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जुलाई में खेती
जुलाई का महीना खरीफ की फसलों का होता है, इन दिनों खरीफ की फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है| ऐसे में किसान भाइयो को जुलाई के महीने में उगाई जाने वाली फसलों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है| ताकि वह सही समय पर सही फसल की बुवाई करके बेहतर उपज प्राप्त कर सके, और उससे अच्छा मुनाफा ले सके|
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अगर आप भी जुलाई के महीने में उगाई जाने वाली फसलों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इस लेख में आपको जुलाई में कौन सी खेती करें तथा जुलाई में कौन सी सब्जी लगाई जाती है बता रहे है|
जुलाई में कौन सी खेती करें (Farming in July)
जुलाई का महीना जिन खेतियों के लिए उपयुक्त होता है, उसमे धान, मक्का, अरहर, बाजरा और ग्वार जैसी फैसले शामिल है|
धान की खेती :- जुलाई के महीने में धान की बुवाई शुरू हो जाती है| इस दौरान बारिश का मौसम होता है, और धान की फसल को पानी की जरूरत ज्यादा होती है| जिस वजह से जुलाई के महीने में धान की बुवाई करना अच्छा होता है| धान की बुवाई में जिन स्थानों पर पानी की कमी है, वहां पर सिंचाई के लिए उचित व्यवस्था जरूर कर ले| ऐसे स्थानों पर धान की बुवाई को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए, क्योकि धान की सीधी बुवाई में पानी की लागत कम लगती है|
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धान की उन्नत किस्मों में डब्ल्यूजीएल 32100, आईआर 64, डीआरआर 45, पूसा सुगंध 3, पूसा 1460, डीआरआर 310, और एमटीयू 1010 किस्में शामिल है| सभी किसान अपने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और जलवायु के आधार पर धान की उन्नत क़िस्म को चुन सकते है|
मक्का की खेती :- मक्का की खेती भी जुलाई के महीने में की जा सकती है| धान के बाद जो फसल सबसे अधिक मुनाफा देती है, वह मक्का की फसल है| मक्का का इस्तेमाल करके कई तरह के खाने की चीजों को बनाया जाता है| इसके अलावा मक्का का 65 फीसदी उपयोग पशुओं के आहार के रूप में करते है| क्योकि इससे काफी पौष्टिक चारा प्राप्त होता है| भुट्टा तुड़ाई के बाद जो फसल बचती है, उसे पशुओ के चारे के रूप में इस्तेमाल करते है| उद्योगिक दृष्टि से मक्के का उपयोग स्याही लोशन, चॉक्लेट पेन्ट्स, प्रोटिनेक्स, कॉर्न सिरप और स्टार्च कोका-कोला जैसी चीजों को बनाने में करते है| मक्के से जो बिना परागित भुट्टा प्राप्त होता है, उसे बेबीकॉर्न कहते है|
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इस बेबीकॉर्न का मूल्य अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक होता है| यही वजह है, कि किसानो के लिए मक्के की खेती अधिक लाभकारी साबित होती है, क्योकि इससे किसान भाई अच्छा मुनाफा कमाते है| धान की उन्नत क़िस्मों में पूसा सुपर स्वीट कॉर्न-2, पूसा एच एम 8 इम्प्रूव्ड (संकर), पूसा एच एम 4 इम्प्रूव्ड (संकर), पूसा जवाहर हाइब्रिड मक्का-1 (संकर), पूसा विवेक क्यू पी एम 9 इम्प्रूव्ड (संकर), पूसा सुपर स्वीट कॉर्न -1 (संकर), पूसा विवेक हाइब्रिड 27 इम्प्रूव्ड (संकर), पूसा एच एम 9 इम्प्रूव्ड (संकर) और पूसा एच क्यू पी एम 5 किस्में शामिल है| किसान भाई अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार मक्के की उन्नत क़िस्म का चयन कर सकते है|
