वनीला की खेती कैसे करे | Vanilla Farming in Hindi | वनीला का बीज कहां मिलता है


वनीला की खेती (Vanilla Farming) से सम्बंधित जानकारी

वनीला की खेती बेलदार पौधों के लिए की जाती है | जिसमे निकलने वाले फलो का आकार कैप्सूल की तरह होता है, तथा सूखे हुए फूलो से अधिक खुशबु आती है | इसके एक फल से कई गोलाकार बीज प्राप्त हो जाते है | भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार पूरे विश्व में बनने वाली आइसक्रीम में वनीला फ्लेवर का उपयोग लगभग 40 प्रतिशत तक होता है | आइसक्रीम के अलावा वनीला का इस्तेमाल कोल्ड्रिंक, केक, परफ्यूम और अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स को बनाने में करते है | जिस वजह से किसान भाई वनीला की खेती करने के प्रति अधिक प्रेरित हो रहे है |

भारत के अलावा अन्य देशो में वनीला की अधिक मांग रहती है, जिस वजह से वनीला का निर्यात कर अधिक मुनाफा कमा सकते है | यदि आप भी अधिक मुनाफा कमाने के लिए वनीला की खेती करना चाह रहे है, तो यहाँ पर आपको वनीला की खेती कैसे करे (Vanilla Farming in Hindi) तथा वनीला का बीज कहां से मिलता है, इस तरह की तमाम बातों के बारे में बताया जा रहा है |

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वनीला की खेती कैसे करे (Vanilla Farming in Hindi)

वनीला की खेती की शुरुआत कैसे करते है, उसके लिए उपयुक्त मिट्टी, उत्पादन खेती की तैयारी, संचाई की सभी जानकारी इस प्रकार है:-

वनीला की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी (Vanilla Cultivation Suitable Soil)

वनीला की खेती के लिए जैविक पदार्थो से युक्त भुरभुरी मिट्टी की आवश्यकता होती है | इसके अलावा भूमि का P.H. मान 6.5 से 7.5 के मध्य होना चाहिए | इसके अतिरिक्त भूमि की जांच कर यह जरूर जान ले कि मिट्टी में किस चीज की कमी है, उन चीजों को पूरा कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते है |

वनीला के लाभ (Vanilla Benefits)

  • वनीला की बींस में एक वनैलिन नामक सक्रिय रासायनिक तत्व मौजूद होता है, जो मानव शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायता प्रदान करता है |
  • इसमें ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते है, जो सेल्स को बेहतर बनाकर कैंसर से लड़ने में सहायता प्रदान करता है | इसमें उपस्थित ऐंटी- इन्फ्लेमेटरी गुण शरीर के सभी अंगो के लिए लाभकारी होता है |
  • इसमें ऐंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते है | जिसकी वजह से इसका नियमित सेवन पेट को साफ रखने, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और जुखाम, बुखार जैसी छोटी बीमारियों को दूर रखने में अधिक लाभकारी है |

भारत में वनीला का उत्पादन (Vanilla Production in India)

वर्तमान समय में भारत के किसान वनीला की खेती लघु और सीमांत फसलों के साथ कर रहे है | कुछ समय पहले देश के केरल राज्य के एर्णाकुलम जिले मे वनीला का उत्पादन अधिक मात्रा में किया जाता था | वनीला की खेती कर चुके एम.के. साजू का कहना है, कि एक समय ऐसा था, जब 2 लाख तक किसान केवल वनीला की खेती से जुड़े थे | किन्तु अब यह संख्या सिमट कर 100 से भी कम बची है |

वनीला कंपनी के अनुसार वनीला की खेती में आने वाली कमी के पीछे का सबसे बड़ा कारण सिथेंटिक वनीला का प्राकृतिक वनीला का स्थान ले लेना है | सिंथेटिक वनीला प्राकृतिक वनीला की तुलना में काफी सस्ता होता है, जिस वजह से प्राकृतिक वनीला के अच्छे दाम नहीं मिल पते है, और किसानो को नुकसान उठाना पड़ता है | प्राकृतिक वनीला के मूल्य की बात करे तो इसकी कीमत 20 हज़ार रूपए प्रति किलो तक पाई जाती है, वही सिंथेटिक वनीला हमें केवल 100 रूपए में ही मिल जाता है | यदि एक बड़ी वजह है, कि वनीला देश में वनीला की खेती पर काफी असर पड़ा है |

