असली शिलाजीत की पहचान क्या है | Original Shilajit Ki Pehchan Kaise Kare


असली शिलाजीत (Original Shilajit) से सम्बंधित जानकारी

जब भी किसी विशिष्ट उत्पाद की मांग अधिक हो जाती है, तो डीलरों द्वारा अधिक लाभ कमाने के लिए इसकी शुद्धता से समझौता किया जाता है। यही हाल शिलाजीत का है। शिलाजीत, हिमालय की चट्टानों से निकलने वाला एक चिपचिपा पदार्थ है | जिसे सदियों से पारंपरिक आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयोग किया जाता है। शिलाजीत मस्तिष्क के उचित कामकाज में सहायक है, उम्र बढ़ने से रोकता है, आयरन की कमी वाले एनीमिया को रोकता है और इसमें एंटीवायरल गुण होते हैं। साथ ही यह फुल्विक और ह्यूमिक एसिड से भरपूर होता है।

मानव शरीर के लिए इसके उपचार गुणों के कारण पिछले एक दशक में इसकी मांग कई गुना बढ़ गई है। शुद्ध और प्रामाणिक शिलाजीत प्राप्त करना कठिन है, जिसके कारण नकली या मिलावटी शिलाजीत मार्किट में बेची जा रही है। हालाँकि इसकी प्रामाणिकता का परीक्षण करने के लिए विभिन्न तरीके हैं, तो आईये जानते है कि असली शिलाजीत की पहचान क्या है अर्थात Original Shilajit Ki Pehchan Kaise Kare.

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शिलाजीत क्या है (What is Shilajit in Hindi)

शिलाजीत को पहाड़ो का पसीना (Mountain Sweats) और पत्थर का खून (Stone Blood) भी कहा जाता है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है, कि यह पहाड़ो की चट्टानों से गोंद के रूप में निकलता है, जिस प्रकार आपने पेड़ो से गोंद को निकलते हुए देखा होगा | यह मुख्य रूप से हिमालय के पहाड़ो में अधिक पाया जाता है परन्तु यह प्रत्येक चट्टान से नहीं निकलता है। शिलाजीत आमतौर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है।

यह एक प्रभावी और सुरक्षित पूरक है, जो आपके समग्र स्वास्थ्य और कल्याण पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। शिलाजीत खासकर सेक्स समस्याओ से ग्रसित लोगो के लिए अधिक लाभकारी माना जाता है। मार्किट की इसकी मांग अधिक होने और इसका उत्पादन कम होने के कारण लोग इसमें अन्य चीजों की मिलावट कर अर्थात नकली शिलाजीत बेचते है।

शिलाजीत की गंध कैसी होती है (What is the Smell of Shilajit)

शिलाजीत को सूंघना भी इसकी शुद्धता को परखने का एक तरीका है। शुद्ध शिलाजीत में बहुत अलग और गहरी गंध होती है। हर्बल, तीखा, स्मोकी और टार जैसी- इसी तरह शिलाजीत की गंध को सबसे अच्छा बताया गया है। शिलाजीत लें और इसे अपनी नाक से कुछ इंच की दूरी पर रखें और इसे सूंघें। यदि आपको ऊपर वर्णित सुगंध की तरह सुगंध मिलती है, तो शिलाजीत शुद्ध है।

असली शिलाजीत की पहचान क्या है (Original Shilajit Ki Pehchan Kaise Kare)

शिलाजीत की बढ़ती मांग के साथ बाजारों में मिलने वाले प्रामाणिक उत्पादों की संख्या तेजी से घट रही है। ऐसे में शिलाजीत की शुद्धता की जांच करने के कुछ तरीके इस प्रकार है-

तापमान परीक्षण (Temperature Test)

शिलाजीत अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है और अलग-अलग तापमान के संपर्क में आने पर अपना रूप बदल लेता है। यदि आप शिलाजीत को गर्म जगह पर रखेंगे तो यह नरम हो जाएगा। इसी तरह जब आप इसे ठंडे क्षेत्र में रखते हैं, तो प्रामाणिक शिलाजीत सख्त और भंगुर हो जाएगा।

