ग्राम प्रधान की सैलरी कितनी होती है ? Gram Pradhan Salary 2024 {मानदेय}


UP Gram Pradhan ki Salary: पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्येक गाँव के विकास के लिए एक ग्राम प्रधान या सरपंच को जनता द्वारा नियुक्त किया जाता है | ग्राम प्रधान का चुनाव प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल में कराया जाता है | ग्राम प्रधान या सरपंच को गाँव का मुखिया भी कहते है, जो गांवों कार्य जानें वाले विकास कार्यों के लिए पूर्ण रूप उत्तरदायी होते है |

यहाँ तक कि ग्राम प्रधान गांवों में लोगो की समस्याओं को सुनने के साथ ही उनका समाधान भी करते है | ऐसे में आप सोंच रहे होंगे, कि आखिर एक ग्राम प्रधान को एक महीनें में कितना वेतन मिलता होगा? आपके इसी सवाल का जवाब हम अपने इस लेख के माध्यम से दे रहे है | तो आईये जानते है, कि ग्राम प्रधान की सैलरी कितनी होती है ? इससे सम्बंधित जानकारी देने के साथ ही आपको यहाँ Gram Pradhan Salary 2024 {मानदेय} के बारें में बताया जा रहा है |     

ग्राम पंचायत सचिव कैसे बने        

Gram Pradhan Salary 2024

भारत के प्रत्येक राज्य में ग्राम प्रधान या सरपंच की सैलरी अर्थात प्रतिमाह मिलने वाला वेतन अलग-अलग होता है | यदि हम उत्तर प्रदेश की बात करे, तो यहाँ ग्राम प्रधान को प्रतिमाह वेतन के रूप में 3 हजार 500 रुपये दिए जाते है | जबकि पंचायत प्रमुख को हर महीनें 9 हजार 800 रुपये वेतन के रूप में यूपी राज्य सरकार की तरफ से दिए जाते है | आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021 में राज्य के सभी सरपंचों और पंचायत प्रमुख के साथ-साथ जिला पंचायत अध्यक्ष की सैलरी के साथ-साथ उनकों मिलनें वाली सुविधाओं में बढ़ोतरी की थी।      

जिस प्रकार देश के प्रत्येक गाँव में एक ग्राम प्रधान होता है, ठीक उसी प्रकार शहरों में निगम पार्षद होता है | भारतीय संविधान में सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा किए गए संशोधन के पश्चात ग्राम प्रधान या सरपंच के पद को कानूनी मान्यता मिली थी। एक ग्राम प्रधान, मुखिया या सरपंच गाँव का एक महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है, यहाँ तक कि गाँव की प्रगति के लिए सोंच-समझकर महत्वपूर्ण निर्णय लेना भी इन्ही का कार्य होता है | हमारे देश में ग्राम प्रधान को ग्राम सभा नामक स्थानीय स्वशासन के ग्राम-स्तरीय संवैधानिक निकाय द्वारा चुना जाता है।    

ग्राम प्रधान अन्य निर्वाचित पंचायत सदस्यों (जिन्हें वार्ड पांच के रूप में जाना जाता है) के सहयोग से ग्राम पंचायतों और जिला पंचायतों का गठन किया जाता है |  किसी भी गाँव का मुखिया सरकारी अधिकारियों और ग्राम समुदाय के बीच संपर्क का केंद्र होता है | उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिमाह गाँव के प्रधानों, पंचायत प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्षों को प्रति माह एक निर्धारित सैलरी प्रदान की जाती है | इसके अलावा सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के निधन पर मुआवजा भी दिया जाता है | हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इन्हें मिलनें वाली सैलरी के साथ-साथ मिलनें वाली सुविधाओं और मुआवजे की राशि में बढ़ोतरी करनें की घोषणा की है |   

ग्राम पंचायत की वोटर लिस्ट कैसे देखें

ग्राम प्रधान की सैलरी कितनी होती है ?

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि ग्राम प्रधान या सरपंच को सैलरी अर्थात वेतन नही, बल्कि उन्हें हर महीनें एक सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय दिया जाता है। अभी तक यह मानदेय 3500 रुपये दिया जाता था लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अब इसे बढ़ाकर 5,000 रूपये कर दिया गया है। इसके अलावा गांव से सम्बंधित कार्यों के लिए इधर उधर जाने के लिए उन्हें यातायात भत्ता अलग से प्रदान किया जाता है।