विश्व में वनीला की खेती (Vanilla Cultivation in the World)

वनीला मुख्य रूप से ग्वाटेमाला, मध्य अमेरिका और दक्षिण पूर्वी मेक्सिको मूल का पौधा कहलाता है | इसके अलावा जंजीबार, टांगो, वेस्टइंडीज, जावा, युगांडा, मेडागास्कर, ताहिती और जमैका देशो में भी वनीला की खेती करते है |

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वनीला के खेत की तैयारी (Vanilla Cultivation Preparation)

वनीला की बेल को खेत में लगाने से पूर्व खेत को बुवाई के लिए अच्छी तरह से तैयार कर ले | इसके लिए खेत में उचित दूरी पर गड्डो को तैयार कर ले, इन गड्डो में पुरानी सड़ी गोबर की खाद को मिट्टी में मिलाकर भर दे | इसके बाद कटिंग को भूमि के कुछ ऊपर लगाकर खाद और पत्तियों से ढक दिया जाता है| दो कटिंग के मध्य तक़रीबन 8 फ़ीट दूरी होनी चाहिए | ताकि इसके पौधों की लताये आसानी से फैलाव कर सके | इन लताओं को 7 फ़ीट लम्बे सीमेंट के पिलर व् लकड़ी के साथ बांध दे, ताकि बेल आसानी से फ़ैल सके |

वनीला के बीजो की बुवाई (Vanilla Sowing Seeds)

वनीला के बीजो की बुवाई दो तरह से की जा सकती है | इसमें पहला तरीका कटिंग और दूसरा बीज है | बीज के माध्यम से बुवाई को बहुत ही कम पसंद किया जाता है, क्योकि वनीला का दाना काफी छोटा होता है, जिससे उसे उगने में अधिक समय लग जाता है | वही बेल के रूप में लगाना काफी अच्छा होता है, किन्तु बेल की कटिंग बिल्कुल स्वस्थ होनी चाहिए |

वनीला के पौधों की देखभाल (Vanilla Plant Care)

  • वनीला की बेल को खेत में लगाने के पश्चात् उसमे गोबर की खाद, नीम केक और केंचुआ खाद डालते रहे है, ताकि पौधों को पोषक तत्व मिलते रहे और पैदावार भी अच्छी हो |
  • वनीला के पौधों को खेत में लगाने के पश्चात दो दिन के अंतराल में फव्वारा या टपक विधि द्वारा पानी अवश्य दे |
  • इसके अतिरिक्त 100 लीटर पानी में 1 KG एनपीके की मात्रा को मिलाकर उसका छिड़काव करे |
  • वनीला की बेलों को खेत में तैयार किये गए तारो में फैलाना होता है, इन बेलों की ऊंचाई 150 CM से अधिक न हो |

वनीला का बीज कहां मिलता है (Vanilla Seeds)

वनीला आर्किड परिवार का सदस्य कहलाता है | इसमें निकलने वाले पौधों का तना सीधा लंबा और बेलनाकार होता है | इसके पौधों से फल और फूल दोनों ही प्राप्त हो जाते है, जिसमे फल कैप्सूल जैसा होता है, और सूखे हुए फूल अधिक सुगन्धित होते है | वनीला की एक खास बात यह है, कि इसके एक फल से अधिक मात्रा में बीज मिल जाते है |

वनीला के बीजो की कीमत (Vanilla Seeds Price)

वनीला के फूलो को तैयार होने में 9 से 10 महीने का समय लग जाता है | इसके बाद पौधों से बीजो को निकाल लेते है | इसके बाद इन बीजो को प्रसंस्करण कर खाद्य पदार्थो का निर्माण करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है | भारत में वनीला के बीजो की कीमत 40 से 50 हज़ार रूपए प्रति किलो होती है, जिससे किसान भाई वनीला की खेती कर अधिक कमाई कर लेते है |

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