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बटन मशरूम (Button Mushroom) की खेती से सम्बंधित जानकारी
भारत में मशरूम की खेती के प्रति किसानो की रुचि प्रतिदिन बढ़ती जा रही है | मानव शरीर के लिए मशरूम को काफी पोषक युक्त माना जाता है | मनुष्य भोजन के रूप में पोषक तत्व युक्त, पाचनशील, गुणकारी और स्वादिष्ट सब्जी का सेवन करना पसंद कर रहे है | ऐसे में मशरूम का सेवन एक बेहतर विकल्प है, क्योकि यह हमारे शरीर में खनिज-लवण, प्रोटीन, और विटामिन बी, सी व डी की जरूरतों को पूरा करता है | जो अन्य सब्जियों के मुकाबले काफी अधिक है | मशरूम में मौजूद फोलिक अम्ल शरीर में रक्त को बनाने में सहायता करती है | इसके अलावा हृदय रोग और रक्तचाप में भी बटन मशरूम लाभकारी होता है | आज के समय में कई तरह की मशरूम उगाई जाने लगी है, लेकिन सभी तरह की मशरूम खाने योग्य नहीं होती है | इन मशरूमों में बटन मशरूम उत्पादन और आय दोनों ही मामले में काफी आगे है | श्वेत मशरूम की आकृति बटन जैसी होती है, जिस वजह से इसे बटन मशरूम के नाम से पुकारा जाता है |
आरम्भ में इस मशरूम का तना छोटा और मोटा बटन जैसा होता है | जो बाद में परिपक्व होकर छतरी का रूप ले लेता है | इसकी टोपी 5-7 CM व्यास वाली 3-4 CM लंबी और 1-2 CM मोटी होती है | मशरूम की खेती किसानो के लिए एक बेहतर विकल्प है, क्योकि इसमें जिन लोगो के पास खेत नहीं है, वह भी आसानी से मशरूम की खेती से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर बटन मशरूम की खेती कर सकते है | यहाँ पर आपको बटन मशरूम की खेती कैसे करें (Button Mushroom ki Kheti | Cultivation ) in Hindi की जानकारी दे रहे है |
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बटन मशरूम की खेती में उपयुक्त जलवायु व तापमान (Button Mushroom Cultivation Suitable Climate and Temperature)
बटन मशरूम की खेती के लिए ठंडी जलवायु की जरूरत होती है | इसलिए इसे सर्दियों के मौसम में अक्टूबर से मार्च के महीने में उगाया जाता है | मशरूम की उपज के लिए 16 से 25 डिग्री तापमान उपयुक्त होता है, तथा कवक जाल की बढ़वार 20 से 25 डिग्री तापमान पर होती है | फसल उत्पादन के दौरान 16 से 20 डिग्री तापमान और 80-85 प्रतिशत नमी की आवश्यकता होती है |
बटन मशरूम लगाने का समय (Button Mushroom Planting Time)
बटन मशरूम लगाने के लिए बुवाई का सही समय अक्टूबर से मार्च का महीना होता है | इन 6 महीनो में मशरूम की दो फसलों को उगाया जाता है | इसमें पहली फसल बटन खुम्बी के लिए 22-26 डिग्री तापमान की जरूरत होती है | इस ताप पर कवक जाल का फैलाव बहुत तेजी से होता है, तथा बाद में 14-18 डिग्री तापमान भी पर्याप्त होता है | इससे कम तापमान होने पर फसल की बढ़वार धीमी होने लगती है |
बटन मशरूम के लिए कम्पोस्ट की तैयारी (Button Mushrooms Compost Preparation)
