मई में कौन सी खेती करें | मई में कौन सी सब्जी लगाई जाती है


मई में खेती

जो किसान भाई अपने खेतो में रबी के फसल की कटाई कर चुके है, वह मई के महीने में अगली फसल की बुवाई कर सकते है| किसान भाइयो को हर महीने लगाई जाने वाली फसल के बारे में जानकारी होनी चाहिए, ताकि सही समय पर सही फसल की बुवाई कर बेहतर उत्पादन लिया जा सके|

इसी तरह से आपको मई के महीने में लगाई जाने वाली फसलों के बारे में जानकारी दी जा रही है, और उनकी अधिक उत्पादन देने वाली किस्मो के बारे में भी बताया जा रहा है, ताकि आप अपने क्षेत्र के अनुसार उन्नत किस्मों का चयन कर उत्पादन को बढ़ा सके, और अच्छा मुनाफा भी ले सके| यहाँ पर आपको अप्रैल के महीने में उगाई जाने वाली फसलों के बारे में बताया जा रहा है|

मई में कौन सी खेती करें (May Plant)

मई के महीने में भी आप कई तरह की फसलों की बुवाई कर अच्छी उपज ले सकते है| इसके अलावा भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए हरी खाद वाली फसल भी लगा सकते है| यहाँ आपको मई के महीने में लगाई जाने वाली फसलो के बारे में बता रहे है:-

हरी खाद फसल

भूमि की सेहत सुधारने के लिए देशी गोबर की खाद या कम्पोस्ट को काफी लाभदायक माना जाता है, किन्तु आजकल पशुपालन काफी कम हो गया है, जिस वजह से देशी खाद भी कम मात्रा में मिल पाती है| अप्रैल के महीने में गेंहू की कटाई के बाद और जून के महीने में धान/मक्का की बुवाई से मध्य मई के महीने में आपको जो समय मिलता है| उसमे आप कमजोर खेत में हरी खाद को तैयार करने के लिए लोबिया, मूंग या ढेंचा की फसल लगा सकते है| इसके बाद जून के महीने में बुवाई से पहले जुताई कर हरी खाद खेत में मिला सकते है, इससे मिट्टी की सेहत में सुधार होता है|

मई के महीने में गेंहू की फसल पककर कटने के लिए तैयार हो जाती है| इस दौरान फसल की गहाई से पहले उसे अच्छी तरह से सुखा ले, ताकि सारे दाने भूसे से अलग हो जाए और उनमे फफूंद न लग पाए| गेंहू की गहाई में थ्रेसर की नाली 3 फुट से अधिक लंबी हो और 1.5 फुट हिस्सा ढका हुआ हो| इस तरह से आप हाथ कटने की दुर्घटना से बच सकते है| थ्रेसर चलाते समय नशीली वस्तु का उपयोग न करे, और न ही थ्रेसर के अंदर पूरा हाथ डाले, ढीले कपड़े न पहने, रात को रोशनी का उचित प्रबंध रखे और ट्रैक्टर द्वारा चलाए जा रहे, थ्रेसर के सभी पुर्जो को ढक दे|

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मूंगफली की फसल

मूंगफली की एस जी 84 एवं 722 क़िस्म को अप्रैल के अंतिम सप्ताह व् मई के महीने में लगा सकते है| जिसके बाद यह फसल अगस्त के अंत तक या सितंबर के आरंभ में तैयार हो जाती है| मूंगफली की फसल हल्की दोमट व् उचित जल निकासी वाली भूमि में उगाए| 38 KG दाना बीजो को 200 GM थीरम के साथ ही राइजोवियम जैव खाद से उपचारित करे|

इसके बाद बीजो को प्लांटर की मदद से 9 इंच की दूरी पर 2 इंच की गहराई में बोए| बीजाई करने पर 1 बोरा सिंगल सुपर फास्फेट, 70 KG जिप्सम, 1/4 बोरा यूरिया और 1/3 बोरा म्यूरेट ऑफ़ पोटाश डालें|

मूंग व उड़द की फसल

मूंग व मास 338 और उर्द की T9 क़िस्म को गेंहू की कटाई के पश्चात् मई के माह में लगा सकते है| मूंग की फसल 67 दिन में व् मास 90 दिन में पककर तैयार हो जाती है, और 3-7 क्विंटल पैदावार भी मिल जाती है| मूंग के 8 KG बीजो को 16 GM बाविस्टिन की मात्रा से उपचारित करने के साथ ही राइजावियम जैव खाद से भी उपचारित कर छाया में सुखा लेते है| इसके बाद 1 फ़ीट की दूरी पर बनी नालियों में 1/4 बोरा यूरिया व 1.5 बोरा सिंगल सुपर फास्फेट डालकर ढक देते है| इसके बाद बीजो को 2 इंच की दूरी व 2 इंच की गहराई में बोते है| यदि बसंतकालीन गन्ने को 3 फुट की दूरी पर बोया गया है, तो 2 लाइनों के मध्य सह-फसल के रूप में भी इस फसल को बो सकते है| इस स्थिति में आप 1/2 बोरा डी.ए.पी. को सह फसल के रूप में अतिरिक्त डालें|

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लोबिया की फसल

लोबिया फसल की एफ एस 68 क़िस्म 65-70 दिन में पककर तैयार हो जाती है, जिसे आप गेंहू कटने के बाद व धान, मक्का की फसल के बीच में लगा सकते है, जिससे आप 3 क्विंटल की पैदावार ले सकते है| 12 KG बीजो को 1 फुट के फासले पर बनी लाइनों में लगाए, तथा पौधों के मध्य 3-4 इंच का फासला रखे| बीजाई के समय 2 बोरा सिंगल सुपर फास्फेट व 1/3 बोरा यूरिया डालें, तथा 20-25 दिन पश्चात् पहली निराई-गुड़ाई करे|

