केसर की खेती कैसे होती है | Saffron Farming in Hindi | केसर का मूल्य


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केसर की खेती (Saffron Farming) से सम्बंधित जानकारी

केसर (Saffron) को अनोखी खुशबु और खास तरह के गुणों के लिए पहचाना जाता है | केसर मानव स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक होता है, केसर का मूल्य अधिक होने के चलते इसे लाल सोना (Red Gold) भी कहा जाता है | औषधीय और गुणकारी पौधा होने के कारण इसका उपयोग प्राचीन काल से ही आयुर्वेदिक चिकित्सीय के रूप में होता रहा है| इसी तरह केसर को साबुन तथा सौन्दर्य प्रसाधन की चीज़ो के रूप में भी उपयोग में लाया जाता है|

केसर का उपयोग खाने की कई तरह की चीजों में किया जाता है, इसके अंदर कई तरह के अत्यंत गुणकारी तत्व मौजूद है, जो मनुष्य के स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होते है | वह महिलाये जो गर्भवती होती है, डॉक्टर उन्हें दूध में केसर डालकर पीने को कहते है | केसर का इस्तेमाल करने से हृदय सम्बंधित रोग नहीं होते है तथा रक्त सोधन की क्षमता भी बढ़ती है | यदि आप भी केसर की खेती करना चाहते है तो यहाँ आपको केसर की खेती से जुड़ी जानकारी केसर की खेती कैसे होती है, Saffron Farming in Hindi, केसर का मूल्य के बारे में बताया जा रहा है|

सबसे ज्यादा कमाई वाली फसल कौन सी है

केसर की खेती कैसे होती है (How to Cultivate Saffron)

केसर की खेती को मुख्य रूप से यूरोप और एशियाई भागों में किया जाता है, ईरान और स्पेन जैसे देश पूरी दुनिया का 80% तक का केसर उत्पादित करते है | यह केसर समुद्र तल से 1000 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है | केसर की खेती के लिए बर्फीले प्रदेशो को उचित माना जाता है | केसर की खेती कर किसान अच्छी कमाई भी कर सकते है |

केसर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी (Suitable Soil For Saffron Cultivation)

केसर की खेती में रेतीली चिकनी बलुई और दोमट मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है, किन्तु वर्तमान समय में उचित देखरेख कर इसकी खेती को राजस्थान जैसे शुष्क राज्यों में भी किया जा रहा है | केसर की खेती के लिए जल भराव वाली जगह नहीं होनी चाहिए, क्योंकि जलभराव की स्थिति में इसके बीज सड़कर नष्ट हो जाते है | इसकी खेती के लिए भूमि का P.H. मान सामान्य होना चाहिए|

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केसर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और तापमान (Suitable Climate and Temperature for Saffron Cultivation)

केसर की खेती बर्फीले क्षेत्रों में अधिक होती है, केसर का उत्पादन सर्दी, गर्मी और बारिश तीनों ही जलवायु में होता है, सर्दियों में पड़ने वाली बर्फ और गीला मौसम इसके फूलो में होने वाली वृद्धि को रोक देता है | जिससे बाद में नए फूल अधिक मात्रा में निकलते है, जो इसके लिए काफी अच्छा होता हैं | जब सूर्य की गर्मी से बर्फ पिघलने और जमीन सूखने लगती है, तब इसके पौधों में फूल आना आरम्भ होने लगते है, इन्ही फूलो में केसर लगता है | लगभग 20 डिग्री के तापमान पर इसके पौधे अच्छे से वृद्धि करते है, तथा 10 से 20 डिग्री के तापमान पर इसके पौधे फूल बनने लगते है |

केसर की उन्नत किस्मे (Improved Varieties of Saffron)

वर्तमान समय में केसर की केवल दो ही किस्मे मौजूद है, यह केसर कश्मीरी और अमेरिकन नाम से जानी जाती है, भारत में अमेरिकन केसर को अधिक मात्रा में उगाया जाता है | केसर की किस्मों की जानकारी इस प्रकार है:-

कश्मीरी मोंगरा किस्म का केसर (Kashmiri Mongra Variety Saffron)