इस परीक्षण को करने के लिए आप शिलाजीत का एक छोटा सा टुकड़ा ले और इसे किसी गर्म जगह पर थोड़ी देर के लिए रख दें और देखें कि यह नरम हो गया है या नहीं। यदि ऐसा होता है तो आपके पास जो शिलाजीत है वह शुद्ध है। फिर उसी टुकड़े को लेकर कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें। यदि यह सख्त हो जाता है और भंगुर हो जाता है तो आपके पास शुद्ध शिलाजीत है। साथ ही यदि आप इसे किसी सख्त चीज से मारेंगे, तो यह कांच की तरह टुकड़ों में टूट जाएगा।

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घुलनशीलता परीक्षण (Solubility Test)

यह आपके शिलाजीत की शुद्धता की जांच करने का एक और तरीका है। मिलावट रहित शिलाजीत लगभग 98% से 100% घुलनशील होता है। यह एक बहुत ही सरल तरकीब है और आपको बस एक गिलास गर्म पानी या दूध लेना है। इसमें शिलाजीत का एक छोटा टुकड़ा डालें और देखें कि यह घुलता है या नहीं। असली शिलाजीत कुछ ही मिनटों में पूरी तरह से घुल जाएगा और पानी या तरल को सुनहरे या लाल रंग में बदल देगा।

बर्न टेस्ट (Burn Test)

शिलाजीत का एक छोटा टुकड़ा लें और इसे जलाने के लिए मोमबत्ती या ब्लो टॉर्च का इस्तेमाल करें। असली और प्रामाणिक शिलाजीत जलता नहीं है। शुद्ध शिलाजीत गर्म होने पर बुदबुदाने लगेगा और राख पैदा करेगा।

एल्कोहल परीक्षण (Alcohol Test)

शुद्ध शिलाजीत शराब में नहीं घुलता है और शराब में शिलाजीत मिलाने पर छोटे-छोटे थक्के बनेंगे। इसलिए यदि शिलाजीत का नमूना शराब में घुल जाता है, तो यह निश्चित रूप से एडिटिव्स से भरा होता है।

क्षारीयता और अम्लता परीक्षण (Alkalinity and Acidity Test)

आपको शिलाजीत के 2 भाग को 100 ग्राम पानी में घोलना है। इसे लगभग 10 से 15 मिनट तक जोर-जोर से चलाएं। लगभग 15 मिनट के बाद शिलाजीत कमरे के तापमान पर पूरी तरह से घुल जाना चाहिए। इसे दो अलग-अलग पारदर्शी कांच के कंटेनर में डालें। अब पहले कांच के कंटेनर में बड़ी मात्रा में बेकिंग सोडा डालें और मिश्रण को अच्छी तरह से चलाएँ। बेकिंग सोडा डालने के बाद घोल का रंग नहीं बदलना चाहिए। यदि ऐसा होता है, तो आपके पास जो शिलाजीत है वह शुद्ध नहीं है।

अब दूसरे कांच के कंटेनर में थोड़ा सिरका डालें और इसे हिलाएं। इसे कुछ देर बैठने दें और लगभग 30 मिनट में घोल का रंग हल्का होने लगेगा। आप घोल के शीर्ष पर एक हल्का रंग देखेंगे और कांच के नीचे आप एक धूमिल बनावट देखेंगे। यदि ऐसा नहीं होता है, तो आपका शिलाजीत अशुद्ध है।

शिलाजीत के साइड इफेक्ट (Shilajit Side Effects)

चाहे आप शिलाजीत को ऑनलाइन खरीदें या किसी मेडिकल स्टोर से, सुनिश्चित करें कि शिलाजीत शुद्ध है और उपयोग के लिए तैयार है। इसके अलावा यदि आपको सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia), हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis) या थैलेसीमिया (Thalassemia) है, तो शिलाजीत का सेवन बिलकुल भी न करे क्योंकि इससे एलर्जी होना संभव है। यदि आपके खाने में हृदय गति (Heart Rate) वृद्धि या चक्कर आना महसूस कर रहे हैं, तो आपको शिलाजीत लेना तुरंत ही बंद कर देना चाहिए।

