गन्ने से शक्कर (ब्राउन शुगर) कैसे बनती है | Brown Sugar Making Process in Hindi


गन्ने से शक्कर (ब्राउन शुगर) कैसे बनती इससे सम्बंधित जानकारी

आज की इस भागदौड़ की व्यस्त लाइफ में भी लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी जागरूक रहते है और इसे लेकर काफी कोशिशें करते हुए नजर आते हैं | लोग अपने आप हेल्थी बनाये रखने के लिए प्रतिदिन नियमित रूप से योग, एक्सरसाइज के अलावा और भी बहुत कुछ करते है | वर्तमान समय में लोग खाने से सम्बंधित चीजों में ब्राउन खाना अधिक पसंद कर रहे हैं, चाहे वह ब्राउन शुगर (Brown sugar) हो, ब्राउन राइस (Brown Rice) हो या ब्राउन ब्रेड (Brown Bread) हो | अब आपके मन में भी यह प्रश्न आ रहा होगा, कि आखिर ब्राउन कलर को अधिक इम्पोर्टेंस क्यों दी जा रही है |

यदि हम सिर्फ शुगर अर्थात शक्कर की बात करे, तो आज कल ब्राउन शुगर का चलन बढ़ता जा रहा है | दरअसल शक्कर प्रतिदिन उपयोग में लायी जाने वाली एक ऐसी सामग्री है, जिसका इस्तेमाल किसी न किसी रूप हम रोजाना करते है | ऐसे में हमारे लिए यहाँ जानना आवश्यक हो जाता है, कि आखिर गन्ने से शक्कर (ब्राउन शुगर) कैसे बनती है (Brown Sugar Making Process in Hindi). इसके अलावा आपको यहाँ व्हाइट शुगर और ब्राउन शुगर के बीच अंतर और इसके लाभ क्या है ? 

गन्ने से गुड़ कैसे बनता है 

ब्राउन शुगर (भूरी चीनी) क्या है (What is Brown Sugar)

ब्राउन शुगर भी सफेद चीनी की तरह गन्ने के रस से बनाई जाती है। ब्राउन शुगर में उपलब्ध शीरे की थोड़ी सी मात्रा से ही अपना रंग बना लेती है। हालाँकि इसका टेस्ट व्हाइट चीनी की अपेक्षा थोड़ा भिन्न अर्थात अलग होता है और इसमें मिठास की मात्रा कम होती है | व्हाइट शुगर और ब्राउन शुगर की प्रोसेसिंग अलग-अलग तरीके से होती है | मुख्य रूप से ब्राउन शुगर पूर्ण या आंशिक रूप से अपरिष्कृत (Unsophisticated) होती है | जिससे व्हाइट शुगर की अपेक्षा ब्राउन शुगर में मिनरल्स और विटामिन की मात्रा अधिक पाई जाती है | हालांकि ब्राउन शुगर अर्थात भूरी चीनी को कभी-कभी सफेद चीनी में गुड़ मिलाकर भी बनाई जाती है। 

ब्राउन शुगर के प्रकार (Brown Sugar Types)

ब्राउन शुगर (Brown Sugar) शक्कर का ही एक अलग रूप है, जिसमें गुड़ को मिश्रित किया जाता है | जिसकी वजह से इस चीनी का रंग भूरा अर्थात ब्राउन हो जाता है | हालाँकि अधिकांश लोग इसके बारें में नही जानते है, जबकि इस चीनी के सेवन से हमे अनेक प्रकार के फायदे भी मिलते है | ऐसे लोग जो शुगर से जुडी हुई परेशानियों से पीड़ित है, उनके लिए यह ब्राउन शुगर एक उपहार है | इसकी सबसे खास बात यह है, कि इस प्रकार की चीनी में कैलोरी बहुत ही कम मात्रा में होती है | इसके अलावा इसमें विभिन्न प्रकार के मिनिरल्स भी मौजूद होते है| ब्राउन शुगर (Brown Sugar) कई प्रकार की होती है परन्तु हम आपको यहाँ ब्राउन शुगर के मुख्य 6 प्रकारों और इससे होने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। जो इस प्रकार है-