केसर की यह किस्म सबसे महंगी मानी जाती है, दुनियाभर में इस केसर की कीमत 3 लाख रूपए प्रति किलो से भी अधिक है | जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ और पंपोर में इस किस्म की केसर की खेती को किया जाता है | इसके पौधे 20 से 25 सेंटीमीटर ऊचाई तक बढ़ते है |

इन पौधों पर बेंगनी, नीले और सफ़ेद रंग के फूल निकलते है, यह फूल आकार में कीप नुमा होते है | इन फूलो के अंदर दो से तीन लाल-नारंगी रंग के तन्तु (पंखुडियां) होती है, फूलो के अंदर उपस्थित यह तन्तु ही केसर होता है | लगभग 75 हज़ार फूलों से 450 ग्राम ही केसर प्राप्त होता है|

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पौधों के लिए देखभाल (Care for Plants)

अमेरिकन किस्म का केसर (American Saffron)

केसर की इस किस्म को जम्मू-कश्मीर के अलावा कई जगहों पर किया जा रहा है | इस किस्म का केसर कश्मीरी मोंगरा केसर की तुलना में कम कीमत का होता है | इसके पौधों को किसी खास तरह की जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है | केसर की यह किस्म राजस्थान जैसी शुष्क क्षेत्रों में उगाई जा रही है |

इसके पौधे चार से पांच फिट तक की उचाई तक बढ़ते है, तथा पौधों के शिखर पर इसके डंठल बनते है | जिनपर पीले रंग के फूल निकलते है, इन फूलो में ही तन्तु होते है, जिनकी मात्रा बहुत अधिक होती है | इनके लाल हो जाने पर इन्हे तोड़ लिया जाता है |

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केसर की खेत जुताई का तरीका (Plowing the Field)

इसके लिए खेत की गहरी तरह से जुताई करनी होती है, तथा खेत को अच्छी तरह से जोतकर उचित मात्रा में उवर्रक मिलाकर खेत को अच्छी तरह से तैयार करना होता है, क्योंकि इसके पौधे एक बार लग जाने पर कई बार फसल देते है |

खेत की पहली जुताई को पलाऊ लगा कर करना चाहिए, फिर गोबर की खाद को डालकर उसे कल्टीवेटर की सहायता से तिरछी जुताई कर खाद को मिट्टी में अच्छे से मिला देना चाहिए | इसके बाद खेत में पानी लगा देना चाहिए और जमीन के हल्का सूख जाने के बाद उसमे N.P.K. की पर्याप्त मात्रा को मिलाकर रोटावेटर चलवा दे | जिससे खेत बिलकुल समतल और मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी और  खेत में जलभराव की समस्या भी नहीं होगी |

केसर का बीज लगाने का सही समय और तरीका (Right Time and Method of Planting Seeds)

केसर की फसल लगभग 6 महीने में तैयार हो पाती है | केसर की अच्छी गुणवत्ता को प्राप्त करने के लिए केसर के बीजो को सही समय पर लगाना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि अच्छी गुणवत्ता के आधार पर ही केसर की बिक्री होती है |

केसर के बीजों को बारिश का मौसम ख़त्म होने के बाद जुलाई से लेकर सितम्बर माह तक लगा देना चाहिए | अगस्त महीने के शुरुआत में इन बीजों को लगाना सबसे अच्छा माना जाता है | अगस्त के मौसम में बीजों को लगा देने के बाद सर्दियों के शुरुआती मौसम में इसके पौधे केसर देने के लिए तैयार हो जाते है, जिससे ज्यादा सर्दी में केसर के ख़राब होने का खतरा नहीं होता है |

केसर के बीजो को खेत में समतल तथा मेड दोनों ही तरीके से लगा सकते है, समतल तरीके से लगाने पर दो पौधो के बीच में डेढ़ से दो फीट की दूरी होना जरूरी है, और मेड़ पर लगाने पर प्रत्येक मेड़ के मध्य लगभग एक से डेढ़ फीट की दूरी होनी चाहिए और मेड़ पर लगाए गए पौधों में एक फ़ीट की दूरी होनी चाहिए |