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शिलाजीत के फ़ायदे (Shilajit Benefits)

  • शिलाजीत टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बूस्ट करता है, जिससे मर्दो में सेक्स पावर बढ़ती है| इसलिए अगर आप अपनी सेक्सुअल परफॉरमेंस को अच्छा करना चाहते है, तो एक छोटा चम्मच शिलाजीत का सेवन करना चाहिए| इसके अलावा दूध में शिलाजीत को मिलाकर पीने से स्पर्म काउंट तेजी से बढ़ता है|
  • शिलाजीत को सदियों से ही आयुर्वेदिक दवाइयों में चिकित्सकों ने ऊर्जा का स्त्रोत बताया है, यह शरीर को पुनर्जीवित करता है, और शरीर के मिटोकोंड्रिया कार्य को बढ़ाकर ऊर्जा बढ़ाने का काम करता है|
  • कई अध्ययनों से पता चला है, कि शिलाजीत में विशेष न्यूरोप्रोटेक्टेव की क्षमता होती है| इसे अल्जाइमर रोग के शुरुआती मामले में इलाज के लिए इस्तेमाल कर सकते है|
  • शिलाजीत शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली और हार्मोन्स को संतुलित करता है|
  • यह शरीर में होने वाले दर्द से छुटकारा दिलाता है|
  • शिलाजीत शरीर में शक्तिशाली प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए बूस्टर का काम करता है|
  • मधुमेह रोगियों के रक्त में लिपिड प्रोफाइल और ग्लूकोज को कम करने में भी शिलाजीत मदद करता है|
  • शिलाजीत विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे:- कोलन, स्तन, यकृत, फेफड़े और डिम्बग्रंथि के लिए विषाक्त है|
  • शिलाजीत गैस्ट्रिक अल्सर और उससे संबंधित सूजन को कम करने में मदद करता है|
  • इसकी हर एक खुराक में आयरन की उपस्थिति होती है, जिस वजह से यह एनीमिया के उपचार के लिए भी प्रभावी है|

शिलाजीत से सम्बंधित पूछें जाने वाले प्रश्न

शिलाजीत कैसे बनता है?

शिलाजीत रॉक ह्यूमस, कार्बनिक पदार्थों और मिनरल्स से मिलकर बना है| यह चट्टान की परतों से कंप्रेस होकर तैयार होता है| एक शिलाजीत में फुल्विक एसिड, ह्यूमिक एसिड और ह्यूमिन्स होते है|

शिलाजीत की पहचान कैसे की जाती है?

प्राचीन ग्रंथो के अनुसार अगर आप असली शिलाजीत की पहचान करना चाहते है, तो आप उसे जलाकर देख सकते है, शिलाजीत को जलाने पर उसमे से धुआँ नहीं निकलता है, और न ही सुलगता है| इसके अलावा अगर आप पानी में शिलाजीत को मिलाते है, तो यह पूरी तरह से नहीं घुलेगा, बल्कि धीरे-धीरे पानी की सतह पर नीचे कंटेनर तक जाता है, और भी कई तरीके है, जिसकी मदद से असली शिलाजीत की पहचान कर सकते है|

शिलाजीत क्या है?

यह काले-भूरे रंग का पाउडर और रिसाव है, जो हिमालय जैसे पहाड़ो से निकलता है| शिलाजीत को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपयोग में लाते है|

स्वास्थ्य के लिए शिलाजीत के क्या फ़ायदे है?

इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी जैसे कई गुण होते है, जो याददाश्त बढ़ाने और अस्थमा से आराम दिलाने का काम करते है| यह लिवर और दिल के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है| यह आपके लिए एक अच्छा आयुर्वेदिक सप्लीमेंट हो सकता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर ही शिलाजीत लेना चाहिए|

शिलाजीत का क्या उपयोग है?

शिलाजीत को कई आयुर्वेदिक फ़ॉर्मूलेशन में संघटक के रूप में इस्तेमाल करते है, इसे न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट के रूप में भी इस्तेमाल करते है|

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