अरहर की खेती :- अरहर एक दलहनी फसल है, जिसे आप जुलाई के महीने में लगा सकते है| बाज़ारो में दलहनी फसलों के काफी अच्छे भाव मिलते है, और बाजार में अरहर की दाल की मांग काफी रहती है| अरहर की खेती के लिए बारिश का मौसम काफी महत्वपूर्ण होता है| इस मौसम में किसानो को अरहर की फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध हो जाता है, जिससे अरहर की फसल की सिंचाई के लिए उपयुक्त पानी की व्यवस्था हो जाती है| यही वजह है, कि किसान इस मौसम में अरहर की सफलतापूर्वक खेती कर पाते है|
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जुलाई के महीने में किसान भाई अरहर की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते है| अरहर की उन्नत क़िस्मों में ट्राम्बे जवाहर तुवर-501, उपास-120, जे.के.एम.189, जे.के.एम.-7, आई.सी.पी.एल.-87119, बी.एस.एम.आर.-736, विजया आई.सी.पी.एच.-2671, आई.सी.पी.एल.-87, जवाहर अरहर-4, आई.सी.पी.-8863 और बी.एस.एम.आर.-853 किस्में शामिल है|
बाजरा की खेती :- जुलाई के महीने में बाजरा की खेती कर सकते है, क्योकि बाजरा की फसल को विपरीत परिस्थितियों व् सीमित बारिश वाले इलाको में कम उवर्रक की मात्रा में भी आसानी से उगाया जा सकता है| किसान भाई जहा पर अन्य फसलों का अच्छा उत्पादन नहीं ले पा रहे है, वहां पर बाजरे की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते है| बाजरे की फसल को अर्द्शुष्क व् शुष्क क्षेत्रों में मुख्य रूप से उगाया जा सकता है| ऐसे क्षेत्रों में बाजरे को दाने व् चारे का मुख्य स्त्रोत मानते है| बाजरा सूखे के प्रति सहनशील व् 2 से 3 माह वाली फसल है, जो सभी तरह की भूमि में उगाई जा सकती है|
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जिन क्षेत्रों में प्रति वर्ष 500-600 MM वर्षा होती है, वहां बाजरा आसानी से उगाया जा सकता है| बाजरे की उन्नत क़िस्मों में जी.वी.एच. 905 (एम.एच. 1055), के.वी.एच. 108 (एम.एच. 1737), एम.पी.एम.एच 17 (एम.एच.1663), आर.एच.बी. 173 (एम.एच. 1446), 86 एम 89 (एम एच 1747), 86 एम. 86 (एम. एच. 1684), एच.एच.बी. 223(एम.एच. 1468), 86 एम. 86 (एम. एच. 1617), कवेरी सुपर वोस (एम.एच.1553) और एम.वी.एच. 130 उन्नत किस्में शामिल है|
ग्वार की खेती :- खरीफ के मौसम में उगाई जाने वाली ग्वार एक बहु-उपयोगी फसल है। ग्वार को विपरीत परिस्थितियों वाली जलवायु और कम बारिश वाले क्षेत्र में भी आसानी से उगा सकते है| ग्वार की फसल की खास बात यह है, कि इसे उस प्रकार की मिट्टियो में भी उगाया जा सकता है, जहां पर अन्य फसलों को उगाना कठिन है| कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में भी ग्वार की खेती सफलतापूर्वक कर सकते है| यह सूखा और अधिक तापमान को भी सहन कर लेती है| ग्वार के दानों व् चूरी को पशुओं के खाने में प्रोटीन की पूर्ती करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है|
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ग्वार की फसल भूमि में वायुमंडल नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करती है| भूमि की क्षमता को बढ़ाने के लिए भी ग्वार की फसल का उपयोग किया जाता है| ग्वार की बुवाई जुलाई का महीना आरंभ होने या मानसून शुरू होने के बाद कर सकते है| ग्वार की उन्नत क़िस्मों में बुन्देल ग्वार-2, आर.जी.सी.-986, बुन्देल ग्वार-3, बुन्देल ग्वार-1, आर.जी. सी.-1003 और आर.जी.सी.-1002 किस्में शामिल है|
