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हॉप शूट्स की खेती (Hop Shoots Farming) से सम्बंधित जानकारी
हॉप्स शूट्स की खेती औषधीय पौधे के रूप में की जाती है | इसकी फसल का इस्तेमाल सब्जी बनाने के लिए भी करते है | यह एक बहुत ही महंगी सब्जी होती है, जिसे मादा शंकुओं के लिए उगाते है | इन शंकुओं को पेय पदार्थो का परीक्षण व उन्हें सुगंधित बनाने के लिए किया जाता है | हॉप्स शूट्स का इस्तेमाल टॉनिक और जीवाणुनाशक के लिए भी करते है, इसके अलावा इसे सलाद सब्जी, हर्बल चाय व एंटी वायरल, मधुमेह, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी ‐कार्सिनोजेनिक व् कैंसर से संबंधित दवाइयों को बनाने में भीकिया जाता है |
किसान भाई हॉप्स शूट्स की खेती सबसे महंगी खेती के रूप में करते है | यदि आप भी हॉप्स की खेती कर अधिक लाभ कमाना चाहते है, तो उसके लिए आपको इसकी खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और जलवायु के बारे में ठीक जानकारी होनी चाहिए | इस लेख में आपको हॉप शूट्स की खेती कैसे करे (Hop Shoots Farming in Hindi) तथा सबसे महंगी खेती के बारे में जानकारी दी जा रही है |
हॉप शूट्स के फायदे (Hop Shoots Benefits)
- यह अनिद्रा की समस्या को दूर करता है |
- यह तनाव को दूर कर मूड को अच्छा बनाता है |
- हॉप शूट्स में मौजूद रसायन रजोनिवृत्ति के लक्षणों को बढ़ने से रोकता है |
- यह शरीर में मौजूद एंटीबाडी की मात्रा को बढ़ाता है, जो कैंसर और टीबी जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में मददगार साबित होती है |
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा पायी जाती है, जो त्वचा को जवान और चमकदार रखने में मदद करती है |
- इसकी टहनियों को अचार बनाने के लिए भी इस्तेमाल में लाते है |
हॉप शूट्स की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु और तापमान (Hop Shoots Cultivation Suitable Soil, Climate and Temperature)
हॉप शूट्स की खेती के लिए उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है | हॉप शूट्स की फसल रेतीली दोमट मिट्टी व चिकनी दोमट मिट्टी में अधिक पैदावार देती है | नदियों के किनारे जहा पर इसकी जड़े आसानी से जल स्तर को प्राप्त कर सके, वहां इसे आसानी से उगाया जा सकता है | इसके अलावा भूमि उचित जल-निकासी वाली होनी चाहिए | भूमि का P.H. मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए |
हॉप शूट्स की खेती केवल अधिक ठन्डे प्रदेशो में ही की जा सकती है, क्योकि ठंडी जलवायु में ही इसके पौधे ठीक तरह से विकास कर पाते है | इसके पौधे अधिकतम 19 डिग्री तथा न्यूनतम -25 डिग्री तक के तापमान को ही सहन कर सकते है | भारत के हिमाचल प्रदेश की जलवायु और तापमान हॉप शूट्स की खेती के लिए उपयुक्त मानी गयी है |
हॉप शूट्स की क़िस्म (Hop Shoots Variety)
हॉप शूट्स की फसल व्यापारिक तौर पर उगाई जाती है, जिसके लिए निम्न क़िस्मों की खेती की जाती है, जो इस प्रकार है:- गोल्डन क्लस्टर, लेट क्लस्टर और हाइब्रिड-2 आदि |
हॉप शूट्स के पौधों की रोपाई का तरीका (Hop Shoots Plants Transplant Method)
