एनपीके (NPK) और डीएपी (DAP) उर्वरक क्या है ? एनपीके व डीएपी का फुल फॉर्म, उपयोग व लाभ


एनपीके (NPK) और डीएपी (DAP) उर्वरक से सम्बंधित जानकारी

हमारे देश में बिजनेस के साथ- साथ बड़ी तदाद में लोग खेती का कार्य भी करते है | वर्तमान समय में हमारे देश के सभी किसान अपनी पूरी लगन और मेहनत के साथ खेती में सभी फसलों का उत्पादन करते है | खेती की अच्छी उपज के लिए किसानो को अपने खेतों में दवा के रूप में कई चीजों का छिड़काव करना पड़ता है, जिससे खेतों में उत्पादित होने वाले खाद्य पदार्थो में किसी भी प्रकार की बीमारी न हो पाए | इसलिए खेतों में अच्छी उपज के लिए देश के सभी किसानो द्वारा उर्वरक का इस्तेमाल किया जाता है | यदि किसान अपने खेतों के लिए किसी भी उर्वरक का इस्तेमाल नहीं करते है, तो वह अपने खेतों में अच्छी फसल प्राप्त नहीं कर पाते है |

किसान अपने खेतों में अच्छी उपज के लिए एनपीके (NPK) और डीएपी (DAP) उर्वरक का इस्तेमाल करते है, इससे किसानो द्वारा खेतों में बोये जाने वाले खाद्य पदार्थो को बड़ी मात्रा में पोषक मिलता है, जिससे खेतों में बोयी गई फसल भी किसानो को बड़ी मात्रा में प्राप्त हो होती है | इसलिए यदि आप एक किसान है, और आप एनपीके (NPK) और डीएपी (DAP) उर्वरक के विषय में किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो यहाँ पर आपको एनपीके व डीएपी का फुल फॉर्म और इसका उपयोग व लाभ से सम्बंधित जानकारी से अवगत कराया गया है |

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एनपीके (NPK) उर्वरक क्या है ?

यदि किसान NPK उर्वरक यानि कि एनपीके खाद का इस्तेमाल करते है, तो किसानो को यह उर्वरक तीन तरह के अनुपात में ही प्रदान किये जाते हैं, क्योंकि उर्वरक भंडार में यह उर्वरक अधिकतर तीन तरह के ही अनुपात में बेचा जाता है | आपने देखा होगा कि जब आप उर्वरक के पैकेट को उर्वरक भण्डार से लेते है, तो उस पैकेट के ऊपर 18:18:18, 19:19:19 तथा 12:32:16: के अनुपात में लिखे हुए होते है | पहला अंक नाईट्रोजन के लिए होता है, दूसरा अंक फास्फोरस तथा तीसरा अंक पोटैसियम के लिए होता है | इसलिए किसान अपने काम के मुताबिक़, किसी एक उर्वरक को खरीद लेते है | वैसे तो अधिकतर किसान 12:32:16 यानि कि, पोटैसियम का ही इस्तेमाल के लिए खरीदते हैं |

इस अनुपात के उर्वरक में 12% नाईट्रोजन, 32% फास्फोरस तथा 16% पोटैशियम का मिश्रण पाया जाता है | किसान एनपीके उर्वक का इस्तेमालगाजर, आलू, प्याज, मूली आदि के लिए  कर सकते हैं, लेकिन किसान डीएपी उर्वरक का इस्तेमाल अधिक करते है, क्योंकि इसमें एनपीके उर्वरक में फास्फोरस की मात्र DAP से 14% कम पायी जाती है |

डीएपी (DAP) उर्वरक क्या है ?

डीएपी उर्वरक एनपीके उर्वरक से अधिक बेहतर माना जाता है, इसलिए डीएपी उर्वरक का इस्तेमाल किसानो द्वारा अधिक किया जाता है | वहीं यदि हम डीएपी के फुल फार्म की बात करें तो इसका पूरा नाम डाई अमोनियम फास्फेट है, लेकिन किसान इसे डीएपी उर्वरक के नाम से अधिक जानते है | इस उर्वरक में प्रमुख रूप से क्षारीय प्रकृति का रासायनिक उर्वरक (Chemical Fertilizer) पाया जाता है | इस उर्वरक का इस्तेमाल 1960 से शुरू कर दिया गया था, जिसका इस्तेमाल किसानो द्वारा सब उर्वरकों से अधिक किया जाता है, क्योंकि डीएपी में18% नाईट्रोजन तथा 46% फास्फोरस का मिश्रण पाया जाता है और इसके साथ ही इसमें 18% नाईट्रोजन में से 15.5% अमोनियम नाईट्रेट भी पाया जाता है |