कश्मीरी मोगरा केसर के लिए प्रति हेक्टेयर लगभग 1 से 2 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है, यह बीज लहसुन की तरह होता है, और अमेरिकी केसर उगाने के लिए आधा किलो बीज ही काफी होते है|

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पौधो की सिंचाई का तरीका (Plant Irrigation Method)

केसर के बीजो को खेत में लगाने के पश्चात इसकी सिंचाई कर देनी चाहिए | यदि केसर को शुष्क प्रदेशो में उगाया जा रहा है, तो सर्दियों के मौसम में 15 दिन में सिंचाई करते रहना चाहिए | गर्मियों के मौसम में प्रत्येक सप्ताह में दो बार सिंचाई करनी चाहिए और बारिश के मौसम में आवश्यकता पड़ने पर ही इसकी सिंचाई करे |

उर्वरक की सही मात्रा (Right Amount of Fertilizer)

उवर्रक की सही मात्रा के लिए खेत को तैयार करते वक्त जुताई के समय 10 से 15 गाडी पुरानी गोबर की खाद को प्रति एकड़ के हिसाब से डालना चाहिए | इसके अतिरिक्त वह किसान जो रासायनिक खाद का इस्तेमाल करना चाहते है | वह  N.P.K. की सही मात्रा को खेत में आखरी जुताई से पहले छिड़क दे, साथ ही वेस्ट डिकम्पोज को सिचाई के साथ पौधो को देना चाहिए |

खरपतवार पर नियंत्रण कैसे करे (How to Control Weeds)

केसर के पौधो को खरपतवार से बचाने के लिए इसकी शुरुआती देखरेख जरूरी होती है | जब खेत में बीच अंकुरित होने लगे तब उसके कुछ दिन बाद पौधों की निराई – गुड़ाई कर देनी चाहिए | इसके बाद 20 दिन के अंतराल में दो से तीन और गुड़ाई कर देनी चाहिए, इससे पौधे अच्छे से विकास करते है |

उन प्रदेशो में जहा बर्फ नहीं पड़ती है, वहां पौधों की देखभाल की आवश्यकता पड़ती है | सर्दियों का मौसम इसके पौधों के लिए बिलकुल अनुकूल होता है, किन्तु गर्मियों के मौसम में अधिक गर्मी से इनके पौधों के नष्ट होने का खतरा होता है | गर्मी से बचाने के लिए इनके पौधों को छाया की जरूरत होती है|

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केसर के पौधों में लगने वाले रोग (Diseases of Saffron Plants)

केसर के पौधों में बहुत ही कम रोग लगते है, इसके पौधों में सिर्फ दो तरह के रोग देखने को मिलते है | जिनकी जानकारी इस प्रकार है:-

बीज सडन रोग (Seed rot Disease)

यह रोग पौधों की रोपाई के बाद ज्यादा देखने को मिलता है, इस रोग को सड़ांध नाम से भी जाना जाता है | यह रोग बीज को पूरी तरह से सड़ा देता है, जिससे पौधा अंकुरित होने से पहले ही पूरी तरह से नष्ट हो जाता है | सस्पेंशन कार्बेन्डाजिम दवा से उपचारित कर इस रोग की रोकथाम की जा सकती है | इसके बावजूद अगर यह रोग पौधों पर दिखाई दे तो पौधे की जड़ों पर 0.2 प्रतिशत सस्पेंशन कार्बेन्डाजिम का छिड़काव कर उपचारित करना चाहिए |

मकड़ी जाल रोग (Spider web Disease)

यह रोग पौधों की वृद्धि को पूरी तरह से रोक देता है. यह रोग पौधों के अंकुरित होने के कुछ समय बाद दिखाई देता है. इस तरह का रोग पैदावार को प्रभावित करता है, तथा इससे बचाव के लिए 8 से 10 दिन पुरानी छाछ की पर्याप्त मात्रा को पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़काव करना चाहिए |

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केसर की तुड़ाई और सुखाई कैसे करे (How to Harvest and Dry Saffron)