1. डार्क एंड लाइट शुगर (Dark and Light Sugar)

परिष्कृत चीनी में शामिल किये जाने जाने वाले गुड़ की मात्रा ब्राउन शुगर के रंग को परिभाषित करती है। हल्के भूरे रंग की चीनी में कारमेल का स्वाद होता है और इसमें 3.5% गुड़ होता है। इसी तरह डार्क ब्राउन शुगर में 6.5% गुड़ होता है और इसका स्वाद गहरा होता है।

2. डेमेरारा  ब्राउन शुगर (Demerara brown sugar)

यह ब्राउन शुगर आमतौर पर गन्ने से बनाई जाती है। इसमें एक बार गन्ने का रस निकालकर उबालने के बाद, पीछे हल्के भूरे रंग के कच्चे क्रिस्टल रह जाते हैं। इसके बाद इस ब्राउन शुगर को फिर एक सेंट्रीफ्यूज (Centrifuge) में सुखाया जाता है, जिससे इसमें हल्का गड़रस का स्वाद रह जाता है। यह हल्के ब्राउन कलर की शुगर है और मुख्य रूप से इसका उपयोग बेकिंग में किया जाता है। इस प्रकार की शुगर को प्रोसेस करके बनाया जाता है और इसमें कारमेल (Caramel) जैसा टेस्ट होता है।

3. लाइट ब्राउन शुगर (Light Brown Sugar) 

इस प्रकार की शुगर को बनाने के लिए पारंपरिक सफेद चीनी के साथ गुड़रस (Molasses) को मिक्स किया जाता है | इस प्रकार की शुगर का लगभग 3% वजन गुड़ के रस द्वारा निर्मित होता होता है।

4. टर्बिनाडो चीनी (Turbinado Sugar)

टर्बिनाडो चीनी को “कच्ची चीनी” के रूप में भी जाना जाता है। यह आंशिक रूप से परिष्कृत है और इसमें कारमेल जैसा स्वाद और भूरा रंग है। इसमें थोड़ी मात्रा में गुड़ होता है और इसे गन्ने के रस को गर्म करके वाष्पित करके और फिर इसे क्रिस्टलीकृत करके बनाया जाता है।

5. मस्कोवाडो (Muscovado) 

मस्कोवाडो ब्राउन शुगर की सबसे डार्क और स्वादिष्ट किस्म की होती है | सबसे खास बात यह है, कि इसे काफी लंबे समय तक सुखाया जाता है, जिसके कारण यह डार्क और स्वादिष्ट हो जाती है | इस प्रकार की चीनी को अक्सर तेज धूप में सुखाया जाता है।

6. नेचुरल ब्राउन शुगर (Natural Brown Sugar)

नेचुरल ब्राउन एक तरह की अपरिष्कृत चीनी है जो गन्ने के रस में मौजूद खनिजों को बरकरार रखती है। इस प्रकार की चीनी तब बनती है जब चीनी के क्रिस्टलाइज (Crystallize) होने के बाद भी मिश्रण में कुछ गुड़रस (Molasses) रह जाता है। इस चीनी में एक मीठा, थोड़ा कैरेमलाइज्ड (Caramelized) स्वाद होता है और यह नियमित सफेद चीनी की तुलना में एक मजबूत घटक है।

गन्ने से शक्कर (ब्राउन शुगर) कैसे बनती है (Brown Sugar Making Process in Hindi)