हॉप शूट्स के पौधों की रोपाई बीज के रूप में न करके कंद के माध्यम से की जाती है | इसके लिए खेत में दोनों साइड 2 स्तम्भों को तार की सहायता से बांध दिया जाता है| इसके पौधे बेल के रूप में फैलते है, इसलिए इन्हे कतारों में लगाया जाता है | पौध रोपाई 5 से 10 फ़ीट वर्टिकल दूरी पर की जाती है | रोपाई के पश्चात हल्की सिंचाई कर दी जाती है | हॉप शूट्स के पौधों को आरम्भ में 6 से 8 घंटे धूप की आवश्यकता होती है | इसके अलावा रोपाई से पूर्व खेत में 4 इंच गहरा कम्पोस्ट के मिक्सचर को डालना होता है, तथा खेत में जलभराव बिल्कुल न होने दे |
हॉप शूट्स के पौधों की सिंचाई (Hop Shoots Plants Irrigation)
हॉप शूट्स के पौधों को 6 इंच गहराई तक पानी की जरूरत होती है | इससे पौधे भूमि से पोषक तत्वों को आसानी से ग्रहण कर लेते है | इसके पौधों की सिंचाई के लिए ड्रिप विधि का इस्तेमाल किया जाता है |
हॉप शूट्स के पौधों के लिए खाद और उवर्रक की मात्रा (Hop Shoots Plants Manure and Fertilizer)
हॉप शूट्स की अच्छी पैदावार के लिए खेत में अच्छी मात्रा में खाद और उवर्रक देना होता है | खाद की मात्रा पाकर पौधे अच्छे से विकास करते है| इसके लिए 25-30 टन गोबर की खाद को देना होता है, तथा रासायनिक उवर्रक के तौर पर 250 KG सुपर फास्फेट, 200 KG म्यूरेट ऑफ़ पोटाश और 100 KG नाइट्रोजन की मात्रा को देना चाहिए|
गोबाद की खाद व् उवर्रक की मात्रा को अच्छे से मिट्टी में मिला देना होता है, तथा पोटाश और नाइट्रोजन की आधी मात्रा को पौधे के 90 CM घेरे में रोपाई के वक़्त दे | बाकि की मात्रा को जून-जुलाई माह के मध्य में देना होता है |
हॉप शॉट्स के पौधों में लगने वाले रोग एवं उनकी रोकथाम (Hop Shots Plant Diseases and Prevention)
रोमिल (सिडो पेरोनोस्पोरा)
इस क़िस्म का रोग पौधों की शाखाओ और पत्तो पर देखने को मिलता है | इस रोग का कीट शाखाओ पर पत्तियों पर आक्रमण कर उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर देता है | हॉप शॉट्स के पौधों को इस रोग से बचाने के लिए रोग ग्रष्ट पौधों को निकाल कर फेक दे, तथा नीला थोथा व अनबुझे चुने की 1 KG की मात्रा को 100 लीटर पानी में डालकर अच्छे से मिला दे, और उसका छिड़काव करना होता है |
वर्टिसिलियम विल्ट
इस क़िस्म का रोग पौधों पर फफूंद के रूप में आक्रमण करता है | यह रोग आरम्भ में जड़ो पर आक्रमण करता है, जिसके बाद यह धीरे-धीरे शाखा और पत्तियों तक पहुंच जाता है | इस रोग से बचाव के लिए रोगग्रस्त पौधों को निकाल कर फेंक दिया जाता है, तथा फसल चक्र प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है |
हॉप शूट्स (सबसे महंगी खेती) के पौधों की तुड़ाई, पैदावार और लाभ (Hop Shoots Plants Harvesting Yield and Benefits)
हॉप शूट्स के फसल की तुड़ाई अगस्त से सितम्बर माह के मध्य में की जाती है, जब इसकी फसल पीले रंग की दिखाई देने लगे उस दौरान इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए | तुड़ाई के पश्चात् हॉप्स को सुखाने के लिए अधिकतम 30 से 35 डिग्री तापमान की ही जरूर होती है | जब तक फसल ठीक से सूख न जाये तब इन्हे धूप में रखना होता है|
हॉप शूट्स के एक एकड़ के खेत से तकरीबन 362 KG से 680 KG का उप्तादन प्राप्त हो जाता है | इसका बाज़ारी भाव 80 से 90 हज़ार रूपए प्रति किलो है, जिससे किसान भाई इसकी फसल कर मालामाल बन सकते है|