रुद्राक्ष की खेती कैसे करें | Rudraksh Farming in Hindi | रुद्राक्ष का पेड़ ऑनलाइन


रुद्राक्ष की खेती (Rudraksh Farming) से सम्बंधित जानकारी

रुद्राक्ष की खेती फल से बीज प्राप्त करने के लिए की जाती है | इसका बीज पक जाने के पश्चात् नीले रंग का होता है | इस वजह से यह ब्लूबेरी बीड्स भी कहलाता है | इसका बीज कई पेड़ो की प्रजातियों से मिलकर बनता है | भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष को प्राचीन काल से ही संस्कृति व् सभ्यता का अभिन्न हिस्सा माना जाता है | इसके अलावा बहुत से लोग इसे भगवान शंकर का प्रतीक भी मानते है | आपने अक्सर ही साधु संत लोगों के गले में रुद्राक्ष की माला देखी होगी, और बहुत से लोग रुद्राक्ष की माला लेकर जप भी करते है | किन्तु क्या आप जानते है, कि रुद्राक्ष आता कहा से है, और यह कितना महत्व रखता है|

उत्तराखंड के संतोष जो कि एक किसान है, रुद्राक्ष कि खेती कर अच्छी कमाई कर रहे है, तथा इस काम के लिए वह कई बार सम्मानित भी हुए है | आप भी रुद्राक्ष कि खेती कर मुनाफा कमा सकते है, इस लेख में आपको रुद्राक्ष की खेती कैसे करें (Rudraksh Farming in Hindi) तथा रुद्राक्ष का पेड़ ऑनलाइन कैसे ले के बारे में जानकारी दे रहे है |

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रुद्राक्ष के औषधीय गुण (Rudraksha Medicinal Properties)

रुद्राक्ष में कई औषधीय गुण पाए जाते है | इसकी माला को गले में पहनने से रक्त का दाब नियंत्रित रहता है | रुद्राक्ष से मिलने वाला तेल दाद, एग्जिमा और मुंहासो से राहत दिलाने के साथ – साथ ब्रोकल अस्थमा में राहत प्रदान करता है | रुद्राक्ष की माला उम्र के प्रभाव को भी कम करता है | यह दिल की बीमारी व् घबराहट से भी छुटकारा दिलाता है |

भारत में रुद्राक्ष का उत्पादन (Rudraksha Production in India)

भारत के हिमालय प्रदेशो में रुद्राक्ष को पाया जाता है | इसके अलावा मध्य प्रदेश, अरुणांचल प्रदेश, गढ़वाल, उत्तराखंड, हरिद्वार, बंगाल, असम और देहरादून के जंगलो में रुद्राक्ष की खेती पर्याप्त मात्रा में की जाती है | इसके अतिरिक्त दक्षिण भारत के मैसूर, नीलगिरि और कर्नाटक में भी रुद्राक्ष के पौधे देखने को मिल जाते है | रामेश्वरम, गंगोत्री और यमुनोत्री के क्षेत्रों में भी रुद्राक्ष मिल जाता है |

भारत में रुद्राक्ष का आयात (Rudraksha Import in India)

भारत में रुद्राक्ष का बड़ी मात्रा में विदेशो से आयात किया जाता है | इसमें इंडोनेशिया, नेपाल और मलेशिया ऐसे देश है, जो रुद्राक्ष का उत्पादन अधिक मात्रा में करते है | नेपाल में पाया जाने वाला रुद्राक्ष आकार में अधिक बड़ा होता है | मलेशिया और इंडोनेशिया में मिलने वाला रुद्राक्ष आकार में छोटा होता है | इंडोनेशिया और नेपाल भारत में बड़ी में मात्रा में रुद्राक्ष का निर्यात करते है, जिसका कारोबार अरबो में होता है | नेपाल में मिलने वाला रुद्राक्ष सिक्के का आकार जो बेहद दुर्लभ और ‘इलयोकैरपस जेनीट्रस’ प्रजाति का होता है |

रुद्राक्ष के पौधों के लिए सहायक मिट्टी (Rudraksha Plants Auxiliary Soil)

रुद्राक्ष के पौधों की उपज के लिए ड्रेनेज की आवश्यकता होती है | इसलिए मिट्टी भी उपयुक्त ड्रेनेज वाली होनी चाहिए | इसमें आपको खाद के साथ नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में डालने होते है | आप मिट्टी, खाद, और कोकोपिट का मिक्सचर तैयार कर ले और उसमे पौधों को लगाएं | गार्डन में मिट्टी  30% खाद, 60% मिट्टी और 10% कोकोपिट रखे और साथ ही रेत और पत्थर भी रखे |

रुद्राक्ष के लिए उचित तापमान (Rudraksha Proper Temperature)

