ब्लूबेरी की खेती कैसे करे | Blueberry Farming India Hindi | ब्लूबेरी Price


ब्लूबेरी (Blueberry) की खेती से सम्बंधित जानकारी

ब्लूबेरी एक फूल वाला पौधा है, जो बारहमासी ही मिल जाता है | आमतौर पर इन्हे गहरे जामुन के लिए उगाया जाता है | इन जामुनों को आप कच्चा ही नाश्ते के साथ खा सकते है, तथा पके हुए फल से दही या जाम को बनाते है | ब्लूबेरी एक अविश्वसनीय पोषण और अनेको स्वास्थ लाभ वाला फल है, जिसे नीलबदरी नाम से भी जानते है | ब्लूबेरी नीले रंग का फल है, जो छोटा और गोल आकार का व् स्वाद में कुछ खट्टा-मीठा होता है | एरिकेसी परिवार से संबंध रखने वाली यह एक ग्रीष्मकालीन फसल है, जिसकी खेती ज्यादातर उत्तर अमेरिका में होती है, क्योकि वहां की मिट्टी और जलवायु इसकी फसल के लिए उपयुक्त होती है |

इसके अलावा कनाडा, यूरोप और भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर में ब्लूबेरी की खेती की जाती है| भारत में ब्लूबेरी की खेती बहुत ही कम की जाती है, लेकिन उत्कृष्ट स्वास्थ्य लाभ के कारण भविष्य में ब्लूबेरी की खेती बड़ी मात्रा में करने की संभावना जताई जा रही हैं | अगर आप भी ब्लूबेरी की खेती करना चाहते हैं, तो इस लेख में आपको ब्लूबेरी की खेती कैसे करे ( Blueberry Farming India Hindi) तथा ब्लूबेरी Price बता रहे हैं |

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ब्लूबेरी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु (Blueberry Cultivation Suitable Climate)

ब्लूबेरी की फसल को आप विभिन्न प्रकार की जलवायु में उगा सकते है | किन्तु गर्म जलवायु में इसके पौधे अच्छे से बढ़ते है | जब आप ब्लूबेरी की खेती करने के लिए तैयार होते है, तो आप अपने क्षेत्र की जलवायु की परिस्थिति की जांच बागवानी विभाग से करवा ले |

ब्लूबेरी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी (Blueberry Cultivation Suitable Soil)

ब्लूबेरी की खेती के लिए अधिक अम्लीय, वातित, नम, उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी उपयुक्त होती है | सर्वोत्तम वृद्धि और उपज के लिए भूमि 4.0 से 5.5 पीएच रेंज वाली होनी चाहिए | यदि मिट्टी में पीएच मान अधिक है, तो उसमे कुछ मात्रा में सल्फर डालकर मिट्टी के पीएच मान को कम कर सकते है |

ब्लूबेरी की उन्नत किस्में (Blueberry Advanced Varieties)

ब्लूबेरी की खेती में कई किस्मो का इस्तेमाल किया जाता है, जिनसे 3 से 4 कटाई में ही उत्पादन प्राप्त कर सकते है | इन किस्मों को आप बाजार से खरीद सकते है | उन्नत किस्मों को 3 श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमे लोबश, हाईबश और हाइब्रिड हाफ-हाई शामिल है, ब्लूबेरी की उन्नत किस्मे इस प्रकार है:-

  • ब्लूबेरी की ड्यूक क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की टोरो क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की चैंडलर क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की चैंटलर क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की ओनल क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की मिस्टी नेल्सन क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की लिगेसी क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की इलियट क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की एलिजाबेथ क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की अर्लेन क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की रेविएल प्रिंस क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की कोलंबस प्रीमियर क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की पाउडर ब्लू क्लाइमेक्स क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की ब्राइट वेल क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की ब्लूक्रॉप क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की ब्लू रे क़िस्म |
  • ब्लूबेरी की ब्लूजे क़िस्म |

ब्लूबेरी की खेती के लिए भूमि की तैयारी व् रोपाई (Blueberry Cultivation Land Preparation and Planting)

