई कर सफाई कर देनी चाहिए |
  • इसके अलावा उत्तम पैदावार के लिए समय-समय पर पौधों की छटाई करे |

तेज पत्ता का भाव (Bay Leaf Price)

तेज पत्ता के पौधे बुवाई के 6 वर्ष पश्चात तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते है | उस दौरान इसकी पत्तियों को काटकर छायादार जगह में रखकर ठीक से सूखा लिया जाता है | यदि आप तेल का उत्पादन प्राप्त करना चाहते है, तो उसके लिए आपको आसवन यंत्र का प्रयोग करना होता है | तेज पत्ता का बाज़ारी भाव 2100 रूपए से लेकर 2300 रूपए तक होता है, जो किसानो के लिए एक अधिक मुनाफे वाली फसल हो सकती है |

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