केसर के पौधे खेत में रोपाई करने के तीन से चार माह पश्चात केसर देने लायक हो जाते है | पौधों में लगे फूलों पर जब पंखुडिया लाल व भगवा रंग की दिखाई देने लगे तब उन्हें तोड़ कर जमा कर लें | इसके बाद तोड़ी गयी इन पंखुड़ियों को किसी छायादार स्थान पर सूखा लें | केसर के पूरी तरह से सूख जाने पर उसे किसी बर्तन में रख लें |

केसर की पैदावार और मूल्य (Saffron Yield and Benefits)

कश्मीरी मोंगरा केसर तक़रीबन 1,50,000 फूलों से एक किलो केसर प्राप्त होती है, वही अमेरिकन केसर की बात करे तो वह इसकी पैदावार से अधिक पैदावार करती है | अमेरिकी केसर एक बीघा खेत में एक किलो तक केसर प्राप्त होता है, किन्तु दोनों के बाजार भाव में काफी अंतर देखने को मिलता है |

कश्मीरी मोंगरा केसर की कीमत तीन लाख के आसपास होती है, वहीं अमेरिकन केसर की बात करे तो केसर की गुणवत्ता के अनुसार 50 हजार से 2 लाख तक के मूल्य में बेचा जाता है | इस तरह से अगर किसान भाई चाहे तो अमेरिकन केसर की खेती कर प्रति बीघा में 50 हज़ार से दो लाख तक की कमाई कर सकते है|

केसर में पोषक तत्वों और विटामिन की मात्रा (Nutrients and Vitamins in Saffron)

केसर में पोषक तत्वों और विटामिन का अच्छा स्रोत होता है जो इस प्रकार है: 

पोषाहार घटक मात्रा 
पानी 11.9 ग्राम 
ऊर्जा 310 किलो कैलोरी 
प्रोटीन 11.4 ग्राम 
वसा 5.85 ग्राम 
कार्बोहाइड्रेट 65.4 जी 
फाइबर (कुल आहार) 3.9 ग्राम 
कैल्शियम 111 मिलीग्राम 
लोहा 11.1 मिलीग्राम 
पोटैशियम 1720 मिलीग्राम 
सोडियम 148 मिलीग्राम 
जस्ता 1.09 मिलीग्राम 
ताँबा 0.328 मिलीग्राम 
मैंगनीज 28.4 मिलीग्राम 
फास्फोरस 252mg 
मैगनीशियम 264 मिलीग्राम 
सेलेनियम 5.6 माइक्रोग्राम 
कुल संतृप्त फैटी एसिड 1.59 ग्राम 
कुल मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड 0.429 ग्राम 
कुल पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड 2.07 ग्राम 

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केसर के गुण (Saffron Properties)

केसर की अच्छी प्रभावशीलता के कारण, इसने दुनिया भर के शोधकर्ताओं की रुचि पर कब्जा कर लिया है। ऐसा कहा जाता है, कि केसर कुछ सिंथेटिक दवाओं की जगह भी ले सकता है। केसर के गुण इस प्रकार हैं-

  • यह दर्द से राहत प्रदान करने में पूर्णतया सक्षम माना जाता है
  • यह खुशी और उत्साह (Joy & Enthusiasm) की भावना को बढ़ाता है
  • यह मेमोरी बढ़ाने में सहायता करता है
  • यह लो ब्लडप्रेशर में मदद करता है
  • यह सांस लेने को बढ़ाने में मदद करता है
  • यह पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में सहायता प्रदान करता है
  • यह आयु बढ़ने के संकेतों में सहायता प्रदान करता है
  • यह लीवर को प्रोटेक्ट करने सहायता करता है
  • यह तिल्ली को प्रोटेक्ट में सहायक होता है
  • यह लो ब्लड कोलेस्ट्रॉल में सहायक होता है
  • यह हर्ट से सम्बंधित बीमारियों से रक्षा करने में मदद करता है
  • केसर एक एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) के रूप में कार्य करता है

केसर के संभावित उपयोग (Possible Uses of Saffron)

केसर के संभावित उपयोग इस प्रकार है-

1. त्वचा के लिए केसर के संभावित उपयोग (Saffron Possible Uses for Skin)