ब्लूबेरी की खेती करने से पहले भूमि को तैयार करना होता है, इसके लिए खेत की समतल भूमि की जुताई तब तक करते है, जब तक मिट्टी अच्छी बुवाई के लिए न तैयार हो जाए | खेत को खरपतवार मुक्त भी बनाना होता है, तथा पंक्ति को 3 मीटर वाले गलियारे में पौधों को 80 CM की दूरी पर लगाते है | ब्लूबेरी की बुवाई पूरे वर्ष में किसी भी समय कर सकते है, बशर्ते पौधों के लिए पर्याप्त सिंचाई उपलब्ध होनी चाहिए | 1 लीटर या 3.5 लीटर कंटेनर में लगाए गए 1 या 2 वर्ष पुराने पौधों को मुख्यता खेत में लगाना चाहिए | इसमें पसंदीदा तने की लंबाई 15 से 25 व् 25 से 45 CM के मध्य हो | पेड़ो की रोपाई के 2 सप्ताह पूर्व खेत में 10 इंच गहरे गड्डे तैयार कर ले | इसके अलावा साइड-स्प्रेडिंग जड़ के लिए एक मीटर पर एक वर्ग आकार वाला गड्डा खोदे | इसके बाद गड्ढे से निकली मिट्टी को कोको पीट, लीफ मोल्ड या कम्पोस्ट की बराबर मात्रा में मिलाए |

ब्लूबेरी की फसल की छंटाई (Blueberry Crop Pruning)

सामान्य तौर पर ब्लूबेरी का पौधा झाड़ीनुमा होता है, जो इसके मुकुट से उपजता है | ब्लूबेरी के उत्पादक तनो की संख्या 9 से 12 तक हो| 5 से 6 वर्ष पुराने बेंत को निकालकर प्रति वर्ष प्रूनिंग करे | ब्लूबेरी की झाड़ी पहले के कुछ वर्षो तक फल नहीं देती है | इसके पौधों को विकास करने में पिंच बैक ब्लॉसम मदद करता है | प्रूनिंग को देर से सर्दियों के मौसम में विकास आरम्भ होने से ठीक पहले करे | पहले के 4 वर्षो तक छंटाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है |

ब्लूबेरी के पौधों की देख-रेख (Blueberry Plants Caring)

सामान्य तौर पर ब्लूबेरी के पौधों में किसी तरह का रोग नहीं देखने को मिलता है, क्योकि इसका पौधा कीट और रोगो के प्रति प्रतिरोधी होता है | ब्लूबेरी की फसल में मुख्य समस्या यह है, कि पक्षियों के लिए यह जामुन उनका पसंदीदा भोजन है, इसलिए इसके पौधों को पक्षियों से बचाना जरूरी होता है | इसके लिए पौधों के चारो और जाल लगाते है | ब्लूबेरी की फसल को फलने के लिए जून महीने की आवश्यकता होती है |

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ब्लूबेरी फसल की सिंचाई (Blueberry Crop Irrigation)

तैयार किए गए खेत में ब्लूबेरी के पौधों की रोपाई करने के पश्चात् तुरंत ही पौधों की सिंचाई करना होता है | इसके पौधों को सप्ताह में एक बार पानी अवश्य देना चाहिए | बारिश का पानी अन्य पानी से काफी बेहतर होता है, क्योकि इस तरह का पानी अधिक क्षारीय होता है | अधिक समय तक बारिश न होने और शुष्क मौसम की स्थिति में भूमि में नमी की मात्रा के आधार पर बार-बार सिंचाई करने की आवश्यकता होती है |

ब्लूबेरी की फसल में खरपतवार नियंत्रण (Blueberry Crop Weed Control)

ब्लूबेरी की फसल में सूखे और क्षतिग्रस्त पत्तो को नियिमत रूप से हटाकर निराई-गुड़ाई की जानी चाहिए | खरपतवार नियंत्रण के लिए पौधे की घाटियों को साफ़ रखना जरूरी होता है, और वसंत ऋतु के मौसम में गीली घास या एसिड पसंद पेड़ो में किसी भी उवर्रक का इस्तेमाल करे | मल्चिंग विधि से पानी की बर्बादी से बच सकते है, और खरपतवार की वृद्धि को नियंत्रित कर सकते है, तथा मिट्टी के कटाव को ताल सकते है | मल्चिंग सामग्री से सड़ी हुई जैविक खाद तैयार हो जाएगी | रोपाई के पश्चात् 2 से 4 इंच लकड़ी की परत से मल्चिंग करते है | पौधे के निचले भाग में निकलने वाले सभी फल हटा दे, ताकि पौधा मजबूत बना रहे, इससे जड़ प्रणाली अधिक मजबूत बनती है |