रुद्राक्ष के पौधे ठंड जलवायु में अच्छे से बढ़ते है, इसलिए सर्दियों के मौसम में ही इसके पौधों को लगाएं | यदि आप अधिक तापमान वाली जगह पर रहते है, तो आप पौधों को किसी छायादार जगह पर रखे | 35% से अधिक तापमान होने पर सूर्य की धूप बिल्कुल न लगने दे, तथा सर्दियों में धूप में पौधों को रख सकते है |

रुद्राक्ष का पेड़ कैसा होता है (Rudraksha Tree Like)

रुद्राक्ष के पेड़ को इलियोकार्पस गेनिट्रस के नाम से भी जानते है | इसका पेड़ 50 फ़ीट से लेकर 200 फ़ीट तक ऊँचा होता है | भारत देश में रुद्राक्ष की तक़रीबन 300 से अधिक प्रजातियों मौजूद है | यह एक सदाबहार पेड़ है, जो अधिक तेजी से वृद्धि करता है | इसके पौधों पर फल 3 से 4 वर्ष बाद आना शुरू कर देते है | रुद्राक्ष को मुख्य तौर पर ऑस्ट्रेलिया, हिमालय, दक्षिण पूर्वी एशिया, नेपाल और गंगा के मैदानी क्षेत्रों में उगाया जाता है |

रूद्राक्ष के प्रकार (Types of Rudraksha)

प्राचीन काल में 108 मुखी वाले रुद्राक्ष होते थे, किन्तु अब इसकी माला में तक़रीबन 1 से 21 रेखाएं होती है | इसके आकार को मिलीमीटर में नापते है | नेपाल में मिलने वाला रुद्राक्ष 20 से 35 मिमी (0.79 और 1.38 इंच), और इंडोनेशिया में मिलने वाला रुद्राक्ष 5 और 25 मिमी (0.20 और 0.98) के मध्य होता है | यह रुद्राक्ष देखने में भूरा, लाल, पीला, सफेद और काला होता है |

रूद्राक्ष का पेड़ लगाने का तरीका (Rudraksha Tree Plant)

रुद्राक्ष के पेड़ को लगाने के लिए एयर लेयरिंग विधि का इस्तेमाल किया जाता है | इसमें 3 से 4 वर्ष पुराने पौधे कि शाखाओ को काटकर उसमे मौस को लगाया जाता है | इसके बाद उन्हें 250 माइक्रोन पॉलीथिन से ढक देते है | इसके बाद उन्हें दोनों और से रस्सी से बांध दिया जाता है, जिसके 45 दिन बाद जड़े आना आरम्भ कर देती है | इसके बाद इन जड़ो को काटकर नए बैग में लगा देते है | इस प्रकार से पौधा 15 से 20 दिन बाद उग आता है | इसके अतिरिक्त यदि आप चाहे तो नर्सरी से भी रुद्राक्ष की पौध को खरीद सकते है |

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एक मुखी रुद्राक्ष अधिक सर्वश्रेष्ठ (One Mukhi Rudraksha)

सभी प्रकार के रुद्राक्षों में एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे सर्वश्रेष्ठ कहा गया है | रुद्राक्ष को सदैव ही हृदय के समीप धारण करे, ताकि यह हृदय रोग, ब्लड प्रेशर और हृदय कम्पन में भी लाभ पंहुचा सके | महभागवत पुराण में कहा गया है, कि जिस घर में एक मुखी रुद्राक्ष कि उपस्थिति पायी जाती है, उस घर में लक्ष्मी सदैव ही निवास करती है |

रुद्राक्ष की कीमत (Rudraksha Price)

नेपाल में रुद्राक्ष की कीमत नेपाली रूपए में दस रूपए से लेकर दस लाख रूपए तक होती है, जिसकी कीमत भारत में आने के बाद पचास रूपए से लेकर पच्चीस लाख तक हो जाती है | रुद्राक्ष की कीमत उसके आकार और मुख के अनुसार कम ज्यादा होती है | इसके अलावा इंडोनेशिया से आने वाले रुद्राक्ष की कीमत कम व् आकार भी छोटा होता है | पाँच मुख वाले रुद्राक्ष की कीमत सबसे कम होती है, तथा एक मुख, इक्कीस मुख और चौदह मुख वाला रुद्राक्ष बेहद महंगा होता है |

रुद्राक्ष के पेड़ ऑनलाइन (Rudraksha Trees Online)

  • आप रुद्राक्ष के पेड़ को ऑनलाइन भी खरीद सकते है |
  • इसके लिए आप E-Commerce की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन के माध्यम से पौधों को अपने घर मंगवा सकते है |
  • Flipkart, Amazon, Fnp की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी आप रुद्राक्ष के पेड़ को ऑनलाइन Buy कर सकते है |

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