प्राचीन काल से केसर का उपयोग त्वचा की स्थिति के लिए किया जाता रहा है। यह रंग सुधारने में मदद कर सकता है, आंखों के नीचे काले घेरे कम कर सकता है, चेहरे को तरोताजा कर सकता है और त्वचा की सतही परत (Erysipelas) के मुँहासे और संक्रमण को प्रबंधित करने में मदद करता है। यह सूरज की त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाली यूवी किरणों को अवशोषित करने में भी मदद करता है और इसे प्राकृतिक सनस्क्रीन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। केसर त्वचा के कैंसर को रोकने में मदद करता है।

2. कोलेस्ट्रॉल के लिए केसर के संभावित उपयोग (Saffron Potential Uses for Cholesterol)

केसर संभावित रूप से रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, जो एथेरोस्क्लेरोसिस (ऐसी स्थिति जिसमें कोलेस्ट्रॉल धमनियों पर जमा हो जाता है) को कम करता है। केसर के यह गुण रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर में मदद कर सकते हैं, लेकिन इसके उपयोग के समर्थन में और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। इसलिए यदि आप उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करने और परामर्श लेने की आवश्यकता है। अपने डॉक्टर की सलाह के बिना रक्त कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए केसर के सेवन से बचें।

3. पाचन के लिए केसर के संभावित उपयोग (Saffron Possible Uses for Digestion)

केसर पाचन तंत्र के लिए टॉनिक का काम कर सकता है। यह भूख और आंत में गैसों के निर्माण को रोकने में मदद कर सकता है। यह अमीबिक पेचिश को प्रबंधित करने में भी मदद कर सकता है। 1 आहार में केसर का उपयोग करने से पाचन को आसान बनाने में मदद मिल सकती है, लेकिन अगर आपको पाचन संबंधी कोई समस्या हो रही है तो डॉक्टर की मदद लेना बेहतर है। 

4. आंखों के लिए केसर के संभावित उपयोग (Saffron Possible Uses for Eyes)

केसर का उपयोग आंखों की विभिन्न समस्याओं जैसे मोतियाबिंद, कॉर्निया के रोग, आंखों की व्यथा और उम्र बढ़ने के कारण होने वाले नेत्र रोगों के प्रबंधन के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग महिलाओं द्वारा ‘कोहल’ के रूप में अपनी आंखों को लाइन करने के लिए, मेकअप के रूप में, उन्हें आंखों के संक्रमण से बचाने के लिए किया जाता है। यह प्रकाश के संपर्क में आने के कारण होने वाली आंखों में फोटोरिसेप्टर कोशिकाओं के विनाश को कम करने में भी मदद करता है। हालांकि, आंखें संवेदनशील अंग हैं और आंखों से संबंधित किसी भी समस्या के लिए किसी नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श करना बेहतर है।

5. हर्ट के लिए केसर के संभावित उपयोग (Saffron Potential Uses for Heart)

जानवरों के अध्ययन में, केसर के अल्कोहल के अर्क ने रक्तचाप को कम करने के गुणों का प्रदर्शन किया है। यह संभावित रूप से ऊपर देखे गए लिपिड जैसे हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप या आपका कोई परिचित उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) से पीड़ित है, तो आपको डॉक्टर की सलाह का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है और बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी जड़ी-बूटी का उपयोग करने से बचना चाहिए।

6. अवसाद के लिए केसर के संभावित उपयोग (Saffron Possible Uses for Depression)

केसर मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को कम करता है, जिससे मूड में सुधार होता है। इसमें  अवसाद और चिंता को कम करने की क्षमता है। केसर के अर्क प्रयोगशाला अध्ययनों के दौरान याददाश्त और सीखने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। ​​अध्ययनों से पता चला है, कि केसर अल्जाइमर रोग के रोगियों में स्मृति में सुधार कर सकता है, जो मनोभ्रंश से पीड़ित हैं। हालांकि, यह अध्ययन मनुष्यों के लिए सटीक लाभों को समझने के लिए अपर्याप्त हैं। यदि आप अवसाद या किसी अन्य मनोवैज्ञानिक समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको सलाह के लिए अपने मनोचिकित्सक या चिकित्सक से परामर्श करने की आवश्यकता है।

