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पॉपुलर की खेती (Popular Farming) से सम्बंधित जानकारी
पॉपुलर की खेती पतझड़ वृक्ष के रूप में होती है, यह सैलीकेसी परिवार से संबंध रखता है | पॉपुलर की लकड़ी का इस्तेमाल अनेक प्रकार की सामग्रियों को बनाने के लिए किया जाता है | इसकी लकड़ी का उपयोग कैरमबोर्ड, कैरम की गोटी, विकेट की गिल्ली, दियासलाई, क्रिकेट का बल्ला, माचिस, पेन्सिल, बोर्ड, प्लाईवुड के अलावा भी कई तरह की सामग्रियों को बनाने के लिए किया जाता है | बिहार राज्य में पॉपुलर की लकड़ी का इस्तेमाल केवल प्लाईवुड बनाने के लिए किया जाता है, क्योकि यहाँ पर अन्य प्रकार की सामग्रियों को बनाने के लिए फ़ैक्टरी मौजूद नहीं है | इसके पौधे 5 से 7 वर्ष में ही 80 से 90 फ़ीट तक लम्बे हो जाते है |
भारत में पॉपुलर की खेती उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, अरूणाचल प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश राज्यों में की जाती है | देश के युवा किसान पॉपुलर की खेती कर अधिक आय भी अर्जित कर रहे है, जिससे किसानो के मध्य पॉपुलर की खेती अधिक लोकप्रिय होती जा रही है | यदि आप भी पॉपुलर के पेड़ो का उत्पादन कर अधिक आय कमाना चाहते है, तो इस लेख में आपको पॉपुलर की खेती कैसे करें (Popular Farming in Hindi), तथा पॉपुलर की लकड़ी का क्या बनता है? और Poplar Tree Rate कितना होता है, आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है |
पॉपुलर की खेती कैसे करें (Popular Farming in Hindi)
पॉपुलर के पौधों के लिए सहायक मिट्टी, जलवायु और तापमान (Poplar Plants Soil, Climate and Temperature) की जानकारी दी गई है, जिसकी जानकारी इस प्रकार है:-
पॉपुलर के पौधों को किसी भी तरह की उपजाऊ मिट्टी में उगाया जा सकता है | इसके अलावा जैविक तत्वों से युक्त उपजाऊ मिट्टी में खेती करने से पेड़ो की वृद्धि अच्छे से होती है | खारी और क्षारीय मिट्टी में पॉपुलर के पौधों को बिल्कुल न लगाए | इसकी खेती में भूमि का P.H. मान 5.8 से 8.5 के मध्य होना चाहिए |
पॉपुलर के पौधे सामान्य तापमान वाले होते है, तथा पौध रोपाई के लिए 18 से 20 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है | इसकी खेती में 750 से 800 MM वर्षा उपयुक्त होती है | इसके पौधे अधिकतम 45 डिग्री तथा न्यूनतम 10 डिग्री तापमान पर अच्छे से विकास कर सकते है |
पॉपुलर की उन्नत किस्में (Poplar Improved Varieties)
वर्तमान समय में पोपलर की कई उन्नत क़िस्मों को उगाया जा रहा है | जिन्हे अलग-अलग राज्यों के हिसाब से अधिक पैदावार देने के लिए उगाया जाता है | पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों में पॉपुलर की G 48 क़िस्मों का उत्पादन अधिक मात्रा में किया जाता है | इसके अलावा पठानकोट, हिमाचल प्रदेश और जम्मू में W 22 क़िस्मों को उगाने के लिए अनुकूल माना जाता है |
इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों में पॉपुलर की W 39, S 7, W 32, A 26, C 15, S 7, C 8 क़िस्मों को मुख्य रूप से उगाया जा रहा है |