ग्राम प्रधान की सैलरी

मासिक मानदेय + यातायात भत्ता
= 5000 रुपये + ₹15000 रुपये

प्रत्येक वित्तीय वर्ष में डेवलपमेंट फण्ड के अंतर्गत पंचायतों के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट निर्धारित किया जाता है | इसी बजट के अंतर्गत ग्राम प्रधान को प्रतिमाह वेतन दिया जाता है | यदि देखा जाये तो पंचायती चुनाव में सबसे अहम् पद ग्राम प्रधान का होता है | ग्राम प्रधान या सरपंच और ग्राम पंचायत सदस्यों का चुनाव गाँव की जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से वोट के माध्यम से करती है |  गांवों में कराये जानें वाले सभी विकास कार्यों के लिए उपयुक्त धनराशि राज्य सरकार द्वारा पंचायत में भेजी जाती है, जिसे सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर द्वारा निकाला जाता है |  

यदि हम जिला पंचायत अध्यक्ष (Zilla Panchayat President) की बात करे, तो इन्हें हर महीनें 14,000 रुपये वेतन के रूप में मिलते है | जबकि पंचायत प्रमुख (Panchayat Head) को 9 हजार 800 रुपए प्रति माह सैलरी के रूप में दिए जाते है | इसके अलावा पंचायत के अन्य सभी प्रतिनिधियों को किसी प्रकार की कोई सैलरी नही जाती है, उन्हें सरकार द्वारा प्रति बैठक के हिसाब से पैसा दिया जाता है। जिला पंचायत सदस्यों को प्रति बैठक 1000 रुपए और क्षेत्र पंचायत सदस्यों को प्रति बैठक 500 रुपए मिलते है।

ग्राम प्रधान यातायात भत्ता (Village Head Transport Allowance)

एक ग्राम प्रधान को सैलरी के साथ-साथ यातायात भत्ता भी मिलता है, क्योकि गांव के विकास काम के लिए ग्राम प्रदान को बार-बार जनपद या किसी न किसी मीटिंग में जाना पड़ता है| मीटिंग और जनपद में आने-जाने के लिए ग्राम प्रधान जो राशि खर्च करता है, उसे सरकार भत्ते के रूप में प्रदान को देती है|

उत्तर प्रदेश सरकार नें इनके बढ़ाये वित्तीय अधिकार

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में जिला पंचायत अध्यक्ष, सरपंच या ग्राम प्रधान के साथ-साथ क्षेत्र पंचायत सदस्यों के वित्तीय अधिकार (Financial Rights) बढ़ाये जानें की घोषणा की है| जिला पंचायतों के वित्तीय अधिकारों को बढ़ाकर 25 लाख (25 Lakhs) तथा ग्राम प्रधानों को वित्तीय अधिकारों को बढाकर 5 लाख (5 Lakhs) रुपये कर दिया गया है |

उत्तर प्रदेश सरकार नें ग्राम प्रधानों को प्रतिमाह मिलनें वाली सैलरी और वित्तीय अधिकार बढ़ाने के साथ ही ग्राम पंचायत सदस्यों को मानदेय देने की घोषणा की है | दरअसल अभी तक ग्राम पंचायत सदस्यों को किसी भी प्रकार का मानदेय नहीं मिलता था परन्तु अब इन्हें मानदेय दिया जायेगा | 

ग्राम पंचायत सदस्यों को मानदेय के रूप में 100 रुपये प्रति बैठक के हिसाब से दिया जायेगा और 1 वर्ष में कम से कम 12 बार बैठक का आयोजन किये जायेगा | अभी तक क्षेत्र पंचायत सदस्यों को 500 रुपये प्रति बैठक के हिसाब से दिया जाता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 1 हजार रुपये प्रति बैठक कर दिया गया है|

ग्राम पंचायत में हुए कार्यों व खर्चे का विवरण ऑनलाइन कैसे देखे

FAQ

ग्राम प्रधान कितने वर्ष के लिए होता है?

एक ग्राम प्रधान 5 वर्ष के लिए कार्यरत होता है|

ग्राम प्रधान का कार्यकाल कहा होता है?

ग्राम प्रधान अपना कार्यकाल अपने घर पर ही बना सकता है, इसके साथ ही ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान का कार्यकाल होता है|

ग्राम प्रधान बनने की योग्यता क्या है?

प्रत्येक राज्य में ग्राम प्रधान या सरपंच बनने की न्यूनतम योग्यता अलग-अलग रखी गई है|

ग्राम प्रधान बनने के लिए कितनी आयु होनी चाहिए?

अगर आप ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ना चाहते है, तो आपकी न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए|

उत्तर प्रदेश के ग्राम प्रधान को कितना वेतन मिलता है?

उत्तर प्रदेश के ग्राम प्रधान को प्रतिमाह 3,500 रूपया मिलता है, जिसे बढ़ाकर 5,000 रूपए कर दिया गया है|

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