7. केसर के अन्य संभावित उपयोग (Saffron Other Possible Uses)

  • केसर स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर और कैंसर उत्पन्न करने वाले एजेंटों से लड़ने में सहायता करता है।
  • यह रक्त में इंसुलिन के स्तर में प्रतिपूरक वृद्धि को रोककर हार्मोन इंसुलिन के प्रतिरोध के विकास को रोकने में भी मदद करता है।
  • केसर सांस की समस्याओं जैसे सर्दी, खांसी, अस्थमा, लंबे समय से ब्रोन्कियल सूजन और फेफड़ों के अन्य रोगों को ठीक करने में सहायता करता है।
  • यह गठिया को प्रबंधित करने में भी मदद कर सकता है, खासकर एक ऐसी स्थिति जिसमें ऑटोइम्यूनिटी के कारण जोड़ों में सूजन हो जाती है।

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केसर का इस्तेमाल कैसे करें (How to Use Saffron)

केसर का उपयोग निम्न तरीकों से किया जा सकता है-

  • केसर का उपयोग सदियों से एक शानदार मसाले के रूप में किया जाता रहा है। इसका उपयोग कैंडी और चाय बनाने के लिए किया जाता है और इसका उपयोग नेचुरल फ़ूड डाई के रूप में भी किया जाता है। 
  • केसर को तुलसी के पत्तों में भिगोकर त्वचा पर लगाने से मुंहासों से छुटकारा मिलता है।
  • भीगे हुए केसर को ऑलिव ऑयल, वर्जिन कोकोनट ऑयल या कच्चे दूध में मिलाकर चेहरे का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद करता है।
  • केसर का नियमित उपयोग करने से पहले आपको हमेशा अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। वह आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार आपको सही रूप और खुराक देने के लिए सबसे अच्छे व्यक्ति होंगे। किसी योग्य चिकित्सक की सलाह के बिना आधुनिक चिकित्सा के चल रहे उपचार को आयुर्वेदिक तैयारी के साथ बंद या प्रतिस्थापित न करें।

केसर के दुष्प्रभाव (Saffron Side Effects)

​​अध्ययनों में केसर मुंह का सूखापन, चिंता, सुन्नता, हाथों में झुनझुनी, सिरदर्द और उल्टी की अनुभूति जैसे विभिन्न दुष्प्रभाव दिखाता है। एक अध्ययन के अनुसार, केसर के सेवन से भूख में परिवर्तन भी देखा गया। हालांकि, यदि आप इसके किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया का अनुभव करते हैं, तो तुरंत अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क करें, जिसने आपको इसे निर्धारित किया है।

केसर के साथ बरती जाने वाली सावधानियां (Precautions to Be Taken with Saffron)

  • केसर को आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है यदि इसे अनुशंसित खुराक में लिया जाए। प्रतिदिन 1.5 ग्राम से कम केसर का सेवन सुरक्षित है। हालांकि इसका सेवन करते समय सामान्य रूप से सावधानियों (Precautions) का पालन अवश्य करना चाहिए|
  • गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को केसर का अधिक मात्रा (5 ग्राम / दिन से अधिक) सेवन करते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि केसर गर्भाशय में संकुचन उत्पन्न हो सकता है और समय से पहले गर्भपात हो सकता है। केसर का सेवन इस अवधि के दौरान तभी करना चाहिए जब यह आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक द्वारा इसे लेने की सलाह दी गयी हो।
  • बच्चों के साथ-साथ बड़े लोगों को भी केसर देते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए।
  • यदि आप केसर का उपयोग इसके लाभों के लिए या किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से सलाह लें और अच्छी तरह से सूचित विकल्प चुनें। अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ चर्चा किए बिना उसे दवा के रूप में उपयोग करने से बचें। 

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अन्य दवाओं के साथ केसर की प्रतिक्रिया (Saffron’s Reaction with Other Drugs)