पॉपुलर की खेती में भूमि की तैयारी (Popular Farming Land Preparation)
पॉपुलर के पौधों को खेत में लगाने से पूर्व भूमि को ठीक तरह से तैयार कर ले | इसके लिए खेत की मिट्टी पलटने वाले हलो से गहरी जुताई कर दे | इसके बाद खेत में पानी लगा दे | पानी लगे खेत में जब पानी सूख जाये तो रोटावेटर लगाकर दो से तीन तिरछी जुताई करे | इससे खेत की मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी | जिसके बाद खेत में पाटा लगाकर खेत को समतल कर दे | यदि खेत की मिट्टी में जिंक की कमी पायी जाती है, तो भूमि तैयारी के समय प्रति एकड़ के हिसाब से 10 KG जिंक सल्फेट की मात्रा का छिड़काव करे | इसके बाद पौधों की रोपाई के लिए खेत में गड्डो को तैयार कर लिया जाता है |
पॉपुलर के बीजो की रोपाई का तरीका (Popular Seeds Planting Method)
पॉपुलर की फसल उगाने से पहले बीज से पौधों को तैयार कर लिया जाता है | इसके बाद तैयार पौधों को खेत में बनाये गए गड्डो में लगाना होता है | किसान भाई चाहे तो पौधों को किसी रजिस्टर्ड नर्सरी से भी खरीद सकते है, इससे उन्हें पैदावार प्राप्त करने में अधिक समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा | खेत में 5 मीटर की दूरी रखते हुए पंक्तियों को तैयार कर लिया जाता है | इन पंक्तियों में पौधों की रोपाई 5 से 6 मीटर की दूरी पर तैयार 1 मीटर गहरे गड्डो में की जाती है | एक एकड़ के खेत में तक़रीबन 476 पौधों को लगाया जा सकता है | इन गड्डो में 2 KG गोबर की खाद, 25 GM म्यूरेट ऑफ़ पोटाश के साथ 50 GM सुपर फास्फेट को अच्छी तरह से मिट्टी में मिलाकर गड्डो में भर दिया जाता है |
पॉपुलर के पौधों की रोपाई के लिए जनवरी से फ़रवरी का महीना सबसे अच्छा माना जाता है, तथा 15 फ़रवरी से 10 मार्च तक भी पौधों को लगा सकते है |
पॉपुलर के बीज की तैयारी (Poplar Seed Preparation)
पॉपुलर के बीजो को नर्सरी में तैयार कर लिया जाता है | इसके लिए क्यारियों में बीजो की रोपाई की जाती है | बीज रोपाई से पहले बीजो को बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें गोमूत्र से उपचारित कर लिया जाता है | इसके बाद पौधे बड़े हो जाते है, तो उन्हें निकालकर खेत में लगाने के लिए तैयार कर ले| पौधों को खेत में लगाने से पहले उन्हें फंगसनाशी की उचित मात्रा से उपचारित कर ले, ताकि पौधों को आरम्भ में किसी तरह के रोग न लगे | इसके बाद जड़ो की छटाई कर दी जाती है | नए तैयार हुए पौधों को 100 Liter पानी में 250 ML क्लोरोपाइरीफॉस को डालकर मिला ले फिर इसके पौधों को इस घोल में 10 से 15 मिनट तक रख कर उपचारित कर ले| इसके बाद पौधों को 100 Liter पानी में 200 GM एमीसान 6 को अच्छे से मिलाकर 20 मिनट तक उपचारित करने के बाद पौधों की रोपाई कर दे |
पॉपुलर के खेत में खाद की मात्रा (Poplar Field Manure Amount)
जब पॉपलर के पौधों की रोपाई खेत में कर दी जाती है, तो उसके पहले वर्ष में आपको 8 KG गोबर की खाद के साथ 50 GM एस एस पी और यूरिया की मात्रा को खेत में डालना होता है | दूसरे और तीसरे वर्ष में 10 KG पुरानी सड़ी गोबर के साथ 15 KG यूरिया और 80 GM एस एस पी की मात्रा को ठीक से मिलाकर 150 GM की मात्रा को प्रत्येक पौधे के हिसाब से दे | इसके बाद के वर्षो में तक़रीबन 15 KG सड़ी गोबर की मात्रा को यूरिया और 200 GM एस एस पी की मात्रा में अच्छे से मिलाकर प्रति पौधों को देना होता है |
