अशोक का पेड़ कैसे लगाये – विधि, वैज्ञानिक नाम, देखभाल की जानकारी


अशोक के पेड़ से सम्बंधित जानकारी

अशोक के पेड़ को काफी महत्वपूर्ण माना गया है, क्योकि इसके अनेक फायदे होते है | धार्मिक कार्यक्रमों में भी अशोक के पेड़ को काफी महत्त्व दिया गया है | भारत के सभी हिस्सों में अशोक का पेड़ मिल जाता है | इसके अलावा अशोक के पेड़ो को घर की बाउंड्री के पास लगाकर सजावट की जाती है | अशोक का पेड़ आकार में सामान्य और देखने में काफी आकर्षक होता है | जिसे लगाने से आपके घर की सुंदरता और भी बढ़ जाती है | अशोक का पेड़ सदाबहार पेड़ो में गिना जाता है |

क्योकि इसका पेड़ पूरे वर्ष ही हरा भरा बना रहता है | धार्मिक महत्त्व के अनुसार इसके पेड़ को घर में लगाना काफी शुभ होता है | अगर आप भी अशोक के पेड़ को लगाने की सोच रहे है, तो इस लेख में आपको अशोक का पेड़ कैसे लगाये – विधि, वैज्ञानिक नाम, देखभाल की जानकारी दे रहे है |

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अशोक के पेड़ से जुड़ी जानकारी (Ashoka Tree Information)

अशोक के पेड़ का वनस्पतिक नाम सरका असोच है | यह पेड़ अधिकतर भारत के पूर्वी हिमालय या उपमहाद्वीप के मध्य में पाया जाता है | अशोक के पेड़ के दो अलग-अलग अर्थ है, यदि सिर्फ शोक शब्द  का अर्थ निकाला जाए तो शोक का मतलब होता है शोक, जबकि अशोक का मतलब होता है, सभी दुखो से राहत देने वाला |

हिन्दू और बोद्ध धर्म में इस पेड़ का बहुत अधिक महत्त्व है | कुछ लोगो का मानना है, कि गौतम बुद्ध का जन्म अशोक पेड़ के निचे हुआ था | भारत, नेपाल और श्रीलंका ऐसे देश है, जहा पर अशोक के पेड़ को काफी पवित्र माना गया है |

अशोक के पेड़ की दो किस्मे है, जिसमे एक प्रजाति का इस्तेमाल घरो में सजावट और दूसरी प्रजाति को आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है | जिन अशोक के पौधों को आप घरो के आस -पास देखते है, वह प्रजाति सजावटी पौधे वाली होती है |

सजावटी पौधे की प्रजाति में पत्ते हरे रंग के होते है, जिस पर आने वाले फूल सफ़ेद और काफी सुंदर होते है | इसकी दूसरी प्रजाति को आयुर्वेद में इस्तेमाल करते है, जिसमे पत्ता हल्का ताम्र और लंबे आकार का होता है | इसके पत्तो का रंग ताम्र होने की वजह से इसे ताम्रपल्लव के नाम से भी जानते है | इस पेड़ पर फूल लाल और नारंगी रंग के आते है |

यह उड़ीसा राज्य का फूल है, जो बसंत में खिलता है | जिस समय अशोक के पेड़ पर लगे फूल खिलते है, उस समय पेड़ काफी आकर्षक और सुंदर लगता है | इसके फूल गुच्छो में आते है | अशोक के पेड़ को उसकी सुंदरता की वजह से हेमपुष्पा भी कहते है | इसका पेड़ काफी घना और छायादार होता है, जिस वजह से इसे बाग़ बगीचों में ही लगाते है | इसके पौधे के तने का रंग भूरा होता है, तथा वृद्धि के अनुसार ही इसे घर के बगीचों में लगाते है | इसका पेड़ 30 – 40 फ़ीट ऊँचा होता है, जिस वजह से यह मध्य ऊंचाई वाले पौधों में आता है |

अशोक का पेड़ कैसे लगाए (Ashok Tree Plant)

जिस तरह से दूसरे पौधों को लगाना आसान है, उसी तरह से अशोक के पेड़ को भी बड़ी आसानी से लगा सकते है | इसके पेड़ को नर्सरी से खरीदने की जरूरत नहीं होती है, क्योकि इसे आप आपने घर में ही आसानी से ऊगा सकते है | अशोक के पेड़ को लगाने से पहले कुछ जरूरी बातो पर विशेष ध्यान रखना होता है | ताकि अशोक का पेड़ तेजी से वृद्धि कर सके | इसके पेड़ को आप दो तरह से लगा सकते है |

पहले तरीके में कटिंग द्वारा और दूसरे तरीके में पेड़ को बीज के माध्यम से लगाया जाता है | यहाँ पर आपको अशोक का पेड़ लगाने के लिए दोनों ही तरीको के बारे में बताया जा रहा है-

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अशोक के पेड़ को कलम विधि द्वारा लगाए (Planting Ashoka Tree by Pen Method)

अगर आप अशोक के पौधों को कटिंग द्वारा लगाना चाहते है, तो आपको वर्षा ऋतु के मौसम का इंतजार करना पड़ता है | सामान्य तौर पर आप अशोक के पौधे को किसी भी मौसम में लगा सकते है, किन्तु बारिश के मौसम में पौध रोपाई करना काफी अच्छा होता है | इस दौरान आपको ज्यादा देख-रेख करने की जरूरत नहीं होती है | इसकी कटिंग लगाने के लिए पहले आप किसी पुराने पेड़ से कटिंग ले ले, फिर इस कटिंग को लगाने के बाद, मिटटी को तैयार करे | मिट्टी तैयार करने के लिए आपको मिट्टी में थोड़ा नीमखली और गोबर की खाद को डालना होता है| यदि आपके पास नीम की खली नहीं है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं होती है |