बटन मशरूम की खेती के लिए विशेष प्रकार की खाद की जरूरत होती है, जिसे कम्पोस्ट कहा जाता है | इस कम्पोस्ट को तैयार करने के लिए किसी तरह की मशीन या यंत्र की जरूरत नहीं होती है | कम्पोस्ट को तैयार करने के लिए निम्न तरह की सामग्री की जरूरत होती है, जो इस प्रकार है:-
इसमें अमोनियम सल्फेट, यूरिया-17 KG, केल्शिम अमोनियम नाईट्रेट-27 KG, 1000 KG गेंहू या धान का भूसा, 100 KG गेंहू का चोकर, 36 KG जिप्सम, 10 KG सुपर फास्फेट की जरूरत होती है | कम्पोस्ट को शेड में ही तैयार करते है | जिसे तैयार होने में 28 दिन तक लग जाते है |
सर्वप्रथम भूसे को समतल व् साफ फर्श पर पानी डालकर 2 दिन के लिए फैला दिया जाता है | इस भूसे में 75 प्रतिशत तक नमी होनी चाहिए | भूसे को अधिक गिला भी रखे | बिछाए गए भूसे पर 2 दिन तक पानी गिराने के पश्चात् भूसे को एक बार तोड़ कर देख ले यदि भूसा अंदर सूखा होता है, तो और पानी मिलाए, तथा टूटा भूसा गीला होने पर उसमे जिप्सम को छोड़कर अन्य सामग्री को मिलाकर उसका छिड़काव कर और गीला कर दे| इसमें एक बात का ध्यान रखे की भूसे से पानी बहार न निकले| इस भूसे से तीन मीटर लंबा, 1 मीटर चौड़ा और तक़रीबन डेढ़ मीटर ऊँचा चौकोर ढ़ेर तैयार कर ले | इस ढ़ेर को ऐसे ही 2-3 दिन तक पड़ा रहने दे | 3 दिन पश्चात् ढ़ेर को पलटना शुरू करना होता है, ढ़ेर पलटते समय अंदर के हिस्से को बाहर और बाहर के हिस्से को अंदर करे | पलटाई का तरीका इस प्रकार है:-
पलटाई का विवरण दिन के अनुसार :-
- पहले और दूसरे दिन :- भूसे को गीला करे, जिप्सम को छोड़कर अन्य सामग्री को पानी में मिलाकर उसका ढ़ेर बनाए |
- तीसरा दिन :- ढ़ेर को इस तरह से पलटे की नीचे का हिस्सा ऊपर और ऊपर का हिस्सा नीचे हो जाए | इसके बाद लिंडेन का छिड़काव करे, ताकि ढ़ेर पर मक्खिया न बैठ सके| इसके अलावा 6 प्रतिशत फोर्मलिन घोल का छिड़काव करें |
- छठा दिन :- इतने दिन में ढ़ेर को दूसरी बार पलटा जाता है |
- नौवां दिन :- इस समय तीसरी पलटाई की जाती है, तथा जिप्सम को मिलाकर दोबारा ढ़ेर तैयार कर दे |
- बारहवा दिन :- पलटाई करके 6 प्रतिशत फोर्मलिन घोल को छिड़कते है |
- पन्द्रहवां दिन :- इस दौरान ढ़ेर की पांचवी पलटाई की जाती है |
- अठारवा दिन :- छठी पलटाई में 4 प्रतिशत फोर्मलिन के घोल का छिड़काव करे |
- इक्कीसवें दिन :- 21 दिन में ढ़ेर की सांतवी पलटाई की जाती है, और कम्पोस्ट को सूंघ कर अमोनिया गंध की पहचान की जाती है, गंध आने पर ठीक से पलटाई करनी होती है |
- चौबीसवां दिन :- आंठवी पलटाई में भूसे से अमोनिया की गंध बिल्कुल न आनी चाहिए, अगर आ रही है, तो एक बार उस दिन और उसके दूसरे दिन एक बार फिर से पलटाई कर दे, अन्यथा पैदावार कम हो सकती है | कम्पोस्ट में नमी की मात्रा जांचने के लिए कम्पोस्ट को मुठ्ठी में भरकर तेजी से दबाए, अगर हथेली पर हल्का पानी आए तो ठीक है, तथा अधिक पानी आने पर कम्पोस्ट को कुछ समय के लिए और फैला दे ताकि नमी उड़ जाए |