पॉपुलर के पौधों पर खरपतवार नियंत्रण (Popular Plants Weed Control)
पॉपुलर के पौधों पर आरम्भ में खरपतवार पर नियंत्रण करना जरूरी होता है | खरपतवार नियंत्रण के लिए निराई – गुड़ाई और छटाई का सहारा लिया जाता है | पॉपुलर के खेत में पौध रोपाई के पश्चात् आरम्भ में जब खरपतवार दिखाई दे उसकी गुड़ाई की जाती है | इसके बाद जब पौधा 3 वर्ष का हो चुका हो तो पौधे की छटाई कर दे, तथा उसके बाद भी जैसे – जैसे पौधा बड़ा होता जाता है, वैसे ही उसके आधे हिस्से से छटाई कर दी जाती है |
पॉपुलर के पौधों की सिंचाई (Poplar Plants Irrigation)
पॉपुलर के पौधों को सामान्य सिंचाई की जरूरत होती है | इसकी पहली सिंचाई को पौध कटाई के तुरंत बाद करना होता है, तथा बाद की सिंचाई 7 से 10 दिन के अंतराल में की जाती है | पौध लगाने के दूसरे वर्ष में पौधों को 15 से 20 दिन के अंतराल में पानी देना होता है | इसके बाद बढ़ते समय के साथ पौधों को पानी देने का समय बढ़ जाता है |
पॉपुलर में लगने वाले रोग एवं उपचार (Popular Diseases and Treatment)
दीमक
इस क़िस्म का रोग पॉपुलर के पेड़ो पर किसी भी अवस्था में देखने को मिल सकता है | क्लोरपाइरीफॉस 2.5 लीटर का छिड़काव प्रति एकड़ के हिसाब से कर इस रोग से बचाव कर सकते है |
पत्तों का गिरना
इस क़िस्म का रोग जुलाई के महीने में पॉपुलर के पौधों पर देखने को मिलता है | इस रोग से बचाव के लिए क्लोरपाइरीफॉस 200 ML के साथ साइपरमैथरीन 80 ML की मात्रा का छिड़काव प्रति एकड़ के हिसाब से पौधों पर करे |
तना गलन
इस क़िस्म का रोग पॉपलर के पौधों पर अक्सर खेत में अधिक समय तक जल भराव होने की वजह से दिखाई देता है | इस रोग की रोकथाम के लिए खेत में अधिक समय तक पानी न भरा रहने दे, तथा पौधों की जड़ो पर एमीसान 6, 4 की 5 GM की मात्रा का छिड़काव करे |
झुलस रोग
पॉपलर के पौधों पर इस तरह का रोग अक्सर अगस्त से सितंबर माह के मध्य में देखने को मिलता है | इस क़िस्म के रोग का आक्रमण यदि पौधों पर दिखाई दे तो प्रति लीटर पानी में कार्बेनडाज़िम 2 GM की मात्रा को मिलाकर उसका छिड़काव स्प्रे से करे |
सूखा
सूखा रोग अक्सर मई से जून के महीने में दिखाई देता है | इस रोग से प्रभावित फसल को बचाने के लिए घुलनशील सलफर पाउडर की 500 GM की मात्रा का छिड़काव प्रति एकड़ के हिसाब से पौधों पर स्प्रे के रूप में करे |
पॉपुलर के पेड़ो की कटाई, पैदावार और लाभ (Poplar Tree Rate, Harvesting, Yield and Benefits)
पॉपुलर के पौधे 6 से 9 वर्ष पश्चात् पूर्ण रूप से वृक्ष बनकर कटाई के लिए तैयार हो जाते है | इसका बाज़ारी भाव पेड़ की चौड़ाई के अनुसार होता है, जिसमे 24 इंच घेरे वाले पेड़ का भाव 900 रूपए प्रति क्विंटल होता है, तथा 10 से 18 इंच वाले पेड़ का भाव 700 रूपए प्रति क्विंटल तक होता है, जिससे किसान भाई पॉपुलर का उत्पादन कर अधिक मात्रा में कमाई कर सकते है |