इसके बाद आप गमले के ऊपर रेत के परत लगाए, ताकि गमले में पानी को रेत रोक सके, इससे कलम के ख़राब होने की शंका कम हो जाती है |

कलम हमेशा 4 से 5 इंच वाली ही हो| कलम लगाने से पहले पत्तो की छटाई कर दे| इसके बाद रूटिंग हार्मोन के पाउडर का घोल तैयार कर ले और फिर उसमे सभी कलमों को 4 से 5 मिनट के लिए छोड़ दे | इस तरह से कलम में जड़ काफी जल्दी आ जाती है | रूटिंग पाउडर को आप ऐसे दुकान से ले जहा पर कृषि से संबंधित सामान मिलता हो |

जब 5 मिनट हो चुके हो तो कलम को पाउडर के घोल से निकाल ले और गमलो में लगा दे | यदि आपके पास रूटिंग पाउडर उपलब्ध नहीं है, तो आप चीनी के घोल में भी कटिंग को रख सकते है |

अशोक के पेड़ को बीज द्वारा लगाने का तरीका (Ashoka Tree Plant by Seed)

अशोक के पेड़ को अगर आप बीज के माध्यम से लगाना चाहते है, तो उसके लिए पहले आप अशोक के बीजो को एकत्रित कर ले | यह बीज पेड़ पर अगस्त से सितंबर के मध्य आते है | इसके बीजो को इकठ्ठा करते समय केवल स्वस्थ बीजो को ही चुने | क्योकि कुछ बीज पेड़ के अंदर ही ख़राब होने लगते है, इसलिए बुवाई करने के लिए सही बीजो को ही चुने | अशोक के बीजो को लेने के बाद आप एक गमला ले, यदि आपके पास गमला नहीं है, तो आप किसी प्लास्टिक की बाल्टी में भी बीजो को लगा सकते है | लेकिन बाल्टी के निचे कुछ छेद बना दे | इसके बाद इस गमले में रेतीली मिट्टी या रेत भर दे | क्योकि सामान्य भूमि में पौधों को उगने में समय लगता है |

गमले में मिट्टी भरने के पश्चात् उसे अशोक के बीज को 3-4 इंच की गहराई में लगाए | बीज लगाने के बाद मिट्टी को बराबर कर दे, और फिर गमले में पानी भर दे | इसके बाद गमले को छाया वाली जगह में रख दे | इसके बाद गमले में नमी बनाए रखे और गमले को सूखने न दे, जिसके लिए समय-समय पर गमले में पानी डालते रहे |

इसके बाद तक़रीबन 1 माह तक इंतजार करना होता है, यदि मिट्टी सही हुई तो उगने में समय नहीं लगता है | जब पेड़ थोड़ा बड़ा हो जाए तो इन्हे निकालकर दूसरी जगह या किसी बड़े गमले में लगा दे | जब आप पेड़ को दूसरे गमले में लगाए तो उसमे 80% मिट्टी के साथ 20% गोबर की खाद रखे | इस तरह से मिट्टी को तैयार करने के बाद पौधे को बड़े गमले में लगा दे |

अशोक के पेड़ को धूप की जरूरत (Ashoka Tree Needs Sunlight)

अशोक के पेड़ को तक़रीबन 6-8 घंटे की सीधी धूप चाहिए होती है | कम धूप में पौधा ठीक से विकास नहीं कर पाता है, साथ ही पौधे के स्वास्थ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है | इसलिए पेड़ को ऐसी जगह पर लगाए, जहां उसे 6-8 घंटे की धूप मिल सके |

अशोक के पेड़ में खाद की आवश्यकता (Ashoka Tree Fertilizer Need)

अशोक के पेड़ को एक वर्ष में 10 KG गोबर खाद की जरूरत होती है| इसके पौधों को किसी उवर्रक की जरूरत नहीं होती है | कुछ महीने तक पौधों को कुछ मात्रा खाद दे, और गर्मी के महीने में मई-जून और ठंडियों के महीने दिसंबर – जनवरी में पौधों को खाद बिल्कुल न दे | बाकि के महीनो में थोड़ी-थोड़ी खाद देनी होती है |

अशोक के पेड़ो की सिंचाई (Ashoka Trees Irrigation)

अशोक के नए पेड़ो को प्रत्येक दूसरे दिन पानी देना होता है | ठंडियों के मौसम में अशोक के पौधों को पानी 15 से 20 दिन में देते है, तथा एक माह पश्चात् हफ्ते में एक बार पानी देना पर्याप्त रहता है | जब पेड़ो को पानी कम दिया जाता है, तो पेड़ की जड़े पानी की खोज में बढ़ती है, और पेड़ भी तेजी से वृद्धि करता है | पानी देने का तरीका पौध की वृद्धि को कम ज्यादा कर देता है |

अशोक के पेड़ की कटाई और छंटाई (Ashoka Tree Pruning and Pruning)

अशोक के पेड़ो की छटाई करने से बचना चाहिए, इसकी शीर्ष कलियों को बिल्कुल न काटे क्योकि इससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है | कई बार पौधे की नीचे प्रून करके लंबाई बढ़ाने की कोशिश की जाती है, किन्तु इस तरह की छटाई लाभकारी नहीं होती है |

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