  • सबसे पहले गन्ने को खेतों के काटने के बाद उन्हें एक स्थान पर एकत्र किया जाता है | इसके पश्चात इन्हें पास की चीनी मिल में भेजा जाता है।
  • चीनी मिल में गन्ने के डंठल को धुलने के बाद इन्हें एक निर्धारित टुकड़ों के रूप में काटा जाता है।
  • गन्ने से रस को गन्ने के रस को को निकालने के लिए बड़े-बड़े रोलर्स से प्रेशर देकर दबाया जाता हैं।
  • इसके पश्चात गन्ने से निकले हुए रस को रस को स्पष्ट, सांद्रित और क्रिस्टलीकृत किया जाता है।
  • तरल को हटाने और सुनहरी कच्ची चीनी का उत्पादन करने के लिए क्रिस्टल को अपकेंद्रित करके घुमाया जाता है।
  • कच्ची चीनी को गन्ने की चीनी रिफाइनरी में ले जाया जाता है, जहाँ इसे और शुद्ध किया जाता है।
  • शेष अशुद्धियों (मुख्य रूप से गुड़) को दूर करने के लिए कच्ची चीनी को पिघलाया और फ़िल्टर किया जाता है।
  • चीनी क्रिस्टलीकृत होती है और क्रिस्टल सूख जाते हैं।
  • चीनी को पैक करके किराने की दुकानों और खाद्य निर्माताओं को भेज दिया जाता है।

चीनी कैसे बनती है ?

ब्राउन शुगर में उपलब्ध पोषण तत्व (Brown Sugar Available Nutrients)

कैलोरी (Calorie)17.5 ग्राम
प्रोटीन (Protein)0.006 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate)4.51 जी
सुक्रोज (Sucrose)4.35 ग्राम
शर्करा (Sugar)0.062 जी
फ्रुक्टोज (Fructose)0.051 जी
कैल्शियम (Calcium)3.82 जी
लोहा (Iron)0.033 मिलीग्राम
मैगनीशियम (Magnesium)0.414 मिलीग्राम
फास्फोरस (Phosphorus)0.184 मिलीग्राम
पोटैशियम (Potassium)6.12 मिलीग्राम
सोडियम (Sodium)1.29 मिलीग्राम

ब्राउन शुगर के स्वास्थ्य लाभ और जोखिम (Brown Sugar Health Benefits)

  • वजन घटाने में सहायक – ब्राउन शुगर में सफेद चीनी की तुलना में कम कैलोरी होती है। ब्राउन शुगर में मौजूद गुड़ मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। इसमें अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व भी होते हैं। तो आप कह सकते हैं कि ब्राउन शुगर वजन कम करने में मदद करती है। 
  • तत्काल ऊर्जा बूस्टर के रूप में कार्य करता है – ब्राउन शुगर एक साधारण कार्बोहाइड्रेट है, जो ग्लूकोज में टूट जाती है। इसलिए यदि आप ऊर्जा की तत्काल आपूर्ति की आवश्यकता महसूस करते हैं तो ब्राउन शुगर को अपने भोजन में शामिल किया जा सकता है। 
  • मासिक धर्म की ऐंठन से राहत – कुछ संस्कृतियाँ पीरियड की ऐंठन को कम करने के लिए घरेलू उपचार के रूप में ब्राउन शुगर का उपयोग करती हैं। बस थोड़ा पानी उबालें और दर्द को शांत करने के लिए अदरक और चाय की पत्तियों के साथ एक चम्मच ब्राउन शुगर मिलाएं। 
  • एक्सफोलिएशन – यदि आप सॉफ्ट स्किन पाना चाहते हैं, तो ब्राउन शुगर एक बेहतरीन फिजिकल एक्सफोलिएंट है। यह त्वचा पर गंदगी और छोटे धब्बों को जस से समाप्त करता है। 

ब्राउन शुगर से स्वास्थ्य हानियाँ (Brown Sugar Health Disadvantages)

  • अनियमित दिल की धड़कन- एक मीठा भोजन आपकी हृदय गति को बढ़ा सकता है और आपको असहज कर सकता है। यदि आपको हल्का हाई ब्लड शुगर है, तो आपके लक्षण गंभीर हो सकते हैं | जैसे धड़कन तेज होना, प्यास का बढ़ना, थकान आदि। ब्राउन शुगर अनियमित दिल की धड़कन का कारण हो सकता है। 
  • रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाएं- हालांकि ब्राउन शुगर में कैलोरी की मात्रा कम होती है, लेकिन यह सफेद चीनी के समान आपके रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती है। यह मधुमेह वाले लोगों के लिए भी उतना ही हानिकारक है। 
  • सूजन- अत्यधिक चीनी का सेवन लीवर में मुक्त फैटी एसिड के उत्पादन को उत्तेजित करता है। जब शरीर इन फैटी एसिड को पचा लेता है, तो यह सूजन का कारण बनता है। खराब आहार विकल्प जैसे अतिरिक्त चीनी का सेवन शरीर में मांसपेशियों और जोड़ों में सूजन का कारण बनता है।  
  • कमजोर हड्डियां- ब्राउन शुगर ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना को बढ़ाता है और ऑस्टियोब्लास्ट प्रसार को कम करके हड्डियों के निर्माण को बाधित करता है। 