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जुलाई में कौन सी सब्जी लगाई जाती है (Vegetable Planted in July)
जुलाई के महीने में जिन सब्जियों की खेती की जा सकती है, उसमे टिंडा, भिंडी, लौकी, करेला और मूली शामिल है|
टिंडा की खेती :- टिंडा को अंग्रेजी भाषा में एप्पल गार्ड (Apple Guard) कहते है| जुलाई के महीने में टिंडा की खेती भी की जा सकती है, वैसे तो इसे फ़रवरी से अप्रैल के पहले सप्ताह तक भी उगा सकते है, लेकिन जुलाई का महीना टिंडा की फसल के लिए अच्छा माना जाता है| टिंडे की खेती के लिए अच्छी जलधारण वाली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है|
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टिंडे की खेती में एक बात का ध्यान में रखे कि आप जिस खेत में टिंडे की खेती कर रहे है, वहां की मिट्टी गर्म और नमी युक्त हो| टिंडा की उन्नत क़िस्मों में बीकानेरी ग्रीन और अर्का टिंडा शामिल है|
भिंडी की खेती :- जुलाई के महीने में भिंडी की भी खेती कर सकते है| भिंडी की फसल किसी भी प्रकार की भूमि में उगा सकते है| भिंडी की फसल लगाने से पहले खेत की 2 से 3 बार अच्छे से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना लिया जाता है, और खेत को समतल कर देते है|
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भिंडी बुवाई के लगभग 15 से 20 दिन बाद खेत की निराई-गुड़ाई करना बहुत आवश्यक होता है| भिंडी की उन्नत क़िस्मों में अर्का अनामिका और हिसार किस्में शामिल है|
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लौकी की खेती :- लौकी की खेती भी जुलाई के महीने में कर सकते है| लौकी की फसल को गर्म और नमी वाली जलवायु की आवश्यकता होती है| लौकी के बीजो को खेत में सीधा बोने से पहले तक़रीबन 24 घंटो तक पानी में भिगोकर रखे| ऐसा करने से बीजो का अंकुरण तेजी से होता है, जिससे आप अन्य फसलों की तुलना में लौकी की फसल जल्द ले पाएंगे| इसके अलावा बाजार में आपको लौकी का भाव भी अच्छा मिलेगा| लेकिन बारिश के मौसम में लौकी की खेती मचान विधि से करे, क्योकि इससे फसल को खरपतवार के प्रकोप से बचाया जा सकता है, तथा कीड़े भी पौधों को कम नुकसान पंहुचा पाते है|
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इसके अलावा खेत में सांप व् अन्य ज़हरीले कीड़ो के छुपे होने का भी खतरा कम हो जाता है| लौकी की उन्नत क़िस्मों में काशी बहार, काशी गंगा पर पूसा संतुष्टि किस्में आती है|
करेला की खेती :- जुलाई के महीने में करेले की फसल बोकर अच्छा मुनाफा कमा सकते है| गर्मी के मौसम में तैयार होने वाली इस फसल के काफी उपयोग है| अगर आप करेले का अच्छा उत्पादन लेना चाहते है, तो आप अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में करेले की खेती करे| करेले की उन्नत क़िस्मों में सोलन हरा, कल्याणपुर सोना और पूसा विशेष को रखा गया है|
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मूली की खेती :- जुलाई के महीने में मूली की फसल बोकर अच्छा मुनाफा बना सकते है| सामान्य तौर पर तो मूली की खेती के लिए ठंडा मौसम उपयुक्त होता है, लेकिन अब मूली को पूरे वर्ष ही उगा सकते है| मूली की खेती उचित जल निकास वाली दोमट मिट्टी में करना चाहिए, तथा खेत की जुताई थोड़ा गहरी करे, ताकि मूली की जड़े गहराई तक जा सके|
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मूली की उन्नत क़िस्मों में अर्का निशांत, पंजाब सफेद, पूसा चेतकी और पूसा देशी को रखा गया है|