एनपीके उर्वरक की पहचान

  • एनपीके उर्वरक के दाने अधिकतर सफेद चमकदार दिखाई देते है, और साथ ही इस उर्वरक की आकृति गोल होती है |
  • यदि आप इस उर्वक के दाने को पानी में डालते है, तो पानी में इसके दाने पूरी तरह से घुल जाते है और इसके बाद वह घोल ठंडा और शीतल हो जाता है ।
  • यदि आप एनपीके उर्वरक के कुछ दानो को गर्म तवे पर रखते है, तो इसमें आपको एक भी दाना नहीं दिखाई देगा, क्योंकि यह गर्म करने पर पूरी तरह से पिघल जाता है |

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डीएपी उर्वरक की पहचान

  • डीएपी उर्वरक कई तरह के रंगों में पायी जाती है जैसे- सख्त, दानेदार, भूरा, काला, बादामी आदि | ये उर्वरक के ऐसे रंग होते है, जो आसानी पूर्वक नाखूनों से नहीं निकाले जा सकते है |
  • यदि किसान डी.ए.पीके कुछ दानों को अपने हाथो में लेकर और उसमें चूना मिलाकर उसे मलकर चेक करते है, तो उसमेंबहुत ही तेजी के साथ असहनीय तीक्ष्ण गन्ध निकलती है |
  • यदि डीएपी उर्वरक को तवे पर धीमी आंच में गर्म करते है, तो डीएपी के दाने पूरी तरह से फूल जाते है |

एनपीके का फुल फॉर्म क्या है ?

एनपीके का फुल फॉर्म नाइट्रोजन फास्फोरस एंड पोटेशियम (Nitrogen Phosphorus and Potassium) होता है | इस उर्वरक का इस्तेमाल मुख्य रूप से किसानो द्वारा फल, फूल जैसे सब्जियों की अच्छी उपज के लिए किया जाता है |

डीएपी का फुल फॉर्म क्या है ?

डीएपी का फुल फॉर्म डाई अमोनियम फास्फेट (Dia Ammonia Phosphate) होता है | किसानो द्वारा इस उर्वरक इस्तेमाल खाद्य पदार्थों के उत्पादन के लिए जाता है |

एनपीके का उपयोग

NPK का उपयोग प्रमुख रूप से दानेदार धान, मूंग, उड़द, गेंहू आदि फसलो के लिए किया जाता है | इस उर्वरक में 16% पोटैसियम पाया जाता है | इस उर्वरक में पाए जाने वाला पोटेशियम से उगाने वाली फसलो के दानों में चमक आती है, और साथ ही उनका वजन बढ़ाने में भी यह मददगार साबित होता है |

डीएपी का उपयोग

अधिकतर किसान डीएपी उर्वरक का इस्तेमाल अधिक करते है | किसान लोग इस खाद का उपयोग आलू, गाजर, मूली, सकरकंद, प्याज आदि की अच्छी उपज के लिए करते है |

एनपीके के लाभ

  1. एनपीके उर्वरक में सबसे ख़ास बात उसमें पाए जाने वाला नाइट्रोजन तत्व होता है, जिसकी वजह से पौधों की बढ़ाने की क्षमता बढ़ती है |
  2. एनपीके उर्वरक का इस्तेमाल करने से जड़ों को तेजी के साथ बढ़ाने में मदद मिलती है।
  3. इस उर्वरक में पाए जाने वाले नाइट्रोजन पौधे के हरे रंग क्लोरोफिल को बढ़ाने का काम करता है |
  4. इस उर्वरक का छिड़काव करने से पौधों को कई तरह के रोगों से बचाया जा सकता है |
  5. यह ऐसा उर्वरक होता है, जो मुख्य रूप से पौधों में विटामिन की पूर्ति करता है |

डीएपी के लाभ

  1. यह उर्वरक किसानो द्वारा खेती में अच्छी उपज के लिए अधिक इस्तेमाल किया जाता है |
  2. इस उर्वरक का इस्तेमाल करने से खेतों में खाद्य पदार्थों का अच्छे से उत्पादन होता है |
  3. इस उर्वरक में 18% नाईट्रोजन तथा 46% फास्फोरस का मिश्रण पाए जाने के कारण किसी भी फसल का नुकसान नहीं होता है |

एनपीके और डीएपी में अंतर

एनपीके उर्वरक

  • एनपीके एक ऐसा उर्वरक है, जो भूमि के तीनों तत्व के लिए प्रमुख माना जाता है | इसलिए एनपीके उर्वरक का इस्तेमाल करने से फसल में अच्छी पैदावार भी होती है और इसके साथ ही मिट्टी की उर्वरक शक्ति बढ़ाने में मददगार साबित होती है |
  • वहीं, एनपीके उर्वरक घुलनशील होता है |

डीएपी उर्वरक

  • DAP उर्वरक घुलनशील नहीं होता है |
  • डी.ए.पी. उर्वरक घुलनशील न होने की वजह से मिट्टी में मिलने के बाद भी पौधों में दिखाई देता है |

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