किसी भी अन्य औषधीय दवाओं के साथ केसर की प्रतिकूल प्रतिक्रिया की सूचना नहीं मिली है। हालांकि यह रिपोर्ट करने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है कि केसर बच्चों और वयस्कों द्वारा उपयोग करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। इसलिए अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह का पालन करना सबसे अच्छा है, जिसने आपको यह जड़ी बूटी निर्धारित की है।

केसर कहां से खरीदें (Where to Buy Saffron)

केसर खरीदते समय, सुनिश्चित करें कि आप किसी प्रतिष्ठित स्रोत से खरीद रहे हैं। इसे किसी किराने या स्वास्थ्य खाद्य भंडार, या एक अच्छी प्रतिष्ठा वाले ऑनलाइन वाहक में देखें। केसर एक महंगा मसाला है, इसलिए यह अक्सर धोखाधड़ी के साथ मार्केट में उपलब्ध होता है। लागत कम करने के लिए, निर्माता केसर को अन्य अवयवों के साथ मिला सकते हैं। यह न केवल आपके स्वास्थ्य को कमजोर करता है, बल्कि यह हानिकारक भी हो सकता है।

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अधिकांशतः पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions-FAQ)

1. क्या केसर को प्रतिदिन दूध के साथ लिया जा सकता है?

  • जबकि केसर को दूध के साथ लिया जा सकता है और आमतौर पर इसे रोजाना सेवन करने के लिए सुरक्षित माना जाता है| हालाँकि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि केसर का दैनिक सेवन अधिक मात्रा में न हो। 
  • गर्भवती महिलाओं को केसर की मात्रा के बारे में अतिरिक्त सतर्क रहना चाहिए क्योंकि वे प्रतिदिन 5 ग्राम से अधिक केसर का सेवन करती हैं, जिससे गर्भाशय में संकुचन हो सकता है। इसके अलावा, किसी भी स्वास्थ्य स्थिति के लिए केसर का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है।

2. क्या त्वचा के हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करने के लिए केसर का इस्तेमाल किया जा सकता है?

अध्ययनों ने त्वचा में मेलेनिन वर्णक को कम करने के लिए केसर के लाभों को दिखाया है, जो त्वचा के रंजकता के लिए जिम्मेदार है। यदि आप हाइपरपिग्मेंटेशन से पीड़ित हैं, तो आपको त्वचा चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श करने और इलाज कराने की आवश्यकता है। बिना डॉक्टर की सलाह के त्वचा से सम्बंधित समस्याओं के लिए जड़ी-बूटियों (Herbs) और अवयवों को उपयोग में लेन से स्थितियां और भी खराब हो सकती है।

3. केसर की पंखुड़ियों के क्या प्रयोग हैं?

केसर की पंखुड़ियों में सूजन-रोधी और दर्द निवारक गुण होते हैं, जो उन्हें अल्पकालिक दर्द और दीर्घकालिक दर्द के प्रबंधन में उपयोगी बना सकते हैं। केसर की पंखुड़ियां भी डिप्रेशन को मैनेज करने में कारगर होती हैं। इसके लाभों के लिए किसी भी जड़ी-बूटी का सेवन करने से पहले आपको हमेशा किसी योग्य चिकित्सक या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

4. केसर से प्राप्त डाई के विभिन्न उपयोग क्या हैं?

केसर से प्राप्त रंग सुनहरे पीले रंग का होता है और इसे भोजन में प्राकृतिक रंग के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पर्यावरण के अनुकूल है, कम विषैला है, इससे एलर्जी होने की संभावना कम है और कृत्रिम रंगों की तुलना में इसे बेहतर तरीके से निपटाया जा सकता है। इसका उपयोग कपड़ों को रंगने और पेंटिंग के लिए भी किया जा सकता है। 

5. क्या केसर बालों का झड़ना कम करता है?

ऐसे पर्याप्त अध्ययन नहीं हैं, जो रिपोर्ट करते हैं कि बालों के झड़ने को कम करने में केसर की सकारात्मक भूमिका है। यदि आप बालों के झड़ने का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें जो आपकी जांच करेगा और आपको एक उपयुक्त नुस्खा देगा।

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