जेरेनियम की खेती कैसे करें | Geranium Farming in Hindi | जेरेनियम से कमाई


जेरेनियम की खेती (Geranium Farming) से सम्बंधित जानकारी

जिरेनियम की खेती सुगंधित फूलो के लिए की जाती है | यह कम लागत में अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है | इसके फसल एक बार तैयार हो जाने पर 4 से 5 वर्ष तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है | जिरेनियम में पानी की जरूरत बहुत ही कम होती है, जिस वजह यह कम मेहनत वाली खेती भी है | जिरेनियम के तनो, पत्तियों और फूलो से आसानी से तेल प्राप्त हो जाता है, जो अच्छी कमाई का जरिया भी है |

प्रत्येक वर्ष भारत में सिर्फ 5 टन जिरेनियम का उत्पादन किया जाता है, जबकि खपत 149 टन के आसपास है, ऐसे में जिरेनियम के खेती फायदे की खेती हो सकती है | इस लेख में आपको जेरेनियम की खेती कैसे करें (Geranium Farming in Hindi) और जेरेनियम से कमाई के बारे बताने जा रहे है |

जिरेनियम क्या है (Geranium)

यह दक्षिण अफ्रीका मूल का एक पौधा है, जिसका रासायनिक नाम पिलारगोनियम ग्रेवियोलेन्स है | इसका पौधा और पौधों पर निकलने वाले फूल दोनों ही सुगंधित होते है | इस फूल को गरीबो का गुलाब भी कहते है | जेरेनियम के तेल की बाजार में बहुत अधिक मांग रहती है, जिसे ओषधि के अलावा अन्य कामो में भी इस्तेमाल करते है | फूलो से तेल को निकालने के लिए मशीन का इस्तेमाल किया जाता है | इसके तेल से गुलाब जैसी खुशबु आती है, जिस वजह से इसका इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट, एरोमाथेरेपी, इत्र और सुगंधित साबुन बनाने के लिए करते है |

जिरेनियम की खेती में सहायक भूमि (Auxiliary land for geranium cultivation)

जेरेनियम की खेती के लिए किसी खास भूमि की जरूरत नहीं होती है | किन्तु अच्छी पैदावार के लिए जलवायु सामान्य होनी चाहिए | जिन क्षेत्रों में वर्षा 100 से 150 CM तक होती है, वहां इसकी खेती आसानी से की जा सकती है | शुष्क और जीवांशयुक्त बलुई दोमट मिट्टी में उपज अच्छी होती है, तथा P.H. मान 5.5 से 7.5 तकहो |

जिरेनियम की उन्नत किस्में (Geranium Improved Varieties)

  • बोरबन
  • अल्जीरियन 
  • इजिप्सियन
  • सिम-पवन

जिरेनियम के खेत की तैयारी (Geranium Farm Preparation)

यदि आप लंबे समय तक जिरेनियम के खेत से पैदावार लेना चाहते है, तो उसके लिए खेत को ठीक तरह से तैयार कर ले | इसके लिए सबसे पहले खेत की सफाई कर गहरी जुताई कर दी जाती है | जुताई के पश्चात् खेत में मौजूद खरपतवार को निकाल दे | पहली जुताई के बाद खेत में गोबर की खाद डालें और दो से तीन तिरछी जुताई कर मिट्टी में खाद को मिला दे | इसके बाद पानी लगाकर मिट्टी को नर्म कर दे| नर्म भूमि में रोटावेटर से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा कर देते है | इसके बाद जल भराव की समस्या से बचने के लिए खेतमें पाटा लगाकर भूमि को समतल कर दे |

जिरेनियम के खेत में पोषण (Geranium Farm Nutrition)

जिरेनियम एक पत्ते वाली फसल है, और पत्तियों के उचित विकास के लिए खेत में अच्छी मात्रा में उवर्रक अवश्य दे | जिसके लिए प्रति हेक्टेयर के खेत में 300 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद डालें, तथा रासायनिक उवर्रक की पूर्ती के लिए 60 KG फास्फोरस, पोटाश 40 KG और 150 KG नाइट्रोजन की मात्रा का छिड़काव प्रति हेक्टेयर के खेत में करे | इसमें पोटाश, फास्फोरस और नाइट्रोजन की 30 KG की मात्रा के अनुपात को 15 से 20 दिन के अंतराल में देना होता है |

जिरेनियम के पौध की तैयारी (Geranium Plant Preparation)

जेरेनियम के पौधों की रोपाई पौध से पौध को तैयार कर की जाती है | इसके लिए कलम तैयार करना होता है | जेरेनियम के पौधों को उगाने सेपहले क्यारियों को तैयार करते है, क्यारिया 8 से 10 CM ऊँची होनी चाहिए | इसके बाद इसमें खाद व् उवर्रक डालें | सितम्बर से अक्टूबर के महीने में टहनियों का चयन कर 5 से 7 गांठ वाली पेन्सिल के आकार जितनी मोटी टहनियों को काट कर अलग कर लिया जाता है | इसी तरह से एक पौधे से कई पौधे तैयार हो जाते है | काटी गई टहनियों की खेत में बुवाई कर दे |

जेरेनियम के पौध की रोपाई (Geranium Seedlings Planting)

क्यारियों में पौधों को तैयार करने बाद उनकी रोपाई खेत में की जाती है | तैयार खेत में 45 से 60 दिन बाद 50 CM की दूरी पर पौधों की रोपाई की जाती है | पौध रोपाई से पूर्व उन्हें बाविस्टिन या थीरम से उपचारित कर लेना चाहिए, जिससे पौधों को फफूंदीनाशक रोग न लग सके |

जिरेनियम के पौधों की सिंचाई (Geranium Plants Irrigation)

जिरेनियम के पौधों को सामान्य सिंचाई की जरूरत होती है | पौध रोपाई के तुरंत बाद खेत में पानी लगा दे, ताकि पौधों का विकास ठीक से हो सके | इसके बाद खेत में भूमि के अनुसार 5 से 6 दिन के अंतराल में पानी दे | जेरेनियम के पौधों को जरूरत के अनुसार ही पानी दे, अनावश्यक पानी देने से पौधों में रोग लगने का खतरा बढ़ जाता है |

जिरेनियम की खेती में लागत (Geranium Cultivation Cost)

यदि आप जिरेनियम की खेती सेड विधि से करते है, तो इसमें आपकी लागत प्रति पौधा 2 रूपए आती है | सेड को तैयार करने में 8 से 10 हज़ार रूपए का खर्च आ जाता है | किसान भाई 4 से 5 हज़ार पौधों से 20 से 22 हज़ार तक पौधे तैयार कर लेते है, जिन्हे एक एकड़ के खेत में आसानी से लगाया जा सकता है | किसान भाइयो को 4 माह की फसल में 80 हज़ार रूपए तक खर्च करने होते है |

जिरेनियम के तेल की कीमत (Geranium Oil Price)

जिरेनियम के पौधे 3 से 4 माह बाद पत्तियों की कटाई के लिए तैयार हो जाते है | किसान भाई एक एकड़ के खेत से 8 से 10 लीटर तेल की उपज ले लेते है | जिसका बाज़ारी भाव औसतन 20 हज़ार रूपए प्रति किलो होता है | सिर्फ 4 माह की फसल से ही 2 लाख की कमाई हो जाती है | चूंकि यह फसल 4 से 5 वर्ष तक मुनाफा देती है, जिससे किसानो का मुनाफा बढ़ता जाता है |