छत पर खेती कैसे करें | घर की छत पर सब्जी (लौकी, तौरी, टमाटर) उगाने का तरीका


छत पर खेती कैसे करें इससे सम्बंधित जानकारी

जब भी खेती की बात आती है, तो लोगो के मन में अक्सर ही गांव – देहात के ख्याल आने लगते है | ग्रामीण क्षेत्रों के वह खुले-खुले खेत और वन काफी सुहावने होते है | लेकिन जब आप शहर में रह रहे होते है, तो आपके पास बागवानी के लिए भी जगह नहीं होती है, खेत खलिहान तो बहुत दूर की बात है | ऐसे में आपको यह जानकर हैरानी होगी अब आप अपने घर की छत पर भी खेती कर फसल ऊगा सकते है | वह भी सामान्य खेती नहीं लाभकारी खेती| आप अपने घर की छत पर फल, फूल और सब्जी का अच्छा उत्पादन कर सकते है, और उसे बेचकर पैसे भी कमा सकते है |

इसके लिए जगह और क़िस्म के चयन के आधार पर फसल को सुनिश्चित किया जाता है | उगाई जाने वाली सब्जी के बगीचे का आकार व्यक्तियों की संख्या पर निर्भर करता है | चार से पांच व्यक्तियों वाले परिवार के लिए मात्र 200 – 300 वर्ग मीटर जगह की जरूरत पड़ती है, यदि इससे भी कम जगह है, तो उसके लिए भी कई विकल्प मौजूद है | अगर आप अपने घर की छत पर खेती कर अपने परिवार या बेचने के लिए सब्जी का उत्पादन करना चाहते है, तो इस लेख में आपको छत पर खेती कैसे करें तथा घर की छत पर सब्जी (लौकी, तौरी, टमाटर) उगाने का तरीका बताया जा रहा है |

हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करें

घर पर सब्जी कहां उगाई जा सकती है (Home Vegetables Grown)

आपके घर के आस – पास कोई भी ख़ाली पड़ी जगह जो कच्ची हो वहा पर सब्जी को उगाया जा सकता है| अगर वहा की मिट्टी ठोस है, तो उसे खेत की मिट्टी की तरह खोद कर भुरभुरा बना ले | यदि संभव हो तो तालाब की उपजाऊ मिट्टी के साथ गोबर की खाद डालकर घर की मिट्टी में अच्छे से मिला ले | अब उस जगह में छोटी-छोटी क्यारियों को तैयार कर उसमे अपनी पसंद की सब्जी को लगाए | सिंचाई के लिए आप किचन से निकले व्यर्थ पानी का भी इस्तेमाल कर सकते है |

घर की छत पर खेती करने का तरीका (House Roof Farming)

घर की छत पर खेती करने के बारे में आप सोच रहे होंगे कि इसमें ढेर सारी मिट्टी को छत पर डालना होगा, क्यारिया बनानी होगी, पौधों को लगाना होगा | किन्तु ऐसा बिल्कुल नहीं है | छत पर खेती करने के लिए हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है | इस तकनीक में फसल उगाने के लिए भूमि की जरूरत नहीं होती है | इसमें आप फल, फूल और सब्जी को पानी से ही ऊगा सकते है | मिट्टी में उगाई गई फसल के मुकाबले हाइड्रोपॉनिक्स तकनीक से उगाई गई फसल में अधिक पोषक तत्व मौजूद होते है | इसके साथ ही पैदावार अधिक तेजी से बढ़ती है, और उपज भी चार से पांच गुना ज्यादा होती है |

घर में कौन-कौन सी सब्जिया उगाई जा सकती है (Home Grown Vegetables)

एरोपोनिक तकनीक (प्रणाली) से खेती कैसे करे

छत पर खेती के लिए हाइड्रोपोनिक्स विधि (Rooftop Farming Hydroponics Method)

हाइड्रोपोनिक्स विधि से खेती एक विदेशी तकनीक है, जो इस समय काफी प्रचलित है | इस तकनीक में मिट्टी की जरूरत बिल्कुल भी नहीं होती है, तथा पौधों को पोषक तत्व सीधा उनकी जड़ो तक पानी के सहारे पहुंचाया जाता है | इसमें न ही मिट्टी की जरूरत होती है, और न ही खाद की | इसमें सिर्फ पानी और कोकोपिट (नारियल) का उपयोग करते है, इससे छत पर अधिक वजन भी नहीं बढ़ता है, तथा सामान्य देखभाल में ही फसल लहलहाने लगती है | हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में पौधे को पाइप में एक मल्टी लेयर फ्रेम के सहारे उगाया जाता है | इसमें पौधों की जड़ो को पाइप के अंदर पोषक तत्व से भरे पानी में छोड़ देते है | कई कंपनियों द्वारा हाइड्रोपोनिक्स के सेटअप का काम किया जाता है |

यह कंपनी कमर्शियल फार्म सेट से लेकर शौकिया गार्डन तक को सेट करने में सहायता करती है | इस तरह की खेती में परंपरागत खेती की तुलना में कम पानी में ही काम हो जाता है, तथा अधिक क्षेत्रफल की भी जरूरत नहीं पड़ती है | जिस वजह से इस तकनीक का इस्तेमाल तेजी से भारत में बढ़ रहा है | आप दोनों ही तरीको का इस्तेमाल कर अपने घर पर ही शुद्ध और पोषक तत्व युक्त हरी – भरी सब्जियों को ऊगा सकते है, और अपने परिवार की भोजन की जरूरत को पूरा करने के साथ ही आमदनी भी कर सकते है |

सब्जी बगीचा लगाते समय जरूरी बातें (Vegetable Garden Planting Consider)

  • घर में बगीचा बनाने के लिए ऐसी जगह को चुने जहां सूरज की रोशनी आसानी से पहुंच सके| क्योकि सूरज की रौशनी से ही पौधे का विकास हो पाएगा |
  • पौधों को रोजाना 5-6 घंटे सूर्य की रौशनी अवश्य मिलनी चाहिए| इसलिए बगीचे का निर्माण छाव वाली जगह पर बिल्कुल न करे |
  • बगीचे के किनारे खाद के लिए गड्डा बनाए, इस गड्डे में घर का कचरा और पौधों से अवशेष डाले | ताकि बाद में वह सड़कर खाद के रूप में कार्य करे |
  • बगीचे के चारो और कंटीली झाड़ी व तार का बाड़ लगाए, और लता वाली सब्जियाँ उगाए |
  • सब्जियों और पौधों को देख-रेख करने के लिए छोटे-छोटे रास्ते का निर्माण करे ताकि आने जाने में आसानी हो |
  • रोपाई वाली सब्जियों के लिए पौधशाला बनाए या किसी किनारे पर पौध तैयार करे |
  • सब्जियों की आवश्यकतानुसार छोटी-छोटी क्यारिया और उनकी सिंचाई के लिए नालिया बनाए |
  • फलदार वृक्षों को पश्चिम दिशा में लगाए ताकि छाया का प्रभाव अन्य पौधों पर न पड़े |
  • जड़ वाली सब्जी को मेड़ बनाकर लगाए |
  • समय-समय पर फसल की निराई – गुड़ाई करे तथा फल, फूल व सब्जी के तैयार होने पर उनकी तुड़ाई कर ले |
  • ऐसी सब्जी का चयन करे, जिसकी उपलब्धता पूरे वर्ष बनी रहे |

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