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चीनी के विकल्प (Sugar Substitutes)

अब आप व्हाइट शुगर और ब्राउन शुगर दोनों के पोषक तत्वों के बारें में अच्छी तरह से सभी जानकरियां प्राप्त कर चुके है | यदि इनके लिए एक स्वस्थ विकल्प की तलाश कर रहे हैं। आइए हम आपको चीनी के कुछ विकल्पों के बारें में बता रहे है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर होंगे। यह इस प्रकार है-

  • स्टेविया (Stevia) –इसमें कोई पोषक गुण नहीं होते हैं लेकिन इसमें शून्य कैलोरी भी होती है। इस प्रकार, स्टेविया पत्ती का अर्क चीनी के विकल्प के रूप में लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। यह मीठा पसंद करने वाले मधुमेह के लोगों के लिए वरदान है, क्योंकि स्टीविया में कोई अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट नहीं होता है। आप इसे अपने पसंदीदा भोजन या पेय में शामिल कर सकते हैं।
  • नारियल चीनी (Coconut Sugar) – शाकाहारियों के बीच स्वस्थ और लोकप्रिय पसंद दोनों, नारियल चीनी चीनी के लिए एक बढ़िया विकल्प है। नारियल ताड़ के पेड़ के रस से उत्पादित और इस प्रकार न्यूनतम शोधन से गुजरता है। इसे व्यवस्थित रूप से निकालने के बाद एक सिरप में बनाया जाता है और अंत में सुखाया जाता है। ब्राउन शुगर के विपरीत, जिसका पोषण मूल्य बहुत कम है, नारियल चीनी कैल्शियम, आयरन, जिंक और पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्वों को बरकरार रखती है।एक चम्मच में 18 ग्राम कैलोरी, 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 5 ग्राम चीनी होती है। इसमें इंसुलिन भी होता है| एक घुलनशील फाइबर जो भोजन के बाद रक्त शर्करा के स्पाइक्स को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • शहद (Honey) – हालांकि कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि चीनी की तुलना में शहद में कैलोरी अधिक होती है, क्योंकि एक चम्मच में 64 कैलोरी, 17 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 17 ग्राम चीनी होती है। यह भी सच है कि शहद के अन्य पोषण संबंधी लाभ हैं जो आपकी सामान्य सफेद चीनी में नहीं होते हैं। शहद में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसमें लौह, जस्ता और पोटेशियम के निशान भी हैं। यह चीनी की तुलना में अधिक मीठा होता है, इसलिए इसे संतुलित करने के लिए, यदि आप इसे एक विकल्प के रूप में उपयोग कर रहे हैं तो आपको कम की आवश्यकता हो सकती है।  
  • मेपल सिरप (Maple syrup) मेपल सिरप एक स्वीटनर है, जिसे मेपल के पेड़ के रस से निकाला जाता है और इसे अतिरिक्त मीठा माना जाता है। कुछ लोग मेपल सिरप के न्यूट्रिशनल वैल्यू की भी प्रशंसा करते हैं, भले ही वह उच्च कैलोरी वाला भोजन हो। एक चम्मच मेपल सिरप में 52 ग्राम कैलोरी, 13 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 12 ग्राम चीनी होती है। इसके अलावा यह मैंगनीज से भी समृद्ध है, जो स्वस्थ हड्डियों और अन्य पोषक तत्वों जैसे लोहा, तांबा, जस्ता, कैल्शियम और पोटेशियम के लिए आवश्यक है। हाल के शोध में यह भी पाया गया है कि मेपल सिरप कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और अल्जाइमर को रोकने में काफी सहायक है।      

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