भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी | Best Goat Breeds for Milk in India [Photo]


भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी से सम्बंधित जानकारी

आज के समय भारत में पशुपालन का व्यवसाय काफी तेजी से बढ़ रहा है | पशुपालन के व्यवसाय में बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जो कम लागत और सरल रख-रखाव में अधिक मुनाफा दे देता है, जिस वजह से बकरी पालन के व्यवसाय में अधिक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है | किसानो के लिए बकरी पालन का व्यवसाय आय का प्रमुख साधन भी बनता जा रहा है | अन्य पशुओ की तुलना में बकरी पालन में नुकसान होने का बहुत कम खतरा होता है | ऐसे में आप बकरी की अच्छी नस्लों का चुनाव कर अधिक मुनाफा ले सकते है |

सामान्य तौर पर बकरी की कई नस्ले मौजूद है, जिन्हे व्यवसायियों और किसानो द्वारा पाला जाता है | लेकिन वैज्ञानिको के अनुसार स्थान के हिसाब से ही बकरी की नस्ल का चयन करे | ताकि दूध उत्पादन अच्छी मात्रा में लिया जा सके, और मुनाफा भी अधिक हो | यहाँ पर आपको भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी (Best Goat Breeds for Milk in India [Photo) के बारे में बताया जा रहा है |

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भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली बकरी (Indian Highest Milking Goat)

जिलेकी जखराना बकरी :- इस नस्ल की बकरी दूध उत्पादन देने में सभी प्रदेशो में अव्वल है | हरियाणा राज्य के निकट जिलों के गावो में इस नस्ल वाली बकरी का पालन किया जाता है, जो प्रतिदिन 2.50 से 3 लीटर दूध का उत्पादन दे देती है, जिस वजह से अन्य प्रदेशो के पशुपालक भी इस बकरी का पालन करने लगे | ताकि अधिक दूध का उत्पादन कर लाभ कमाया जा सके| जखराना बकरी की नस्ल उत्तरी-पश्चिमी के शुष्क और अर्द्ध शुष्क जलवायु और पूर्वी राजस्थान के क्षेत्र में पायी जाती है | यह बकरी अलवर जिले के जखराना गांव से है, जिस वजह से इसे जखराना नाम से जाना जाता है | इस नस्ल की बकरी आकार में बड़ी, त्वचा काले रंग की और कान व् मुँह पर सफ़ेद धब्बे पड़े होते है| इस नस्ल की बकरी को विशेष कर दूध उत्पादन और नर बकरे को मांस उपयोगिता के लिए पाला जाता है |

जमुनापारी बकरी :- जमुना पारी बकरी अधिक ऊँची और लंबी होती है | इस नस्ल को गंगा, यमुना, इटावा, चंबल और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में पाला जाता है | इस नस्ल की बकरियों से दूध और मांस दोनों ही अच्छी गुणवत्ता वाला मिल जाता है| जिस वजह से लोग इन्हे अच्छी कीमत पर खरीद लेते है | किसान भाई कम लागत में भी इन बकरियों को पाल सकते है | यह बकरिया जंगली पत्तियों को अधिक पसंद करती है, जिस वजह से इन्हे दाना भी कम देना पड़ता है |

बरबरी बकरी :- बरबरी बकरी का पालन उत्तर प्रदेश के एटा, आगरा और अलीगढ़ जैसे इलाको में किया जाता है| नली की भांति कान लिए हुए इस नस्ल का पालन मांस के लिए किया जाता है, तथा दिल्ली के करीबी क्षेत्रों में इसका पालन खूब किया जाता है | बरबरी बकरी आकार में छोटे शरीर की होती है | इसके कान और सींग भी छोटे होते है | सामान्य तौर पर बरबरी बकरी देखने में लाल रंग पर सफ़ेद धब्बेदार होती है | बरबरी बकरे के वजन लगभग 35 से 45 KG और बकरी का वजन 25 से 35 KG होता है | बरबरी नस्ल की बकरी में प्रतिदिन 0.5 से 1.5 लीटर दूध देने की क्षमता होती है |