- सत्ताईसवां दिन :- सत्ताईसवां या अट्ठाईसवें दिने में कम्पोस्ट खाद में बीजो को मिला सकते है |
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बटन मशरूम के बीजो की बुवाई (Button Mushroom Seed Sowing)
बटन मशरूम का बीज स्वस्थ बढ़वार लिए हुए फफूंद मुक्त होना चाहिए | एक क्विंटल कम्पोस्ट में तक़रीबन 0.75 GM से 1 KG बीज उपयुक्त होते है | इन बीजो को कम्पोस्ट में अच्छी तरह से मिलाते है, इसके लिए इन्हे पॉलीथिन शीट या पॉलीथिन थैलियों में भरा जाता है | बीज भरकर पॉलीथिन को ऊपर से मोड़कर बंद कर दे | एक थैली में 8 KG तक कम्पोस्ट भरे, ताकि 10 KG कम्पोस्ट के बराबर उत्पादन मिल सके| इस दौरान कमरे का तापमान 25 डिग्री से कम और नमी 70 प्रतिशत तक होनी चाहिए | लगभग 15 दिन में स्पान रन पूरा हो जाता है, जिसके बाद केसिंग करने की जरूरत होती है|
बटन मशरूम के लिए केसिंग (Button Mushrooms Casing)
- केसिंग तैयार करने के लिए निम्न मिश्रण का इस्तेमाल कर सकते है |
- बगीचे की खाद (FYM) दोमट मिट्टी (1:1) के अनुपात में |
- 2 वर्ष पुरानी FYM बटन मशरूम की खाद (1:1) के अनुपात में |
- पुरानी बटन मशरूम की खाद व FYM दोमट रेतीली दोमट मिट्टी (1:1:1) के अनुपात में |
यहाँ बताई गए किसी भी मिश्रण में से एक मिश्रण को ले, लेकिन मिश्रण-2 को अधिक उपज देने वाला माना गया है | इन्हे 8 घंटे तक पानी में भिगोए, 8 घंटे के पश्चात् पानी निकाल ले और उसे सुखाकर केसिंग मिट्टी में 6 प्रतिशत फोर्मेलिन डालकर उसका निर्जीवीकरण करते है | इसके बाद इसे 48 घंटे के लिए बंद करके रख दे | 48 घंटे के बाद खोलकर फैला दे और 24 घंटे के लिए खुले में छोड़ दे, ताकि मिश्रण सूख जाए | अब स्पान रन कम्पोस्ट की एक इंच मोटी परत पर केसिंग मिट्टी लगाए | अब पानी का छिड़काव इस तरह से करे, कि सिर्फ केसिंग ही गीली हो पाए |
उत्पाद कक्ष का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री हो तथा 70 से 90 प्रतिशत नमी होनी चाहिए | केसिंग से 10-12 दिन पूर्व छोटे-छोटे मशरूम अंकुरित होने लगते है | इस दौरान कैल्सियम क्लोराइड की 0.3 प्रतिशत मात्रा का छिड़काव पानी के साथ दिन में दो बार केसिंग पर करे | इससे मशरूम 5-7 दिनों में ही पूर्ण आकार ले लेता है | जिसके बाद इन्हे घुमाकर तोड़ लेते है, और नीचे के मिट्टी लगे भाग को चाकू से काटकर अलग कर लिया जाता है | केसिंग लगाने के 80 दिन पश्चात् फसल प्राप्त होने लगती है |
बटन मशरूम की खेती में लागत और कमाई (Button Mushroom Cultivation Cost and Earnings)
बटन मशरूम की खेती से बेहतर कमाई को देखने हुए पिछले कुछ वर्षो में मशरूम की खेती का चलन काफी तेजी से बढ़ा है | किसान भाइयो की 1 KG मशरूम के उत्पादन में 25-30 रूपए की लागत आती है, और 40-50 रूपए की कमाई हो जाती है | इस हिसाब से आप समझ गए होंगे कि बटन मशरूम की खेती काफी आकर्षक व्यवसाय है |