ब्लूबेरी की फसल में खाद व् उवर्रक (Blueberry Crop Manures and Fertilizers)

ब्लूबेरी की फसल में खाद का इस्तेमाल करने से कई संभावित लाभ मिलते है| इसके लिए भूमि तैयार के दौरान अच्छी तरह से सड़ा हुआ गाय का गोबर खेत में डालना चाहिए | ब्लूबेरी का पौधा अम्लीय मिट्टी में वृद्धि करता है, इसलिए उच्च एसिड वाले उवर्रक तलाश करे, जिसमे अमोनियम नाइट्रेट, अमोनियम सल्फेट या सल्फर-लेपित यूरिया अच्छी मात्रा में हो | उवर्रक की मात्रा ब्लूबेरी के पौधों में पत्तियों के उगने से पहले वसंत ऋतु के मौसम में देना चाहिए |

ब्लूबेरी के फसल की कटाई और उपज (Blueberry Harvest and Yield)

ब्लूबेरी का पौधा रोपाई के पश्चात् दूसरे या तीसरे सीजन में फल देना आरम्भ कर देता है | इसका पौधा एक वर्ष में एक बार जामुन की फसल देता है | इसके फलो को काटकर डिब्बों में ताज़ा जमा कर बेच सकते है | जामुन फसल की कटाई करने के बाद बेंत की टोपी से निकली जामुन को हटा दे | ब्लूबेरी के फसल की कटाई अगस्त से सितंबर माह में शुरू कर देनी चाहिए | जब पौधों पर लगे फल नीले रंग के हो जाए तो, कुछ दिन प्रतीक्षा कर कटाई कर ले | जामुन के फसल की उपज कई कारको के आधार पर कुछ कम ज्यादा होती है, फिर भी आप पहली फसल में इसके एक पौधे से 1 KG फल की उम्मीद कर सकते है |

इसके बाद वाले वर्षो में पौधा परिपक्व हो जाता है, और छठे से सातवें वर्ष में उत्पादन दोगुना मिलने लगेगा | यह उत्पादन अधिकतम एक पौधे से 10 KG तक हो सकता है, और औसत उपज 5 से 6 KG देखने को मिल सकती है | आप एक बार लगाए गए ब्लूबेरी के पेड़ से 20 से 25 वर्ष तक फल प्राप्त कर सकते है |

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ब्लूबेरी के फायदे (Blueberry Benefits)

  • कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में :- ब्लूबेरी शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ने से रोकता हैं, अगर आप अपने शरीर में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्राकृतिक रूप से कम करना चाहते है, तो आप ब्लूबेरी का इस्तेमाल कर सकते है | ब्लूबेरी में एंथोसायनिन और फाइबर होता है, जो ख़राब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है |
  • ब्लूबेरी का उपयोग मोटापा घटाने के लिए :- लोगो में मोटापा एक गंभीर समस्या है, जिसे कम करने के लिए लोग कई तरह के हथकंडे अपनाते है, लेकिन फिर भी अपने वजन को कम नहीं कर पाते है | अगर आप भी अपना वजन कम करना चाहते है, तो आप ब्लूबेरी का सेवन करे, क्योकि इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसे खाने के बाद पेट भरा हुआ बना रहता है, जिससे आप अतिरिक्त भोजन करने से बचेंगे और आपका वजन कम होने लगेगा |
  • मधुमेह नियंत्रण में फायदेमंद :- आज के समय में लाखो लोग शुगर की समस्या से ग्रसित है | जो व्यक्ति शुगर की समस्या से ग्रसित है, उनके लिए ब्लूबेरी एक गुणकारी औषधि है | ब्लूबेरी में एन्थोसायनिन यौगिक होता है, जो शरीर में एंटीडायबिटिक के रूप में कार्य करता है, तथा ब्लूबेरी में मौजूद एंटीडायबिटिक गुण बॉडी में बड़े हुए रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायता करता है| इसलिए मधुमेह रोगियों को ब्लूबेरी के जूस का सेवन करना चाहिए |
  • ब्लूबेरी फायदेमंद आँखों के लिए :- आँख शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है, इसलिए हमें उन्हें स्वस्थ रखने में विशेष ध्यान देना चाहिए | आप अपनी आँखों को स्वस्थ रखने और रोशनी बढ़ाने के लिए ब्लूबेरी का सेवन कर सकते है | ब्लूबेरी में एंथोसायनिन गुण होता है, जो आँखों को कई बीमारियों से बचाता है |
  • स्वस्थ हृदय के लिए ब्लूबेरी के लाभ :- व्यक्ति के शरीर में हृदय एक महत्वपूर्ण अंग है, जो 24 घंटे लगातार काम करता है | आज के समय में लोगो में हृदय रोग का खतरा काफी आम बात हो गई है, जिसके पीछे का मुख्य कारण ख़राब दिनचर्या और शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी होना है | ब्लूबेरी का उपयोग आप हृदय को स्वस्थ रखने में कर सकते है | ब्लूबेरी में मिलने वाला फाइबर व् अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स तत्व हृदय रोग का इलाज करने में फ़ूड सप्लीमेंट की तरह कार्य करता है |
  • मुहाँसे की समस्या में ब्लूबेरी के फायदे :- ब्लूबेरी का सेवन कर आप मुंहासो की समस्या से भी छुटकारा पा सकते है, क्योकि इसमें सैलिसिलेट्स एसिड होता है, जो मृत त्वचा को हटाने और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है | ब्लूबेरी का पैक तैयार कर आप मुँहासों को दूर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते है | इसके लिए आप शहद, नींबू के साथ ब्लूबेरी का पेस्ट बनाकर तैयार कर ले, और इस पेस्ट को आप 20 मिनट तक अपने चेहरे पर लगाए, फिर गुनगुने पानी से धो ले|
  • हड्डियों को मजबूत बनाने में ब्लूबेरी सहायक :- हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी ब्लूबेरी का सेवन कर सकते है | स्वस्थ और मजबूत हड्डिया होने पर मनुष्य कठिन परिश्रम को भी करने में सक्षम होता है, वही अगर किसी व्यक्ति की हड्डी कमजोर है, तो वह स्वयं को लाचार और असहाय महसूस करता है | ब्लूबेरी में पॉलीफेनॉल्स नामक तत्व होता है, जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से बचाता है |
  • इम्युनिटी बढ़ाने में ब्लूबेरी :- ब्लूबेरी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाता है, और संक्रमण को रोकता है | जब किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होगी, तो वह बुखार, जुकाम और अनगिनत अन्य रोगो से बचा रहता है | ब्लूबेरी में फाइटोकेमिकल्स तत्व मौजूद होता है, जो रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं की क्षमता को बढ़ाने का कार्य करता है, तथा विटामिन सी इम्युनिटी को बूस्ट करता है|
  • याददाश्त को तेज करे ब्लूबेरी :- बढ़ती हुई उम्र के साथ व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है, लेकिन आज के समय में युवा पीढीयो में भूलने की समस्या देखने को मिल रही है| मानसिक विकास के लिए ब्लूबेरी किसी वरदान से कम नहीं है | ब्लूबेरी में फाइटो न्यूट्रीएंट तत्व मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रीय करता है, जो याददाश्त में सुधार करता है |
  • बालो के लिए फायदेमंद ब्लूबेरी :- बालो को सिर का ताज कहते है, किन्तु आज के समय में ज्यादातर लोग बालो की समस्याओ से जूझ रहे है, जिसमे बालो का झड़ना, सफ़ेद बाल और डैंड्रफ शामिल है | ब्लूबेरी का इस्तेमाल बालो के विकास के लिए काफी लाभकारी है| इसमें विटामिन-सी, विटामिन-ए और विटामिन – ई की भरपूर मात्रा होती है| यह पोषक तत्व बालो को घना, डैंड्रफ मुक्त और मजबूत बनाता है | इसके लिए आपको ब्लूबेरी के रस को जैतून के तेल में मिलाकर बालो में लगाना होता है |

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