बीतल बकरी :- बकरी की यह नस्ल पंजाब के फिरोजाबाद, गुरुदासपुर और अमृतसर के आसपास इलाको में पाली जाती है | इस नस्ल की बकरी से दूध और मांस दोनों ही प्राप्त हो जाते है | यह बकरी 12 से 18 महीने के मध्य पहली बार बच्चे को जन्म दे देती है | बीटल बकरी का सर काफी चौड़ा और विशाल होता है, तथा पैर और कान भी लंबे होते है | एक बीतल बकरे का औसतन भार 50 से 70 KG होता है, वही बकरी का भार 40 से 60 KG तक होता है | इस नस्ल की बकरी रोजाना 1.5 से 4 लीटर दूध का उत्पादन दे देती है | भारत में बीतल बकरी की कीमत 9 हज़ार रूपए से 25 हज़ार रूपए तक होती है |

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सिरोही बकरी :- इस नस्ल की बकरी का पालन राजस्थान के बांसवाड़ा, सिरोही, अजमेर, उदयपुर और राजसमंद के क्षेत्रों में किया जाता है | यह नस्ल दूध उत्पादन और मांस दोनों के लिए उपयोगी है | यह बकरी पहली बार 18 से 24 महीने के बीच में बच्चे को जन्म दे देती है | सिरोही बकरी देखने में सफ़ेद और भूरे रंगो का मिश्रण होती है, तथा बाल अधिक मोटे और छोटे होते है | इस बकरी की पूछ पीछे की और मुड़ी हुई और घुमावदार होती है, तथा सींग भी ऊपर पीछे की तरफ घूमी हुई नुकीली होती है | इस नस्ल के नर बकरे का औसतन वजन 50-60 KG होता है, वही मादा बकरी का वजन 25 से 40 KG होता है| सिरोही बकरी प्रतिदिन 0.5 से 1.5 लीटर दूध दे देती है |

ब्लैक बंगाल :- दक्षिण और पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, मेघालय, त्रिपुरा और असम में ब्लैक बंगाल बकरी का पालन किया जाता है | यह बकरी काले रंग की छोटे पैरो वाली होती है, जिसके शरीर पर छोटे चमकीले बाल होते है| इस क़िस्म को मांस उत्पादन के लिए पाला जाता है | इस नस्ल के नर बकरे का वजन तक़रीबन 18 से 20 KG होता है, तथा मादा बकरी 15 से 18 KG भार वाली होती है | ब्लैक बंगाल बकरी के दूध उत्पादन की बात करे तो यह बकरी प्रति दिन 3 से 4 माह तक 300 से 400 ML दूध का उत्पादन दे सकती है |

ओस्मानाबादी बकरी :- महाराष्ट्र के उस्मानाबाद, अहमद नगर, परभणी और सोलापुर जिले में इस नस्ल की बकरी को पाला जाता है | यह नस्ल खासकर मांस प्राप्ति के लिए पाली जाती है, काले रंग की यह बकरी वर्ष में दो बार बच्चो को जन्म दे देती है | उस्मानाबाद बकरी मध्यम आकार से थोड़ा बड़ी होती है, तथा कोटे का रंग बदलता रहता है, किन्तु ज्यादातर उस्मानाबादी बकरी काले कोटे वाली होती है | हालाँकि इसपर सफ़ेद, भूरे या चित्तीदार रंग भी देखने को मिल जाते है| इसके कान और पैर आकार में लंबे होते है, और यह बकरी देखने में सुन्दर भी लगती है | अन्य बकरियों की तुलना में इस बकरी का गर्भकाल 5 माह का होता है, और तक़रीबन 4 माह की स्तनपान अवधि में यह 0.5 से 1.5 लीटर दूध का उत्पादन देती है |

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