कपास की फसल

कपास की बुवाई के लिए मई का महीना सबसे बढ़िया होता है, क्योकि इस दौरान फसल को सर्वोत्तम 21-27 डिग्री तापमान मिल जाता है| टिंडो को तैयार होने के लिए दिन में 27-32 डिग्री तापमान और राते ठंडी जरूरी है, इस तरह का मौसम सितंबर से नवंबर के महीने में होता है| खेत से गेंहू की फसल हटते ही, कपास की बीजाई की तैयारी शुरू कर दे| कपास की उन्नत किस्मों में एच डी 107, एच 777, ए ए एच 1, एच एस 6, एच एस 45 को हरयाणा में तथा संकर किस्मों में एल एच 1776, एल एम एच 144, एफ 1378, एफ 846, एल डी 694 व 327 को पंजाब में लगा सकते है|

कपास के बीजो को लगाने के लिए बीज ड्रिल या प्लास्टर का उपयोग कर 2 फुट लाइनों में 1 फुट पौध की दूरी रखकर 2 इंच गहरा बोते है| 2-3 हफ्तों के पश्चात् बीमार व कमज़ोर पौधों को निकाल दे| एक एकड़ में तकरीबन 20,000 कपास के पौधों को लगा सकते है|

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मई में कौन सी सब्जी लगाई जाती है (May Vegetable Planted)

मई में फूलगोभी, प्याज, मूली, मिर्च और बैंगन की खेती कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते है:-

बैंगन की खेती

मई के महीने में आप बैंगन की खेती भी कर सकते है, क्योकि यह एक गर्म जलवायु वाली फसल है, जो ठंडे के प्रति अतिसंवेदनशील है| मार्च से लेकर जून माह तक शादियों का सीजन रहता है, जिस वजह से सब्जी की खपत अधिक मात्रा में होती है| शादी जैसे कार्य्रक्रमो में बैंगन की सब्जी जरूर बनाई जाती है, ऐसे में अगर आप बैंगन की खेती करते है, तो आप अच्छी कमाई भी कर सकते है| लोगो के लिए बैंगन की पूसा पर्पल व पूसा भैरव किस्में उपयुक्त है|

प्याज की खेती

मई के महीने में उगाई जाने वाली फसलों में प्याज की फसल भी शामिल है| प्याज एक ऐसी सब्जी है, जिसका इस्तेमाल सामान्य तोर पर सभी रसोई में होता है| कई प्रकार के व्यंजनों को बनाने में भी प्याज का इस्तेमाल करते है| प्याज में मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है| इसके बीज को खेत में 0.5 CM की गहराई में लगाते है| बीजो को अंकुरण होने में 7-10 दिन लगते है, तथा 3-4 महीने में हार्वेस्टिंग का समय हो जाता है|

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फूलगोभी की खेती

फूलगोभी की फसल किसी भी मौसम में लगाई जा सकती है, लेकिन मई के महीने में फूलगोभी की खेती करना काफी फायदेमंद हो सकता है| क्योकि गर्मी के मौसम में कम पैदावार की वजह से फूलगोभी का भाव अधिक रहता है| ऐसे में अगर आप फूल गोभी की खेती करते है, तो यह आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है|

मिर्च की खेती

मिर्च की खेती रबी और खरीफ की फसल के रूप में की जाती है| लेकिन इसे कभी भी लगा सकते है| खरीफ फसलो की बुवाई मई-जून के महीने में की जाती है, तथा रबी की फसलो को सितंबर से अक्टूबर के महीने में लगाते है| अगर आप गर्मी के मौसम में मिर्च की फसल लगाना चाहते है, तो मई का महीना अच्छा है|

मिर्च की उन्नत किस्मों में जवाहर मिर्च -218, जवाहर मिर्च-283, काशी अनमोल, अर्का सुफल, काशी विश्वनाथ तथा संकर किस्मों में काषी सुर्ख, काशी अर्ली या काशी हरिता शामिल है, जिनसे अधिक उपज मिलती है|

टमाटर की खेती

पॉलीहाउस जैसी प्रभावी तकनीक आने के बाद अब वर्ष के 12 महीने टमाटर की खेती कर सकते है| इसकी खेती पूरे वर्ष में किसी भी महीने से शुरू कर सकते है| लेकिन गर्मी का महीना टमाटर की खेती के लिए ज्यादा बेहतर होता है| ऐसे में अगर आप मई के महीने में टमाटर की खेती करते है, तो बढ़िया मुनाफा हासिल कर सकते है|

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कद्दू की खेती

जुलाई और अगस्त के महीने में कद्दू का दाम काफी कम रहता है, लेकिन गर्मी का महीना आपको कद्दू की फसल से मोटी कमाई दे सकता है| इस मौसम में कद्दू की पैदावार काफी कम हो जाती है, इसलिए भाव ज्यादा मिलता है| इसके साथ ही कद्दू को लगाने के लिए ज्यादा जगह की भी जरूरत नहीं होती है| कद्दू बेहद कम समय में बढ़िया मुनाफा दे देता है|

मूली की खेती

मई के महीने में मूली भी लगाई जा सकती है| मूली को आप अपने घर में रखे गमले में भी उगा सकते है| मई के महीने में लगाई जाने वाली सब्जियों के बीजो या पौधों को लगाया जाता है| इसके लिए मूली के बीजो को गमले के ऊपर बिखेर देते है, और फिर मिट्टी में नमी बनाए रखने के लिए पानी देते है| मूली के पौधों को खुली धूप आवश्यकता होती है, जिस वजह से मई का महीना ज्यादा उपयुक्त होता है| मूली लगने के 50-60 दिन बाद उखड़ने के लिए तैयार हो जाती है|

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